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MP News: बहन का पोता ही निकला वृद्ध महिला का हत्यारा, गहनों की खातिर मारकर नर्मदा में फेंक दिया था

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मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में हुई 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का हत्यारा उसकी बहन का पोता ही निकला। आरोपी ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।

सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील के इस मामले में तीन लोगों द्वारा वृद्धा का अपहरण करने के फुटेज मिले थे। इनके जरिए पुलिस  हत्यारे तक पहुंच गई। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वृद्ध महिला के गहने एवं घटना में प्रयुक्त मोटर सायकिल भी जब्त कर ली है।

पुलिस के अनुसार घटना 3-4 जनवरी की रात को फरियादी रामद्वार यदुवंशी ने अपनी वृद्ध मां बलिया बाई पति हजारीलाल यदुवंशी उम्र 75 साल निवासी दिगवाड़ के गुम होने की रिपोर्ट थाने पर दर्ज कराई थी। इसकी जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में तीन अज्ञात व्यक्तियों को वृद्ध महिला को साथ ले जाते हुए देखा था। 

घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक मंयक अवस्थी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस शशांक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में वयोवृध्द महिला की तलाश के लिए तीन थानों की पुलिस टीमें गठित की थी। पुलिस टीमों ने पांच दिन तक प्रयास कर घटना की गुत्थी को सुलझाने में सफलता प्राप्त की।

नर्मदा नदी से निकाला गया शव
3 जनवरी के सीसीटीवी फुटेज से तकनीकी डाटा संकलित कर सभी संभावित स्थानों पर वृद्ध महिला की तलाश के लिए तीन थानों की टीमें गठित की गईं। पुलिस टीम ने तकनीकी अध्ययन से बाबरी घाट तरफ महिला को ले जाए जाने के साक्ष्य पाए थे। इसके आधार पर पुलिस टीमों ने नर्मदा नदी के किनारों व पानी में लगातार चार दिन तक तलाश कर वृद्ध महिला का शव निकाला। 

इस तरह आरोपियों को दबोचा 
जांच व साक्ष्यों से पाया गया कि आरोपियों ने ही मृत महिला के गहनों के लालच में घटना को अंजाम दिया। साथ ही घटना में महिला के किसी परिजन के भी शामिल होने की आशंका जताई गई थी। महिला के परिजनों से पूछताछ में यह बात सामने आई कि घटना से एक दिन पहले बलिया बाई अपने भतीजे के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने ग्राम डिमावर गई थी। बलिया बाई की बहन ललताबाई का पोता धर्मेन्द्र यदुवंशी उसे वहां मिला था। बलिया बाई के गहने देखकर धर्मेन्द्र के मन में लालच आया और दूसरे दिन यानी 3 जनवरी को दोपहर में वह बलियाबाई के घर रैकी करने गया। वह करीब एक घंटे तक बलिया बाई के पास रुका व घर की रैकी की। पारिवारिक सदस्य होने के कारण धर्मेन्द्र यदुवंशी का घर आना सामान्य माना गया।
बलियाबाई के गहनों के लालच में आरोपी धर्मेन्द्र ने अपने गांव के साथियों दिलीप यदुवंशी उर्फ भूरा और नीलेश यदुवंशी के साथ 3-4 जनवरी की रात बलिया बाई के घर में घुसा एवं वृद्ध महिला की हत्या कर डाली तथा गहने निकालकर शव को हेंगर में रस्से से बांधकर नर्मदा नदी में ले जाकर फेंक दिया था। शव को हेंगर व पत्थर डालकर फेंका था, ताकि वह कभी सतह पर न आ सके। आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया। बलिया बाई के पैर में चांदी की कड़ी एवं गले का सोने का मंगलसूत्र तथा घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद कर ली गई। 

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मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में हुई 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का हत्यारा उसकी बहन का पोता ही निकला। आरोपी ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया है।

सीहोर जिले की नसरुल्लागंज तहसील के इस मामले में तीन लोगों द्वारा वृद्धा का अपहरण करने के फुटेज मिले थे। इनके जरिए पुलिस  हत्यारे तक पहुंच गई। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वृद्ध महिला के गहने एवं घटना में प्रयुक्त मोटर सायकिल भी जब्त कर ली है।

पुलिस के अनुसार घटना 3-4 जनवरी की रात को फरियादी रामद्वार यदुवंशी ने अपनी वृद्ध मां बलिया बाई पति हजारीलाल यदुवंशी उम्र 75 साल निवासी दिगवाड़ के गुम होने की रिपोर्ट थाने पर दर्ज कराई थी। इसकी जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में तीन अज्ञात व्यक्तियों को वृद्ध महिला को साथ ले जाते हुए देखा था। 

घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक मंयक अवस्थी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस शशांक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में वयोवृध्द महिला की तलाश के लिए तीन थानों की पुलिस टीमें गठित की थी। पुलिस टीमों ने पांच दिन तक प्रयास कर घटना की गुत्थी को सुलझाने में सफलता प्राप्त की।

नर्मदा नदी से निकाला गया शव

3 जनवरी के सीसीटीवी फुटेज से तकनीकी डाटा संकलित कर सभी संभावित स्थानों पर वृद्ध महिला की तलाश के लिए तीन थानों की टीमें गठित की गईं। पुलिस टीम ने तकनीकी अध्ययन से बाबरी घाट तरफ महिला को ले जाए जाने के साक्ष्य पाए थे। इसके आधार पर पुलिस टीमों ने नर्मदा नदी के किनारों व पानी में लगातार चार दिन तक तलाश कर वृद्ध महिला का शव निकाला। 

इस तरह आरोपियों को दबोचा 

जांच व साक्ष्यों से पाया गया कि आरोपियों ने ही मृत महिला के गहनों के लालच में घटना को अंजाम दिया। साथ ही घटना में महिला के किसी परिजन के भी शामिल होने की आशंका जताई गई थी। महिला के परिजनों से पूछताछ में यह बात सामने आई कि घटना से एक दिन पहले बलिया बाई अपने भतीजे के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने ग्राम डिमावर गई थी। बलिया बाई की बहन ललताबाई का पोता धर्मेन्द्र यदुवंशी उसे वहां मिला था। बलिया बाई के गहने देखकर धर्मेन्द्र के मन में लालच आया और दूसरे दिन यानी 3 जनवरी को दोपहर में वह बलियाबाई के घर रैकी करने गया। वह करीब एक घंटे तक बलिया बाई के पास रुका व घर की रैकी की। पारिवारिक सदस्य होने के कारण धर्मेन्द्र यदुवंशी का घर आना सामान्य माना गया।

बलियाबाई के गहनों के लालच में आरोपी धर्मेन्द्र ने अपने गांव के साथियों दिलीप यदुवंशी उर्फ भूरा और नीलेश यदुवंशी के साथ 3-4 जनवरी की रात बलिया बाई के घर में घुसा एवं वृद्ध महिला की हत्या कर डाली तथा गहने निकालकर शव को हेंगर में रस्से से बांधकर नर्मदा नदी में ले जाकर फेंक दिया था। शव को हेंगर व पत्थर डालकर फेंका था, ताकि वह कभी सतह पर न आ सके। आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया। बलिया बाई के पैर में चांदी की कड़ी एवं गले का सोने का मंगलसूत्र तथा घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद कर ली गई। 

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