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MP News: उद्यानिकी विभाग के यंत्रीकरण घोटाले में कार्रवाई, IFS सत्यानंद समेत 15 अधिकारी पर केस दर्ज

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लोकायुक्त पुलिस ने उद्यानिकी विभाग के यंत्रीकरण घोटाले में लोकायुक्त ने आईएफएस अधिकारी सत्यानंद समेत 15 अधिकारियों और निजी फर्म के खिलाफ सरकारी योजनाओं  में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच लोकायुक्त संगठन पांच साल से कर रहा था। इसमें अपात्र लोगों को मनमाने तरीके से योजना का लाभ देने और वितरण कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से अनुदान राशि का भुगतान करने के आरोप लगे है।

लोकायुक्त को मुकेश पाटीदार निवासी मंदसौर ने शिकायत की थी। जिसमें उद्यानिकी विभाग मंदसौर में पदस्थ मनीष चौहान, उप संचालक उद्यानिकी एवं अन्य के द्वारा मंदसौर जिले में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, यंत्रीकरण योजना तथा संरक्षित खेती योजना में नियमों के विरीत कार्य कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत की गई थी। लोकायुक्त की जांच में विभाग में संचालित योजनाएं तथा राज्य योजनाएं, एकीकृत बागवानी मिशन योजना यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकाय योजना, राष्ट्रीय औषधी मिशन में अनियमितता पाई गई।

जांच में सामने आया कि मंदसौर जिले को तुलनात्मक दृष्टि से योजनाओं में अत्याधिक राशि स्वीकृत की गई। इसमें उप संचालक मनीष चौहान ने केंद्र पोषित योजना में राज्य सरकार के नियमों की अवहेलना करके सीधे यंत्र प्रदाता कंपनी से सांठगांठ कर उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी। यहीं नहीं हितग्राही का चयन भी मनमाने तरीके से किया गया तथा एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को यंत्र प्रदाय किए गए।

यहीं नहीं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत अनार के पौधों एवं ड्रिप इरीगेशन सिस्टम के भुगतान में भी अनयिमताएं पायी गई है। इन योजनाओं का पैसा भी डीबीटी के माध्यम से हितग्राही कृषक के बैंक खाते में भेजना था, जो नहीं करते हुए सीधे पौधा वितरण कंपनी एंव ड्रिप इरीगेशन संयंत्र कंपनी को भुगतान कर दिया गया। योजनांतर्गत प्रदान किए गए अनार के सभी पौधे वर्ष 2017-18 में गर्मी पड़ने से सूख गए तथा किसानों का कोई सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई। उद्यानिकी विभाग ने प्रथम आओ प्रथम पाओ नीति का भी पालन नहीं किया। तथां यंत्र प्रदाता कंपनी द्वारा किसानों से सीधे भुगतान प्राप्त किया गया। योजना की शर्तों में द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने पर ही अनुदान राशि का भुगतान करना था, लेकिन राशि पौधा वितरित करने के बाद ही कंपनियों को प्रदान कर दी गई।

संरक्षित खेती योजना अंतर्गत पॉली हाउस/ शेडनेट हाउस/ वॉक इन टनल से संबंधित योजना के दिशा  निर्देशों का पालन भी नहीं हुआ है। तथा हितग्राहियों के खातों में अनुदान राशि का भुगतान न करते हुए किसान एग्रोटेक एवं अन्य कंपनियों के खातों में भुगतान किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में नियम विरुद्ध तरीके से अमानक स्तर के कृषि यंत्रों की कथित खरीदी तथा यंत्र प्रदाता कंपनियों एवं अनार पौधा एवं ड्रिप इरीगेशन वितरण कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से कृषक अनुदान राशि का भुगतान कर शासन का आर्थिक पहुंचाई गई।

