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MP News: छिंदवाड़ा में नगर निगम ने एक साल से नहीं किया ठेकेदारों को भुगतान, नए कार्य हो सकते हैं ठप

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छिंदवाड़ा नगर निगम के ठेकेदारों ने कमिश्नर कार्यालय के बाहर भुगतान में आ रही परेशानी को लेकर धरना दे दिया जिससे काफी देर तक गहमागहमी का माहौल देखा गया। वित्तीय भार से डगमगाती नैया को संभालने नगर निगम आयुक्त राहुल सिंह द्वारा डूबने से बचाने प्रयास किए जा रहे हैं। 

ऐसे में वे उन तमाम कार्यो पर कसावट ला रहे है जिससे निगम को संभाला जा सके। लेकिन इसमें उन्हें सहयोग की जगह विरोध का सामना करना पड़रहा है। विरोध का शंखनाद  निगम के ठेकेदारों द्वारा किया गया। एक जुट हुए ठेकेदार कमिश्नर के कक्ष के करीब नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि शहर में नए कामों की शुरूआत करने से पहले ठेकेदारों को पुराने कामों का बकाया भुगतान किया जाए। इसके बाद भी नए निर्माण कार्यों की शुरुआत की जाए।

मांग सही तरीका गलत
रुके हुए भुगतान की मांग ठेकेदारों की सही है लेकिन अपनी बात रखने के लिए अपनाया गया तरीका गलत है। नगर निगम आयुक्त ने भी कक्ष में बुलाने के बाद ठेकेदारों को यही समझाईश दी। उनका कहना था कि राजस्व बढ़ाने के प्रयासों के अलावा कर्मियों से लेकर ठेकेदारों के भुगतान को लेकर व्यवस्था बनाई जा रही है। जल्द ही सभी ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।

लंबित भुगतान को लेकर बढ़ा आक्रोश
पिछले एक साल से नगर निगम में कार्य करने वाले ठेकेदारों के भुगतान को लेकर विषम स्थिति बन रही है। लंबे समय तक संयम रखने के बाद अब ठेकेदारों मे आक्रोश गहरा रहा है। उनका कहना है कि वे नगर निगम में सड़क या नाली का निर्माण करते हैं। उनके निगम में कम भुगतान ही रहते हैं। दीपावली के अलावा उन्हें चार से पांच माह में एक बार ही अल्प भुगतान किया जा सका है। ऐसे में वे निर्माण कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं।

विस्तार

छिंदवाड़ा नगर निगम के ठेकेदारों ने कमिश्नर कार्यालय के बाहर भुगतान में आ रही परेशानी को लेकर धरना दे दिया जिससे काफी देर तक गहमागहमी का माहौल देखा गया। वित्तीय भार से डगमगाती नैया को संभालने नगर निगम आयुक्त राहुल सिंह द्वारा डूबने से बचाने प्रयास किए जा रहे हैं। 

ऐसे में वे उन तमाम कार्यो पर कसावट ला रहे है जिससे निगम को संभाला जा सके। लेकिन इसमें उन्हें सहयोग की जगह विरोध का सामना करना पड़रहा है। विरोध का शंखनाद  निगम के ठेकेदारों द्वारा किया गया। एक जुट हुए ठेकेदार कमिश्नर के कक्ष के करीब नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि शहर में नए कामों की शुरूआत करने से पहले ठेकेदारों को पुराने कामों का बकाया भुगतान किया जाए। इसके बाद भी नए निर्माण कार्यों की शुरुआत की जाए।

मांग सही तरीका गलत

रुके हुए भुगतान की मांग ठेकेदारों की सही है लेकिन अपनी बात रखने के लिए अपनाया गया तरीका गलत है। नगर निगम आयुक्त ने भी कक्ष में बुलाने के बाद ठेकेदारों को यही समझाईश दी। उनका कहना था कि राजस्व बढ़ाने के प्रयासों के अलावा कर्मियों से लेकर ठेकेदारों के भुगतान को लेकर व्यवस्था बनाई जा रही है। जल्द ही सभी ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।

लंबित भुगतान को लेकर बढ़ा आक्रोश

पिछले एक साल से नगर निगम में कार्य करने वाले ठेकेदारों के भुगतान को लेकर विषम स्थिति बन रही है। लंबे समय तक संयम रखने के बाद अब ठेकेदारों मे आक्रोश गहरा रहा है। उनका कहना है कि वे नगर निगम में सड़क या नाली का निर्माण करते हैं। उनके निगम में कम भुगतान ही रहते हैं। दीपावली के अलावा उन्हें चार से पांच माह में एक बार ही अल्प भुगतान किया जा सका है। ऐसे में वे निर्माण कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं।

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