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MP News: नरोत्तम बोले- जवाब सुनने के लिए जिगरा चाहिए, इनमें सीएम का सामना करने की हिम्मत नहीं

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मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में कांग्रेस की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इतना नीरस, तथ्यहीन, आधारहीन, तर्कहीन अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले कभी सदन में नहीं आया है। मैंने तब भी कहा और अभी भी कह रहा हूं कि आरोप और जवाब दोनों सुनने के लिए जिगरा चाहिए। रात को तारीख बदलने तक हम सामने बैठे रहे, लेकिन रात बारह बजे तक कमलनाथ जी सदन में नहीं आए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। इससे पहले पत्रकारों से नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इनमें (कांग्रेस) सीएम का सामना करने की हिम्मत नहीं हैं। आरोप और जवाब दोनों सुनने के लिए जिगरा चाहिए। उनका कार्यक्रम में जाना जरूरी था। उनका शादी विवाह में जाना जरूरी था। उनके लिए सदन जरूरी नहीं था। सदन को वैसे भी वह बकवास कह चुके हैं।

विपक्ष की फूट देखने को मिली
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष की फूट कल (बुधवार को) देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने की कमलनाथ जी की योजना सामने दिख रही थी। कमलनाथ गुट के लोग नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने में लगे रहे। एक स्थिति तो ऐसी आ गई कि नेता प्रतिपक्ष को माइक पर आकर कहना पड़ा कि मैं अकेला सीएम के भाषण को सुनूंगा। इनमें मुख्यमंत्री का सामना करने की हिम्मत नहीं है। इनमें क्षमता नहीं है जवाब सुनने की। क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव में जो आरोप लगाए गए, उनमें ही कोई दम नहीं था।

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मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में कांग्रेस की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इतना नीरस, तथ्यहीन, आधारहीन, तर्कहीन अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले कभी सदन में नहीं आया है। मैंने तब भी कहा और अभी भी कह रहा हूं कि आरोप और जवाब दोनों सुनने के लिए जिगरा चाहिए। रात को तारीख बदलने तक हम सामने बैठे रहे, लेकिन रात बारह बजे तक कमलनाथ जी सदन में नहीं आए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। इससे पहले पत्रकारों से नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इनमें (कांग्रेस) सीएम का सामना करने की हिम्मत नहीं हैं। आरोप और जवाब दोनों सुनने के लिए जिगरा चाहिए। उनका कार्यक्रम में जाना जरूरी था। उनका शादी विवाह में जाना जरूरी था। उनके लिए सदन जरूरी नहीं था। सदन को वैसे भी वह बकवास कह चुके हैं।

विपक्ष की फूट देखने को मिली

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष की फूट कल (बुधवार को) देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने की कमलनाथ जी की योजना सामने दिख रही थी। कमलनाथ गुट के लोग नेता प्रतिपक्ष को अलग-थलग करने में लगे रहे। एक स्थिति तो ऐसी आ गई कि नेता प्रतिपक्ष को माइक पर आकर कहना पड़ा कि मैं अकेला सीएम के भाषण को सुनूंगा। इनमें मुख्यमंत्री का सामना करने की हिम्मत नहीं है। इनमें क्षमता नहीं है जवाब सुनने की। क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव में जो आरोप लगाए गए, उनमें ही कोई दम नहीं था।

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