इनके खिलाफ केस दर्ज किया
1- सत्यानंद, तत्कालीन संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल, 2- मनीष चौहान, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग मंदसौर, 3- राजेश जाटव, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सह प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड मल्हारगढ़, जिला मंदसौर, 4- पप्पूलाल पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मंदसौर, 5- बनवारी वर्मा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड, सीतामऊ, जिला मंदसौर, 16- राजेश मईड़ा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड गरोठ जिला मंदसौर, 7- सत्यम मण्डलोई, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड़ भानपुरा, जिला मंदसौर, 8- सुरेशसिंह धाकड़, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी मंदसौर, 9 – दिनेश पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मंदसौर 10- प्रोप्राइटर- सुरेश मणिभाई पटेल, फर्म- गणेश ट्रेडिंग कंपनी, जबलपुर निवासी ग्राम आमोद, तहसील पिटलाद, जिला आणंद गुजरात 11- प्रोप्राइटर प्रवीण भाई मूलजी, फर्म – छत्तीसगढ़ इंटरप्राईजेस निहार अस्पताल के सामने, धन्धा रोड़, जेवरा सिरसा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ, निवासी- कातुलबोर्ड वार्ड नं. 59, मकान नंबर 16 / 90 हरिनगर, दुर्ग, छत्तीसगढ़ 12- प्रोप्राइटर – मितुलभाई पिता प्रवीणभाई पटेल, फर्म- जे. एम. इंटरप्राईजेस, हरिनगर दुर्ग, छत्तीसगढ़, 13- मिहिर पण्ड्या, डायरेक्टर, एबीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी, प्रा. लि., ब्लॉक नंबर 347744 सरदार नगर इंडस्ट्रियल कॉपरेटिव सोसायटी स्टेट, ग्राम छापरा, जिला खेड़ा, गुजरात, 14- मंगलन शिवदासन, डायरेक्टर, एवीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि., ब्लॉक नंबर 347744 सरदार नगर इंडस्ट्रियल कॉपरेटिव सोसायटी स्टेट, ग्राम छापरा, जिला खेड़ा, गुजरात 15- शिवसिंह मेहता, मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स कृति इंडस्ट्रीज (इंडिया) लिमिटेड़, प्लॉट नंबर 75-86 सेक्टर सेकेण्ड पीथमपुर धार (म. प्र. ) एवं अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 ( 1 ) ए, 13 ( 1 ) वी सहपठित धारा – 13 ( 2 ) तथा भादंवि की धारा 409, 420, 120बी के के तहत केस दर्ज किया है।
 
 

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लोकायुक्त पुलिस ने उद्यानिकी विभाग के यंत्रीकरण घोटाले में लोकायुक्त ने आईएफएस अधिकारी सत्यानंद समेत 15 अधिकारियों और निजी फर्म के खिलाफ सरकारी योजनाओं  में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच लोकायुक्त संगठन पांच साल से कर रहा था। इसमें अपात्र लोगों को मनमाने तरीके से योजना का लाभ देने और वितरण कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से अनुदान राशि का भुगतान करने के आरोप लगे है।

लोकायुक्त को मुकेश पाटीदार निवासी मंदसौर ने शिकायत की थी। जिसमें उद्यानिकी विभाग मंदसौर में पदस्थ मनीष चौहान, उप संचालक उद्यानिकी एवं अन्य के द्वारा मंदसौर जिले में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, यंत्रीकरण योजना तथा संरक्षित खेती योजना में नियमों के विरीत कार्य कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत की गई थी। लोकायुक्त की जांच में विभाग में संचालित योजनाएं तथा राज्य योजनाएं, एकीकृत बागवानी मिशन योजना यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकाय योजना, राष्ट्रीय औषधी मिशन में अनियमितता पाई गई।

जांच में सामने आया कि मंदसौर जिले को तुलनात्मक दृष्टि से योजनाओं में अत्याधिक राशि स्वीकृत की गई। इसमें उप संचालक मनीष चौहान ने केंद्र पोषित योजना में राज्य सरकार के नियमों की अवहेलना करके सीधे यंत्र प्रदाता कंपनी से सांठगांठ कर उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी। यहीं नहीं हितग्राही का चयन भी मनमाने तरीके से किया गया तथा एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को यंत्र प्रदाय किए गए।

