MP News: बिजली समस्या को लेकर किसानों ने बैल को सौंपा ज्ञापन, आंदोलन करने की चेतावनी


बैल को सौंपा ज्ञापन
– फोटो : अमर उजाला
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सतना जिले के बिजली विभाग के अधिकारियों से किसानों की नाराजगी कोई नई बात नहीं है, लेकिन ऐसी ही नाराजगी के चलते सतना जिले के रामपुर बघेलान में किसानों ने ऐसा कारनामा किया, जिसे लेकर सभी अचंभित हैं। रामपुर बघेलान इटमा कोठार ग्राम के दर्जनभर से अधिक किसानों ने प्रेम नगर के विद्युत कार्यालय में अपनी समस्याओं को लेकर बैल को ज्ञापन सौंपा है।
किसानों का आरोप है कि किसानों की बदहाली का कारण वज्र मंडल है। अगर समय रहते जले हुए ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाते तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे। किसानों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए रामपुर बघेलान क्षेत्र के जनपद सदस्य नंदकिशोर पटेल नंदू ने कोनिया कोठार इटमा कोठार असरार के किसान बिजली विभाग प्रेमनगर कार्यालय सतना पहुंचे।
कई महीनों से किसान परेशान…
वहीं दो दिन की मोहलत देते हुए किसान का कहना है कि कई महीनों से किसान परेशान हैं। बिजली बिल जमा होने के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाते, किसानों ने कहा कि बिजली विभाग तानाशाही रवैया पर उतारू है। इतनी बात होने के बाद भी कई बड़े अधिकारी मौन हैं और किसान की फसल चौपट हो रही है।
वहीं जिले के कई गांव ऐसे हैं, जहां सिंचाई के लिए दिन के समय पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। रात के समय बिजली मिलने के कारण किसानों को रात के समय ही खेतों में सिंचाई करना पड़ रही है। किसानों का कहना है कि बिजली कंपनी को रात के बजाए दिन में भी बिजली प्रदान करना चाहिए, ताकि किसान दिन में ही सिंचाई कर सकें।
ट्रांसफार्मर लेने के लिए किसानों की भीड़ लग रही…
जिले में सिंचाई का समय शुरू होने के साथ ही इन दिनों अब जिले के बिजली कंपनी कार्यालयों में ट्रांसफार्मर प्राप्त करने के लिए किसानों की भीड़ लग रही है। हर दिन बड़ी संख्या में किसान ट्रांसफार्मर प्राप्त करने के लिए ट्रैक्टर लेकर बिजली कंपनी कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिकांश सिंचाई बिजली पर ही निर्भर है। इसलिए ट्रांसफार्मर जरूरी है। राशि जमा करने के बाद ट्रांसफार्मर प्राप्त कर रहे हैं।
किसानों की लगातार सूचनाएं आ रही हैं कि पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। न ही दिन के समय पर्यापत बिजली दी जा रही है। इसको लेकर जनपद सदस्य नंदकिशोर पटेल ने कलेक्टर को भी पत्र लिखा है। बिजली कंपनी को किसानों को समय पर पर्याप्त बिजली देना चाहिए। यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।