MP BJP में मचा सकता है कोहराम: नागर सिंह चौहान ट्रेलर हैं, अभी पिक्चर बाकी, कई नेता अभी हाशिए में, उठ सकता है सियासी बवंडर ?
MP minister Nagar Singh Chauhan: MP के मंत्री नागर सिंह चौहान द्वारा दिखाए गए ट्रेलर के बाद क्या पूरी फिल्म रिलीज हो पाएगी? क्या लंबे समय बाद भाजपा में दिख रही बगावत का असर लंबे समय तक रहेगा और कुछ समय बाद फिर इसकी आवाज सुनाई देगी? नागर के तेवरों को जिस तरह से हैंडल किया गया है, क्या यह कब तक की गारंटी है?
MP minister Nagar Singh Chauhan: गोपाल भार्गव से लेकर अजय विश्नोई तक, हाशिए पर पड़े भूपेंद्र सिंह से लेकर अर्चना चिटनीस और जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले रमेश मेंदोला तक, लिस्ट लंबी है। जो कभी भी राजनीति में हलचल मचा सकते हैं। नागर भले ही शांत हो गए हों, लेकिन क्या भाजपा में तूफान अभी भी बाकी है?
कांग्रेसियों ने स्वागत किया, नहीं, अब उठ रहे सवाल
MP minister Nagar Singh Chauhan: अगर इसे इस अर्थ में समझें कि 2020 से 2024 तक बहुत पानी बह चुका है, तो 2020 में कांग्रेस से आए मेहमानों का स्वागत करना पार्टी की मजबूरी थी, लेकिन 2023 में मप्र में बहुमत के बाद जो चंद कांग्रेसी आए और जिस तरह से उनका पार्टी में स्वागत हुआ।
MP minister Nagar Singh Chauhan: अकेले रामनिवास रावत के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। उसके बाद भाजपा में असंतोष की जो लहरें उठी हैं। क्या उन्हें संभालना इतना आसान होगा। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं, ‘दरअसल मूल सवाल यह है कि जब आप आरामदायक बहुमत में हैं।
MP minister Nagar Singh Chauhan: जब आपको किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है, तो सिर्फ कांग्रेसियों को पार्टी में लाना और फिर सशर्त लाना। उन्हें लाने के बाद अपनी पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करना और उनका स्वागत करना, सवाल तो उठेंगे ही, असंतोष कितना है कि अकेले नागर सिंह का असंतोष दूर करने के लिए पार्टी को दिल्ली और भोपाल एक करना पड़ा।’
विश्नोई के बयान को ट्रेलर ही समझिए, पिक्चर अभी बाकी है
MP minister Nagar Singh Chauhan: नागर प्रकरण के दौरान सबसे ज्यादा मुखर रहे अजय विश्नोई ने अपने तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से आए नेता किस्मतवाले हैं। उन्हें आते ही सत्ता मिल गई। विश्नोई का इशारा है कि बदकिस्मत वे नेता हैं जो भाजपा में रहकर सेवा कर रहे हैं, जिन्हें अब तक पार्टी ने सम्मान नहीं दिया।
MP minister Nagar Singh Chauhan: कमोबेश ऐसी ही नाराजगी गोपाल भार्गव की ओर से भी सामने आई है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, ‘देखिए, नई और पुरानी भाजपा के बीच की रेखा तो सिंधिया के नेतृत्व में आए विधायकों से ही खींची गई थी, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से अब नेता मुखर हो रहे हैं.
MP minister Nagar Singh Chauhan: उससे यह खाई और भी बढ़ सकती है। जिसे समय रहते संभालना भाजपा संगठन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। रामनिवास रावत प्रकरण अभी ठंडा नहीं हुआ है।
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