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MP News: BSC नर्सिंग सेकेंड ईयर परीक्षा पर रोक मामला, हाईकोर्ट ने शासन के जवाब पर जताई नाराजगी

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, खंडपीठ ग्वालियर

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, खंडपीठ ग्वालियर
– फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश में BSC नर्सिंग सेकेंड ईयर परीक्षा पर रोक मामले पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाई हुई है। इस दौरान जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक पेश हुए। शासन के जवाब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने शासन से छात्रों की संख्या के साथ कॉलेजवार जानकारी मांगी है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि शासन को एफिडेविट के साथ अगली सुनवाई में जवाब प्रस्तुत करना होगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

गौर करने वाली बात यह भी है कि बीती सुनावई के दौरान अधिसूचना पत्र के संबंध में परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी हुआ था, जिसमें शासन को बिना नामांकन, बिना संबद्धता वाले नर्सिंग कॉलेजों से जुड़े छात्रों की जानकारी शासन को पेश करनी थी। लेकिन शासन ने पेश किए जबाब में सिर्फ 8,661 छात्रों की संख्या बताई। बाकी अन्य जानकारी पेश नहीं कि, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए अगली सुनवाई में पूरी जानकरी एफिडेविट के साथ मांगी है।

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान यह मामला भी उठाया है कि रसूखदार लोगों से जुड़े नर्सिंग कॉलेजों को विश्वविधालय द्वारा सपोर्ट किया जा रहा है। जो सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य से खिलबाड़ को दर्शाता है। आपको बता दें कि 19 सितंबर को जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि बीएससी नर्सिंग सेकेंड ईयर की परीक्षा 2022 आयोजित की जा रही है। इस परीक्षा में कुछ नर्सिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी संबद्धता एवं नामांकन के अभाव में परीक्षा में सम्मिलित हो रहे थे। ऐसे विश्वविद्यालय और उनके विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित करा रहा था, जिसको लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इसको गंभीर लापरवाही माना था। साथ ही परीक्षा पर रोक लगा दी थी।

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