भोपाल: मध्य प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में एक नया खुलासा हुआ है. छात्रवृत्ति घोटाला कर्मचारियों ने ही किया था. इन कर्मचारियों ने फर्जी आईडी और दोहरा भुगतान कर 53 लाख रुपये की चपत लगाई. घोटाला मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. जिसमें विभाग के 2 चरपासी और एक बाबू शामिल हैं.
अनुसूचित जाति/जनजाति कार्य विभाग ने भोपाल के कोहेफिजा थाने में मामला दर्ज कराया है. विभाग में पदस्थापित लिपिक खड़क बहादुर सिंह व चपरासी विनोद मांझी, मनोज मालवीय पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में घोटाले का आरोप लगा है. तीनों पर 53 लाख 32 हजार रुपए से अधिक के गबन का आरोप है.
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आरोपियों ने 22 लोगों की फर्जी आईडी बनाकर उनसे 40 लाख 51 हजार 90 रुपये हड़प लिया. कर्मचारियों ने 28 छात्रों का दोहरा भुगतान कर 11 लाख 58 हजार 980 रुपये हड़प लिए. 6 ऐसे विद्यार्थियों के नाम पर 1 लाख 22 हजार का भुगतान किया जो अनुसूचित जाति/जनजाति के नहीं थे.
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बता दें कि 2017 से 2021 में हुए CAG के ऑडिट में मामला सामने आया था. जिसके बाद जांच कमेटी गठित की गई थी. जांच पूरी होने के बाद कोहेफिजा थाने में मामला दर्ज कराया गया है. जिसकी पुलिस जांच कर रही है.
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