MP News: प्रदेश में एक साल में 10 बाघों को शिकारियों ने मारा, 12 साल में विमान कंपनियों को 113 करोड़ रुपए दिये


मध्य प्रदेश विधानसभा (फाइल फोटो)
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मध्य प्रदेश में एक साल में शिकारियों ने 10 बाघों का शिकार किया। सबसे ज्यादा छह बाघ का शिकार बालाघाट वन क्षेत्र में किया गया। वहीं, सरकार ने 12 साल में विमान कंपनियों को 113.59 करोड़ रुपए का भुगतान किया। भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के प्रश्न के जवाब में वन मंत्री विजय शाह ने लिखित जवाब में बताया कि पिछले साल 2022 में शिकारियों ने 10 बाघों का शिकार किया। इसमें अधिकतर को करंट लगाकर मारा गया। 31 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया और एक आरोपी फरार है। दो मामले में अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं, वन मंत्री ने बताया कि कूनो लगा गए चीतों के प्रचार प्रसार पर करीब चार लाख रुपए की राशि खर्च की गई।
निजी विमान कंपनियों को 113 करोड़ का भुगतान
प्रदेश सरकार के पास वर्तमान में एक हेलिकॉप्टर है, जिसका उपयोग किया जा रहा है। वहीं, निजी कंपनियों से भी विमान किराए पर लेती है। वर्ष 2010 से 2022 तक विमान पर लिए विमान के किराए पर 113.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में दी। सरकार ने 21 अलग-अलग कंपिनयों से किराए पर विमान लिए। सरकार के जवाब के हेलिकॉप्टर ईसी-155बी फ्रांस की मेसर्स यूरोकॉप्टर कंपनी से वर्ष 2011 में 71.31 करोड़ रुपए में खरीदा गया, जो अभी भी उपयोग में है। वर्ष 2011 से 31 दिसंबर 2022 तक इसके रखरखाव पर 34.10 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
प्रदेश में एक करोड़ तीन हजार किसान
प्रदेश में एक करोड़ तीन हजार किसान है। सबसे ज्यादा किसान बालाघाट में है। यह जानकारी सरकार की तरफ से विधानसभा में दी गई। विधायक प्रवीण पाठक के सवाल पर राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने लिखित जवाब में जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि दसवीं कृषि संगणना आधार वर्ष 2015-16 के भारत सरकार को 2018 में दिए आकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल किसानों की संख्या एक करोड़ तीन हजार 135 है। इसमें सबसे ज्यादा बालाघाट में तीन लाख 36 हजार 751 किसान है। हरदा जिले में सबसे कम 57 हजार 473 किसान है।
कर्मचारी चयन मंडल ने 327 करोड़ रुपए कमाए
सरकारी भर्ती परीक्षा कराने वाली मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने सात साल में बेरोजगारों से फीस के रूप में 327 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ कमाया है। वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक सात साल में आयोजित की गई भर्ती परीक्षाओं में कर्मचारी चयन मंडल को बतौर परीक्षा फीस 667.53 करोड़ रुपए मिली। इनमें से परीक्षाओं में मंडल ने 340 करोड़ रुपए खर्च किए और 337 करोड़ रुपए लाभ के रूप में कमाएं।
8 आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जांच
सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू के पास स्टेट जीएसटी के सबसे अधिक 21 अफसरों के प्रकरण लंबित हैं। इनमें से 12 केस ईओडब्ल्यू और नौ लोकायुक्त पुलिस के पास हैं। यह प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी अधिकारी है। इनमें से अधिकतर के खिलाफ चालानी कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, आबकारी विभाग के नौ अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही है।
तीन साल में 61 संपत्ति बेची
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उपयोग में नहीं आ रही 61 परिसंपत्तियों की नीलामी से सरकार ने 553.59 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। इनमें से वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक 37 तो वर्ष 2021-22 में 19 और वर्ष 2020-21 में पांच संपत्तियों की नीलामी की गई। सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए 60 परिसंपत्तियां नीलामी के लिए उपलब्ध कराई हैं।
खनिज विभाग के 35 अधिकारियों की हो रही जांच
खनिज विभाग के 35 अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतों पर ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त पुलिस जांच कर रही है। इनमें 22 के खिलाफ ईओडब्ल्यू और 13 के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच कर रही है। विधायक जीतू पटवारी के सवाल प खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि विभाग में कोई अभियोजन स्वीकृति का प्रकरण लंबित नहीं है।