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MP News: कांग्रेस का बड़ा आरोप- प्रवासी भारतीय सम्मेलन को भाजपा ने अपना कार्यकर्ता सम्मेलन बना दिया

कांग्रेस ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया

कांग्रेस ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाया
– फोटो : अमर उजाला

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इंदौर में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के हॉल में प्रवेश नहीं मिलने पर एनआरआई का गुस्सा भी फूटा। अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन को बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन बनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि इससे प्रदेश का विदेश में नाम खराब हुआ।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण मध्य प्रदेश की साख को विदेश में धब्बा लगा है। उन्होंने कहा कि जब प्रवासी भारतीय सम्मेलन में व्यवस्था नहीं थी तो 6 हजार लोगों को आमंत्रित क्यों किया गया? सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले को लेकर पहले ही मध्य प्रदेश वैश्विक स्तर पर बदनाम हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानीय स्तर पर जो भाजपा में राजनैतिक अंतर्द्वंद चल रहा है, उसका खामियाजा इन्वेस्टर्स मीट में प्रदेश को भोगना पड़ा है। गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार यह बताये कि विदेश से आए मेहमानों के नाम पर हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन को भारतीय जनता पार्टी ने एक तरह से अपना कार्यकर्ता सम्मेलन क्यों बना लिया?
 
उन्होंने आरोप लगाया कि क्या यह बात भी झूठ है कि एनआरआई मेहमानों को बेइज्जत करने के पीछे भी कोई राजनीति है। जब सुरक्षा के तमाम प्रबंध थे, प्रधानमंत्री जैसी शख्सियत का इस समागम में आना तय था तो एनआरआई को बेइज्जत कर भाजपा की भीड़ को अंदर कैसे जाने दिया गया? सत्ता और संगठन के बीच दरार दिखाई दे रही है, वही इस समिट को असफल करने का दुस्साहस था। मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगना भी इस अपराध को साबित कर रहा है कि इस साजिश में कौन-कौन शामिल हैं, पूरी तरह से इस समिट को भारतीय जनता पार्टी और सरकार के बीच का अंतरद्वंद निगल गया है। इन अव्यवस्थाओं के अलावा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पहले भी जो ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की हैं, उनके बारे में भी सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
 
वहीं, सज्जन वर्मा ने कहा कि क्या कारण है कि प्रदेश के गृहमंत्री को समिट की तैयारियों से दूर रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के इशारे पर सबकुछ किया। नौकरशाहों ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भी उपेक्षा की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने तैयारियों, शहर की सजावट और अन्य प्रबंधन को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए। यहां तक कि नकली हरी घास भी स्प्रे से कराई गई। उन्होंने कहा कि साफ दिख रहा है कि अधिकारियों ने खूब लूट की।
  
वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि निवेशकों को आकर्षित करने के नाम पर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों ने करोड़ों रुपए विदेश यात्राओं पर क्यों खर्च कर दिए? जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा अपनी विदेश यात्राओं पर खर्च करने के बाद निवेशकों के नाम पर पहले से ही कंगाली में चल रहे नगर निकाय और देसी कंपनियों को ही क्यों निवेशक घोषित कर दिया?
 

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इंदौर में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के हॉल में प्रवेश नहीं मिलने पर एनआरआई का गुस्सा भी फूटा। अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन को बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन बनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि इससे प्रदेश का विदेश में नाम खराब हुआ।

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण मध्य प्रदेश की साख को विदेश में धब्बा लगा है। उन्होंने कहा कि जब प्रवासी भारतीय सम्मेलन में व्यवस्था नहीं थी तो 6 हजार लोगों को आमंत्रित क्यों किया गया? सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले को लेकर पहले ही मध्य प्रदेश वैश्विक स्तर पर बदनाम हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानीय स्तर पर जो भाजपा में राजनैतिक अंतर्द्वंद चल रहा है, उसका खामियाजा इन्वेस्टर्स मीट में प्रदेश को भोगना पड़ा है। गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार यह बताये कि विदेश से आए मेहमानों के नाम पर हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन को भारतीय जनता पार्टी ने एक तरह से अपना कार्यकर्ता सम्मेलन क्यों बना लिया?

 

उन्होंने आरोप लगाया कि क्या यह बात भी झूठ है कि एनआरआई मेहमानों को बेइज्जत करने के पीछे भी कोई राजनीति है। जब सुरक्षा के तमाम प्रबंध थे, प्रधानमंत्री जैसी शख्सियत का इस समागम में आना तय था तो एनआरआई को बेइज्जत कर भाजपा की भीड़ को अंदर कैसे जाने दिया गया? सत्ता और संगठन के बीच दरार दिखाई दे रही है, वही इस समिट को असफल करने का दुस्साहस था। मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगना भी इस अपराध को साबित कर रहा है कि इस साजिश में कौन-कौन शामिल हैं, पूरी तरह से इस समिट को भारतीय जनता पार्टी और सरकार के बीच का अंतरद्वंद निगल गया है। इन अव्यवस्थाओं के अलावा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पहले भी जो ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की हैं, उनके बारे में भी सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

 

वहीं, सज्जन वर्मा ने कहा कि क्या कारण है कि प्रदेश के गृहमंत्री को समिट की तैयारियों से दूर रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के इशारे पर सबकुछ किया। नौकरशाहों ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भी उपेक्षा की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने तैयारियों, शहर की सजावट और अन्य प्रबंधन को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए। यहां तक कि नकली हरी घास भी स्प्रे से कराई गई। उन्होंने कहा कि साफ दिख रहा है कि अधिकारियों ने खूब लूट की।

  

वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि निवेशकों को आकर्षित करने के नाम पर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों ने करोड़ों रुपए विदेश यात्राओं पर क्यों खर्च कर दिए? जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा अपनी विदेश यात्राओं पर खर्च करने के बाद निवेशकों के नाम पर पहले से ही कंगाली में चल रहे नगर निकाय और देसी कंपनियों को ही क्यों निवेशक घोषित कर दिया?

 

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