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MP News: निजी बैंक का पूर्व अधिकारी महंगे शौक में बन गया ठग, 30 लाख की धोखाधड़ी में गिरफ्तार

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राजधानी भोपाल में एक निजी बैंक का पूर्व अधिकारी महंगे शौक में ठग बन गया। आरोपी ने कोरोना काल का फायदा उठाकर चेहरे पर मास्क लगाकर इंडसइंड बैंक से 9 लाख 54 हजार रुपये निकाल लिए। फिर एचडीएफसी बैंक से उन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अकाउंट खोलकर करीब 20 लाख रुपये का लोन ले लिया। एमपी नगर पुलिस ने आरोपी 32 वर्षीय सुरेंद्र बुंदेला को गिरफ्तार कर लिया।

एमपी नगर पुलिस को खानूगांव निवासी शब्बीर हसन ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि इंडसइंड बैंक शाखा एमपी नगर में 4 दिसंबर 2004 को रुपये 3 लाख 18 हजार 116 की एफडीआर कराई थी। अक्टूबर 2021 में पैसे की आवश्यकता होने पर बैंक से सम्पर्क किया तो उसे बताया गया कि उनकी एफडीआर क्र 300001405881 निकाल ली गई। शब्बीर ने धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक पैसे हड़पने की शिकायत की। पुलिस ने मामले की जांच की तो पाया कि आरोपी सुरेन्द्र बुंदेला नाम के व्यक्ति ने नकली दस्तावेज तैयार कर शब्बीर हसन की इंडसइंड बैंक की एफडीआर के  9 लाख 54 हजार रुपये को तुड़वाकर निकलवा लिया। वहीं, आरोपी ने उन्हीं दस्तावेजों का उपयोग कर एचडीएफसी बैंक से 19 लाख 85 हजार 82 रुपये का लोन लिया। पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू की। जांच में इंडसइंड बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बैंक के पूर्व कर्मचारी सुरेन्द्र सिंह बुंदेला को पुलिस ने बुलाकर पूछताछ की, जिसके बाद उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।  

पुराने कस्टमर के फर्जी दस्तावेज बनाए 
आरोपी सुरेन्द्र सिंह बुंदेला इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्य करता था। इस दौरान आरोपी ने इंडसइंड बैंक में सालों पुरानी शब्बीर हसन की एफडी दिखी। उसमें 9 लाख रुपये से ज्यादा जमा हो गए थे और शब्बीर भी लंबे समय से एफडीआर के संबंध में ब्रांच नहीं आए थे। इसके बाद आरोपी ने अपने पुराने बैंक कस्टमर कृष्ण पाल सिंह तोमर की फोटो निकालकर एडिट कर आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं अन्य दस्तावेज तैयार किए।  कोरोना काल का फायदा उठाकर चेहरे पर मास्क लगाकर फर्जी दस्तावेजों से एफडी तुड़वा ली। आरोपी ने बाद में उन्हीें दस्तावेजों से एचडीएफसी बैंक के फर्जी बैंक अकाउंट से 19 लाख 85 हजार 82 रुपये लोन ले लिया। आरोपी द्वारा नेट से फोटो निकालकर जुनेद हसन पिता शब्बीर हसन नाम की फर्जी आईडी बनाकर एचडीएफसी बैंक से नकली आईडी दिखाकर खुद चेक क्लीयर करवा दिया। 

कोरोना काल में चली गई थी नौकरी
आरोपी सुरेंद्र ने भोपाल के प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए किया है तथा पूर्व में एक्सिस बैंक में 80 हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर कार्य करता था, लेकिन कोरोना काल में नौकरी जाने के कारण बाद में आरोपी ने इंडसइंड बैंक में 30 हजार रुपये की सैलरी पर ज्वॉइन किया, लेकिन आरोपी का रहन-सहन एवं खर्चे काफी बढ़े हुए थे। इसके कारण उसका गुजारा मुश्किल हो रहा था। तब उसके दिमाग में इस तरह का अपराध का खयाल आया और उसने एक एफडी करीब 9.50 लाख रुपये की तुड़वाकर एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाए गए खाते से करीब 20 लाख रुपये का लोन लिया एवं पूरा पैसा शेयर बाजार में लगाकर उसे गंवा बैठा। इस मामले में इंडसइंड बैंक के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 

