MP News: पोषण आहार घोटाले में विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब, मंत्री सारंग बोले- कोई सच्चाई नहीं
भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस ने एमपी महालेखाकार की महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार के तहत टेक होम राशन के उत्पादन, भंडारण, परिवहन और वितरण को लेकर अनियमितता को लेकर जारी गोपनीय रिपोर्ट पर शिवराज सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया।
इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विभाग जवाब देगा। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी। सारंग ने एजी की रिपोर्ट के बाद बाड़ी प्लांट को लेकर रिपोर्ट के बिन्दुओं पर जवाब दिए।
सारंग- हमने बाड़ी प्लांट के रिपोर्ट में उल्लेखित समय के परिवहन की जानकारी एकत्रित की। 1764 गाड़ियों से टेक होम राशन (टीएचआर) सप्लाई किया गया। इसमें 34 गाड़ियों पर एजी रिपोर्ट में आपत्ति ली गई कि गाड़ी नंबर ट्रक का नहीं बल्कि दूसरे व्हीकल का है। विभाग की जांच में सामने आया कि यह सभी 34 ट्रक ही हैं।
इनमें चालान में गाड़ी के नंबर लिखने में लिपिकीय त्रुटि हुई है। उदाहरण चालान में एक गाड़ी का नंबर एमपी 09 एचजी 2760 दर्ज है। जबकि इसमें एमपी 04 की जगह एमपी 09 लिख दिया गया। हमने परिवहन विभाग से भी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन चेक कराए हैं, जिसमें सभी ट्रक हैं।
दूसरा कहा गया कि ट्रक की जगह ऑटो से मॉल सप्लाई हुआ, यह सच है। 13 बैग विदिशा से परिवहन होना था, केवल 650 किलो। इसमें लोडिंग ट्रक की जरूरत नहीं थी। इसलिए ऑटो को उपयोग किया गया, इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
आरोप: राशन की गुणवत्ता जांच के लिए स्वतंत्र प्रयोगशाला सैंपल नहीं भेजे गए?
सारंग- ऑडिट रिपोर्ट में अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के टीएचआर की गुणवत्ता को लेकर सवाल किया गया। हम सभी को मालूम है कि इस दौरान किसकी सरकार थी। टीएचआर की जांच सरकार ने ही कराई। जब जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता में कमी मिली तो सरकार ने 35 करोड़ रुपये का भुगतान रोकने की कार्रवाई की। जांच रिपोर्ट हमारी सरकार के समय आई।
आरोप: टीएचआर संयंत्र की उत्पादन क्षमता से अधिक का माल सप्लाई किया गया?
सारंग- बाड़ी प्लांट की क्षमता 400 मीट्रिक टन प्रति माह है। जो कि सप्लाई से बहुत ज्यादा है। सप्लाई के मामले में कोई गड़बड़ी का तथ्य सामने नहीं आया। बिजली खपत को लेकर बात की जा रही है। खपत के लिए बिजली खपत का कोई मानक तय नहीं है।
इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि क्षमता से ज्यादा उत्पादन कर लिया। इसके बावजूद विभाग जांच कर रहा है। प्रारंभिक रूप से देखने में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है।
आरोप: प्लांट के प्रोडक्शन से ज्यादा राशन सप्लाई किया गया?
सारंग- रिपोर्ट में इस तथ्य को शामिल नहीं किया गया कि किसी भी प्रोड्क्शन हाउस में अपनी खुद की इवेंट्री होती है। जो पुराने समय बने माल की होती है। जब सामान की सप्लाई की बात करते हैं तो उसे भी उपयोग किया जाता है।
आरोप: टीएचआर की सप्लाई करने शाला त्यागी किशोरियों की संख्या के लिए बेसलाइन सर्वे नहीं किया गया। मनमानी तरीके से संख्या तय की गई?
सारंग- सरकार ने सुनिश्चित किया कि जो बच्चियां स्कूल नहीं आतीं उनको ही राशन बांटा जाए। यदि आप साल 2018-19 की बात करेंगे तो यह संख्या उस समय करीब 2 लाख 26 हजार थी। साल 2019 में इस प्रक्रिया को और पारदर्शी किया गया। साल 2021-22 में जाकर यह संख्या 15 हजार रह गई।