यहीं नहीं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत अनार के पौधों एवं ड्रिप इरीगेशन सिस्टम के भुगतान में भी अनयिमताएं पायी गई है। इन योजनाओं का पैसा भी डीबीटी के माध्यम से हितग्राही कृषक के बैंक खाते में भेजना था, जो नहीं करते हुए सीधे पौधा वितरण कंपनी एंव ड्रिप इरीगेशन संयंत्र कंपनी को भुगतान कर दिया गया। योजनांतर्गत प्रदान किए गए अनार के सभी पौधे वर्ष 2017-18 में गर्मी पड़ने से सूख गए तथा किसानों का कोई सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई। उद्यानिकी विभाग ने प्रथम आओ प्रथम पाओ नीति का भी पालन नहीं किया। तथां यंत्र प्रदाता कंपनी द्वारा किसानों से सीधे भुगतान प्राप्त किया गया। योजना की शर्तों में द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने पर ही अनुदान राशि का भुगतान करना था, लेकिन राशि पौधा वितरित करने के बाद ही कंपनियों को प्रदान कर दी गई।

संरक्षित खेती योजना अंतर्गत पॉली हाउस/ शेडनेट हाउस/ वॉक इन टनल से संबंधित योजना के दिशा  निर्देशों का पालन भी नहीं हुआ है। तथा हितग्राहियों के खातों में अनुदान राशि का भुगतान न करते हुए किसान एग्रोटेक एवं अन्य कंपनियों के खातों में भुगतान किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में नियम विरुद्ध तरीके से अमानक स्तर के कृषि यंत्रों की कथित खरीदी तथा यंत्र प्रदाता कंपनियों एवं अनार पौधा एवं ड्रिप इरीगेशन वितरण कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से कृषक अनुदान राशि का भुगतान कर शासन का आर्थिक पहुंचाई गई।

इनके खिलाफ केस दर्ज किया

1- सत्यानंद, तत्कालीन संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल, 2- मनीष चौहान, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग मंदसौर, 3- राजेश जाटव, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं सह प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड मल्हारगढ़, जिला मंदसौर, 4- पप्पूलाल पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी मंदसौर, 5- बनवारी वर्मा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड, सीतामऊ, जिला मंदसौर, 16- राजेश मईड़ा, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड गरोठ जिला मंदसौर, 7- सत्यम मण्डलोई, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखण्ड़ भानपुरा, जिला मंदसौर, 8- सुरेशसिंह धाकड़, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी मंदसौर, 9 – दिनेश पाटीदार, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मंदसौर 10- प्रोप्राइटर- सुरेश मणिभाई पटेल, फर्म- गणेश ट्रेडिंग कंपनी, जबलपुर निवासी ग्राम आमोद, तहसील पिटलाद, जिला आणंद गुजरात 11- प्रोप्राइटर प्रवीण भाई मूलजी, फर्म – छत्तीसगढ़ इंटरप्राईजेस निहार अस्पताल के सामने, धन्धा रोड़, जेवरा सिरसा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ, निवासी- कातुलबोर्ड वार्ड नं. 59, मकान नंबर 16 / 90 हरिनगर, दुर्ग, छत्तीसगढ़ 12- प्रोप्राइटर – मितुलभाई पिता प्रवीणभाई पटेल, फर्म- जे. एम. इंटरप्राईजेस, हरिनगर दुर्ग, छत्तीसगढ़, 13- मिहिर पण्ड्या, डायरेक्टर, एबीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी, प्रा. लि., ब्लॉक नंबर 347744 सरदार नगर इंडस्ट्रियल कॉपरेटिव सोसायटी स्टेट, ग्राम छापरा, जिला खेड़ा, गुजरात, 14- मंगलन शिवदासन, डायरेक्टर, एवीसी एग्रोबॉयोटेक कंपनी प्रा.लि., ब्लॉक नंबर 347744 सरदार नगर इंडस्ट्रियल कॉपरेटिव सोसायटी स्टेट, ग्राम छापरा, जिला खेड़ा, गुजरात 15- शिवसिंह मेहता, मैनेजिंग डायरेक्टर, मेसर्स कृति इंडस्ट्रीज (इंडिया) लिमिटेड़, प्लॉट नंबर 75-86 सेक्टर सेकेण्ड पीथमपुर धार (म. प्र. ) एवं अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 ( 1 ) ए, 13 ( 1 ) वी सहपठित धारा – 13 ( 2 ) तथा भादंवि की धारा 409, 420, 120बी के के तहत केस दर्ज किया है।

 

 

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