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राजधानी भोपाल में एक निजी बैंक का पूर्व अधिकारी महंगे शौक में ठग बन गया। आरोपी ने कोरोना काल का फायदा उठाकर चेहरे पर मास्क लगाकर इंडसइंड बैंक से 9 लाख 54 हजार रुपये निकाल लिए। फिर एचडीएफसी बैंक से उन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अकाउंट खोलकर करीब 20 लाख रुपये का लोन ले लिया। एमपी नगर पुलिस ने आरोपी 32 वर्षीय सुरेंद्र बुंदेला को गिरफ्तार कर लिया।

एमपी नगर पुलिस को खानूगांव निवासी शब्बीर हसन ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि इंडसइंड बैंक शाखा एमपी नगर में 4 दिसंबर 2004 को रुपये 3 लाख 18 हजार 116 की एफडीआर कराई थी। अक्टूबर 2021 में पैसे की आवश्यकता होने पर बैंक से सम्पर्क किया तो उसे बताया गया कि उनकी एफडीआर क्र 300001405881 निकाल ली गई। शब्बीर ने धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक पैसे हड़पने की शिकायत की। पुलिस ने मामले की जांच की तो पाया कि आरोपी सुरेन्द्र बुंदेला नाम के व्यक्ति ने नकली दस्तावेज तैयार कर शब्बीर हसन की इंडसइंड बैंक की एफडीआर के  9 लाख 54 हजार रुपये को तुड़वाकर निकलवा लिया। वहीं, आरोपी ने उन्हीं दस्तावेजों का उपयोग कर एचडीएफसी बैंक से 19 लाख 85 हजार 82 रुपये का लोन लिया। पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू की। जांच में इंडसइंड बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बैंक के पूर्व कर्मचारी सुरेन्द्र सिंह बुंदेला को पुलिस ने बुलाकर पूछताछ की, जिसके बाद उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।  

पुराने कस्टमर के फर्जी दस्तावेज बनाए 

आरोपी सुरेन्द्र सिंह बुंदेला इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्य करता था। इस दौरान आरोपी ने इंडसइंड बैंक में सालों पुरानी शब्बीर हसन की एफडी दिखी। उसमें 9 लाख रुपये से ज्यादा जमा हो गए थे और शब्बीर भी लंबे समय से एफडीआर के संबंध में ब्रांच नहीं आए थे। इसके बाद आरोपी ने अपने पुराने बैंक कस्टमर कृष्ण पाल सिंह तोमर की फोटो निकालकर एडिट कर आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं अन्य दस्तावेज तैयार किए।  कोरोना काल का फायदा उठाकर चेहरे पर मास्क लगाकर फर्जी दस्तावेजों से एफडी तुड़वा ली। आरोपी ने बाद में उन्हीें दस्तावेजों से एचडीएफसी बैंक के फर्जी बैंक अकाउंट से 19 लाख 85 हजार 82 रुपये लोन ले लिया। आरोपी द्वारा नेट से फोटो निकालकर जुनेद हसन पिता शब्बीर हसन नाम की फर्जी आईडी बनाकर एचडीएफसी बैंक से नकली आईडी दिखाकर खुद चेक क्लीयर करवा दिया। 

कोरोना काल में चली गई थी नौकरी

आरोपी सुरेंद्र ने भोपाल के प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए किया है तथा पूर्व में एक्सिस बैंक में 80 हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर कार्य करता था, लेकिन कोरोना काल में नौकरी जाने के कारण बाद में आरोपी ने इंडसइंड बैंक में 30 हजार रुपये की सैलरी पर ज्वॉइन किया, लेकिन आरोपी का रहन-सहन एवं खर्चे काफी बढ़े हुए थे। इसके कारण उसका गुजारा मुश्किल हो रहा था। तब उसके दिमाग में इस तरह का अपराध का खयाल आया और उसने एक एफडी करीब 9.50 लाख रुपये की तुड़वाकर एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाए गए खाते से करीब 20 लाख रुपये का लोन लिया एवं पूरा पैसा शेयर बाजार में लगाकर उसे गंवा बैठा। इस मामले में इंडसइंड बैंक के अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 

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