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MP News: हमीदिया में कमीशन का खेल! 155 रुपए का एंटीबायोटिक इंजेक्शन लोकल पर्चेस में 500 रुपए में खरीद रहे

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राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध हमीदिया अस्पताल में गरीब मरीजों की दवा में भी कमीशन का खेल जारी है। अस्पताल में एक एंटीबायोटिक एंजेक्शन को तीन गुने दाम पर खरीदा जा रहा है। हद तो यह है कि यहां रेट कॉन्टेक्ट होने के बावजूद लोकल पर्चेस में दूसरी फर्म से खरीदी की जा रही है।
 
हमीदिया अस्पताल में मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन 1 ग्राम का रेट कॉन्टेक्ट करने मार्च 2022 में टेंडर जारी किए गए थे। इसके लिए 155 रुपए प्रति वाइल के रेट पर एपेक्स फार्मासुटिकल से अस्पताल ने सितंबर 2022 में रेट कॉन्टेक्ट किए। इसके बावजूद अस्पताल के पर्चेस विभाग से 1 ग्राम मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन की खरीदी लोकल पर्चेस से की जा रही है।   यहां खास बात तो यह है कि लोकल पर्चेस में 155 रुपए प्रति वाइल की जगह करीब 500 रुपए प्रति वाइल से खरीदी की जा रही है। अब सवाल यह है कि जब अस्पताल का रेट कॉन्टेक्ट है तो फिर लोकल पर्चेस किसके आदेश से की गई। 
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार के एमपी औषिध पोर्टल पर 25 नवंबर की तारीख में भी मैरोपिनम इंजेक्शन हमीदिया के स्टाक में उपलब्ध नहीं है। जबकि अस्पताल का रेट कॉन्टेक्ट फर्म से तीन महीने पहले ही किया गया है। 
 
मैरोपिनम एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन है। इसका उपयोग त्वचा, फेफड़े, पेट, यूरिन नली, ब्लड, मस्तिष्क और लग्स के गंभीर संक्रमण के इलाज के लिए जाता है। यह संक्रमण के बैक्टीरिया को मारने का काम करता है। जानकारों का कहना है कि अस्पताल में प्रति माह इंजेक्शन की खपत 500 से 600 वाइल तक हो जाती है। लोकल पर्चेस से एक निजी फर्म से 500 से ज्यादा वाइल खरीदी गई है।
 
एलपी अधीक्षक कार्यालय से होती है 
हमीदिया अस्पताल के स्टोर कीपर श्रुति वर्मा का कहना है कि वह कॉरपोरेशन की सप्लाई देखते है। लोकल पर्चेस अधीक्षक कार्यालय की अनुमति से होती है।
 
आप स्टोर प्रभारी से बात कर लीजिए 
वहीं, पर्चेस ऑफीसर डॉ. संजीव जंयत का कहना है कि आयुष्मान में लोकल पर्चेस का काम स्टोर प्रभारी आसिफ खान देखते है। आप उनसे बात कर लीजिए।
 
इन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया 
इस मामले में जब स्टोर प्रभारी आसिफ खान से संपर्क किया तो उन्होंने किसी कार्यक्रम में व्यस्त होने की बात कही। वहीं, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया ने भी मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया।

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राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध हमीदिया अस्पताल में गरीब मरीजों की दवा में भी कमीशन का खेल जारी है। अस्पताल में एक एंटीबायोटिक एंजेक्शन को तीन गुने दाम पर खरीदा जा रहा है। हद तो यह है कि यहां रेट कॉन्टेक्ट होने के बावजूद लोकल पर्चेस में दूसरी फर्म से खरीदी की जा रही है।

 

हमीदिया अस्पताल में मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन 1 ग्राम का रेट कॉन्टेक्ट करने मार्च 2022 में टेंडर जारी किए गए थे। इसके लिए 155 रुपए प्रति वाइल के रेट पर एपेक्स फार्मासुटिकल से अस्पताल ने सितंबर 2022 में रेट कॉन्टेक्ट किए। इसके बावजूद अस्पताल के पर्चेस विभाग से 1 ग्राम मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन की खरीदी लोकल पर्चेस से की जा रही है।   यहां खास बात तो यह है कि लोकल पर्चेस में 155 रुपए प्रति वाइल की जगह करीब 500 रुपए प्रति वाइल से खरीदी की जा रही है। अब सवाल यह है कि जब अस्पताल का रेट कॉन्टेक्ट है तो फिर लोकल पर्चेस किसके आदेश से की गई। 

वहीं, मध्य प्रदेश सरकार के एमपी औषिध पोर्टल पर 25 नवंबर की तारीख में भी मैरोपिनम इंजेक्शन हमीदिया के स्टाक में उपलब्ध नहीं है। जबकि अस्पताल का रेट कॉन्टेक्ट फर्म से तीन महीने पहले ही किया गया है। 

 

मैरोपिनम एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन है। इसका उपयोग त्वचा, फेफड़े, पेट, यूरिन नली, ब्लड, मस्तिष्क और लग्स के गंभीर संक्रमण के इलाज के लिए जाता है। यह संक्रमण के बैक्टीरिया को मारने का काम करता है। जानकारों का कहना है कि अस्पताल में प्रति माह इंजेक्शन की खपत 500 से 600 वाइल तक हो जाती है। लोकल पर्चेस से एक निजी फर्म से 500 से ज्यादा वाइल खरीदी गई है।

 

एलपी अधीक्षक कार्यालय से होती है 

हमीदिया अस्पताल के स्टोर कीपर श्रुति वर्मा का कहना है कि वह कॉरपोरेशन की सप्लाई देखते है। लोकल पर्चेस अधीक्षक कार्यालय की अनुमति से होती है।

 

आप स्टोर प्रभारी से बात कर लीजिए 

वहीं, पर्चेस ऑफीसर डॉ. संजीव जंयत का कहना है कि आयुष्मान में लोकल पर्चेस का काम स्टोर प्रभारी आसिफ खान देखते है। आप उनसे बात कर लीजिए।

 

इन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया 

इस मामले में जब स्टोर प्रभारी आसिफ खान से संपर्क किया तो उन्होंने किसी कार्यक्रम में व्यस्त होने की बात कही। वहीं, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया ने भी मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया।

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