आदिवासियों पर कब तक जुल्म ? आदिवासी महिला ने ‘शिवराज मामा’ से मांगी इच्छामृत्यु, दबंगों के अत्याचार से हताश, कठघरे में खाकी, आखिर कौन सुनेगा गुहार ?
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी छवि मामा की बना ली है. मामा यानि मध्य प्रदेश की हर महिला का भाई. अब ऐसे में महिला सुरक्षा के लिहाज से उनकी जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है, लेकिन अगर बेटी अपने शासन वाली राज्य सरकार से इच्छामृत्यु की मांग करने लगे तो क्या होगा? जी हां, छेड़छाड़ से तंग आकर लाडली बहन ने शिवराज सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है.
दरअसल, खंडवा में न सिर्फ आदिवासी महिला से छेड़छाड़ की गई, बल्कि जानवरों की तरह हैवानों ने महिला के प्राइवेट पार्ट्स से भी छेड़छाड़ की और रेप की कोशिश की. वहीं, पुलिस कार्रवाई के नाम पर कुछ खास नहीं हो रहा है.
जान से मारने की धमकी
आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरने वाली सरकार में एक आदिवासी महिला की ये हालत है. जिसे पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही है, दबंग अब भी महिला को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. वहीं, जब महिला की ओर से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई तो पुलिस ही शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही है.
पीड़ित महिला ने सुनाई आपबीती
पीड़ित महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत के आधार पर छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज करने के बजाय मामूली मारपीट की एफआईआर दर्ज कर ली. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बदले 2,000 रुपये भी लिए, जिसके बाद उन्होंने सादे कागज पर महिला के हस्ताक्षर करवाकर मनमाने ढंग से एफआईआर दर्ज कर ली.
पीड़ित महिला ने बताया कि गांव के दबंगों ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की, प्राइवेट पार्ट्स को चोट पहुंचाई, कुत्तों की तरह नोचा, लेकिन एफआईआर सिर्फ मारपीट की दर्ज की गई. पीड़िता ने बताया कि दबंग आरोपी अभी भी उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
नहीं मिलेंगे सीएम...
बता दें कि पीड़ित महिला 10 दिन से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चक्कर लगा रही है, लेकिन वल्लभ भवन से जवाब मिला कि उसे शिवराज से मिलने का समय नहीं मिलेगा. पीड़ित महिला का बेटा अब अपने मामा से अपनी मां के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है.
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