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MP News: महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार, लोकायुक्त ने कलेक्टर समेत तीन आईएएस अफसरों को नोटिस भेजा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुभारंभ किए गए उज्जैन के श्री महाकाल लोक को बनाने में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस मामले में मध्यप्रदेश लोकायुक्त संगठन ने आरोप प्राथमिक जांच में सही पाए हैं। इस आधार पर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह समेत तीन आईएएस अफसरों और 15 लोगों को नोटिस जारी किया है।
 
लोकायुक्त संगठन को मिली शिकायत के अनुसार आरोप है कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके एक ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाया है। इस मामले में लोकायुक्त ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर 28 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। आरोप के अनुसार महाकाल लोक के प्रथम फेज के निर्माण में निम्न गुणवत्ता की पार्किंग का निर्माण किया गया। ठेकेदार के गलत बिलों को पास किया गया। बिलों को बिना जांच के पास कर दिया गया।

लोकायुक्त संगठन ने उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, उज्जैन समार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ क्षितिज सिंह और तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता को नोटिस भेजा है। इसके अलावा उज्जैन स्मार्ट के निदेशक सोजन सिंह रावत, दीपक रत्नावत, स्वतंत्र निदेशक श्रीनिवास नरसिम्हा राव पांडुरंगी, मुख्य परिचालन अधिकारी आशीष पाठक, तत्कालीन मुख्य परिचालन अधिकारी जितेंद्र सिंह चौहान शामिल है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है।
 
बता दें श्री महाकाल लोक का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है। इस पर दोनों चरणों में 856 करोड़ रुपए खर्च का बजट है। इसमें प्रथम चरण में 316 करोड़ से प्रथम चरण का काम पूरा हो गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कर रही है। इसका उद्देश्य महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के इलाके का विकास और ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित करना है।
 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुभारंभ किए गए उज्जैन के श्री महाकाल लोक को बनाने में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस मामले में मध्यप्रदेश लोकायुक्त संगठन ने आरोप प्राथमिक जांच में सही पाए हैं। इस आधार पर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह समेत तीन आईएएस अफसरों और 15 लोगों को नोटिस जारी किया है।

 

लोकायुक्त संगठन को मिली शिकायत के अनुसार आरोप है कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके एक ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाया है। इस मामले में लोकायुक्त ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर 28 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है। आरोप के अनुसार महाकाल लोक के प्रथम फेज के निर्माण में निम्न गुणवत्ता की पार्किंग का निर्माण किया गया। ठेकेदार के गलत बिलों को पास किया गया। बिलों को बिना जांच के पास कर दिया गया।

लोकायुक्त संगठन ने उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, उज्जैन समार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ क्षितिज सिंह और तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता को नोटिस भेजा है। इसके अलावा उज्जैन स्मार्ट के निदेशक सोजन सिंह रावत, दीपक रत्नावत, स्वतंत्र निदेशक श्रीनिवास नरसिम्हा राव पांडुरंगी, मुख्य परिचालन अधिकारी आशीष पाठक, तत्कालीन मुख्य परिचालन अधिकारी जितेंद्र सिंह चौहान शामिल है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है।

 

बता दें श्री महाकाल लोक का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है। इस पर दोनों चरणों में 856 करोड़ रुपए खर्च का बजट है। इसमें प्रथम चरण में 316 करोड़ से प्रथम चरण का काम पूरा हो गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कर रही है। इसका उद्देश्य महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के इलाके का विकास और ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित करना है।

 

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