नामीबिया से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में सभी आठ चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। इस बीच वन मंत्री विजय शाह, पीसीसीएफ आरके गुप्ता और एपीसीसीएफ शुभरंजन सेन का चीता प्रबंधन का विदेश यात्रा का स्टडी टूर विवादों में आ गया है। इस टूर पर मंत्री विजय शाह पत्नी को भी साथ ले गए थे। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उनका खर्च टूर में शामिल नहीं किया गया। अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकायुक्त को शिकायत करने की तैयारी की जा रही है।
मध्य प्रदेश के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में नामाबिया से चीता लाने का पूरा प्रोजेक्ट केंद्र सरकार और नोडल एजेंसी एनटीसीए का है। नोडल एजेंसी ही पूरे प्रोजेक्ट की देखरेख और प्रबंधन कर रही है। मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह, पीसीसीएफ आरके गुप्ता और एपीसीसीएफ शुभरंजन सेन के 21 अगस्त से 30 अगस्त 2022 तक स्टडी टूर किया। चीतों के नाम पर सभी तंजानिया और साउथ अफ्रीका की यात्रा कर आए। इस स्टूडी टूर पर 32 लाख रुपये खर्च किया गया। अब वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने आरटीआई से मिले दस्तावेजों के आधार पर सवाल उठाए हैं कि केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश के मंत्री और अधिकारी अलग से कैसे टूर कर रहे हैं। जबकि इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही एनटीसीए और मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी टूर कर चुके और उनके ही देखरेख में पूरा प्रोजेक्ट चल रहा है।
टूर से अनुमान से डबल खर्च
वन मंत्री और दो अधिकारियों के विदेशी टूर पर अप्रैल 2022 में 15 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया। इसके बाद टूर पर करीब 32 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसमें सवाल उठाया गया है कि जब टूर सही था तो शासन से ही अनुमति लेकर यात्रा क्यों नहीं की गई। सोसायटी के अध्यक्ष के वन मंत्री होने के चलते आसानी से पैसा खर्च करने को लेकर सवाल खड़े किए गए। इसमें सवाल उठाया गया कि परिजन को साथ में लेकर जाने से खर्च डबल हुआ।
ना कोई स्टडी रिपोर्ट आई
मंत्री ने अपने दो अधिकारियों के साथ तंजानिया और साउथ अफ्रीका का टूर किया। इन दोनों ही जगह से चीतों को नहीं लाया गया। ना ही कोई स्टडी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। ऐसे में सवाल उठाया गया कि क्या एनटीसीए से टूर की अनुमति ली गई थी। अब पूरे मामले में मुख्यमंत्री के साथ मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के स्पेशल ऑडिट की कार्यवाही के लिए दस्तावेज रखने की बात कही जा रही है।
सीएम के सामने रखेंगे शिकायत
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को कोढ़ कहा है। अब हम इस मामले में मुख्यमंत्री को शिकायत देने जा रहे हैं। साथ ही पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने भी रखेंगे। मध्य प्रदेश कर्ज में डूबा हुआ है। ऐसे में बेवजह के मंत्री और अधिकारी खर्चीलें दौरे कर रहे हैं।
हमने रिपोर्ट शासन को दी
इस मामले पर पीसीसीएफ आरके गुप्ता ने कहा कि प्रबंधन के लिए ऐसे दौरे किए जाते हैं। पहले भी ऐसे दौरे किए गए हैं। हमने दौरे के बाद आकर रिपोर्ट शासन को भेजी हैं। वहीं, इस मामले में वन मंत्री विजय शाह का पक्ष लेने के लिए संपर्क किया, लेकिन उनसे सपंर्क नहीं हो सका।