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MP News: फर्जी आईडी प्रूफ से GST पंजीयन प्राप्त कर कागजों में चल रही थी पांच फर्म, टेरर फंडिंग में मामला दर्ज

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स्टेट जीएसटी ने प्रदेश की आठ फर्म का मामला एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड को सौंपा है। यह फर्म फर्जी आईडी प्रूफ से जीएसटी पंजीयन प्राप्त कर कागजों में चल रही थी। यह ना माल मंगाती ना बेचती फिर भी बिल जारी कर रही थी। नगद लेनदेन के चलते टेरर फंडिंग की आंशका के चलते एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जीएसटी के पंजीयन के फर्जी दस्तावेजों के सबूत मिले है। जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी का पंजीयन प्राप्त कर लिया था। वह भौतिक रूप से कोई व्यवसाय नहीं कर रहे थे। कागजों पर अपना व्यापार चला रहे थे। यह फेक बिलिंग भी करते थे। ऐसा प्रथम दृष्टया पाया गया है। ऐसी 8 फर्म पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें पांच इंदौर, दो भोपाल और एक ग्वालियर की फर्म है। पुलिस फर्जी आईडी प्रूफ कहां और कैसे बनाया, इसकी जांच भी कर रही हैं। नाम पते फर्जी यह सब जांच के अंदर लिए गए है।
 
बता दें  गलत तरीके से टैक्स क्रेडिट लेने वाली फर्मो पर राज्य जीएसटी विभाग की नजर लंबे समय से थी। जिसके बाद इन फर्मों पर छापामार कार्रवाई की गई। यह कंपिनयां ना माल मंगा रही थी ना ही भेज रही थी। फर्जी बिलों से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जनरेट कर रही थी। फिर आईटीसी को किसी अन्य फर्म को ट्रांसफर कर नगद राशि ले लेते थे। इसे ही ही सर्कुलर क्रेडिट कहते हैं। 
 

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स्टेट जीएसटी ने प्रदेश की आठ फर्म का मामला एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड को सौंपा है। यह फर्म फर्जी आईडी प्रूफ से जीएसटी पंजीयन प्राप्त कर कागजों में चल रही थी। यह ना माल मंगाती ना बेचती फिर भी बिल जारी कर रही थी। नगद लेनदेन के चलते टेरर फंडिंग की आंशका के चलते एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जीएसटी के पंजीयन के फर्जी दस्तावेजों के सबूत मिले है। जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी का पंजीयन प्राप्त कर लिया था। वह भौतिक रूप से कोई व्यवसाय नहीं कर रहे थे। कागजों पर अपना व्यापार चला रहे थे। यह फेक बिलिंग भी करते थे। ऐसा प्रथम दृष्टया पाया गया है। ऐसी 8 फर्म पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें पांच इंदौर, दो भोपाल और एक ग्वालियर की फर्म है। पुलिस फर्जी आईडी प्रूफ कहां और कैसे बनाया, इसकी जांच भी कर रही हैं। नाम पते फर्जी यह सब जांच के अंदर लिए गए है।

 

बता दें  गलत तरीके से टैक्स क्रेडिट लेने वाली फर्मो पर राज्य जीएसटी विभाग की नजर लंबे समय से थी। जिसके बाद इन फर्मों पर छापामार कार्रवाई की गई। यह कंपिनयां ना माल मंगा रही थी ना ही भेज रही थी। फर्जी बिलों से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जनरेट कर रही थी। फिर आईटीसी को किसी अन्य फर्म को ट्रांसफर कर नगद राशि ले लेते थे। इसे ही ही सर्कुलर क्रेडिट कहते हैं। 

 

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