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MP Weather Today: प्रदेश के दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, सात संभागों में वज्रपात की आशंका

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मध्य प्रदेश का मौसम फिर एक बार बदला है। अलग-अलग जगह बने तीन सिस्टम यहां के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। इसी वजह से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। तापमान भी कम हुआ है। अनुमान जताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला बना रह सकता है। अगले 24 घंटों में 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। 

मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। बहरी, लवकुश नगर में 11, पवई, गुनौर में 8, अमानगंज में 7, खजुराहो, मोहगांव, दमोह, राजनगर में 6, जवा, उमरिया, देवेंद्र नगर, बेनीबारी, सिमरिया, सिंगरौली, सिंहावल, रीठी, माडा में 5 सेमी बारिश दर्ज की गई। 

अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साछ बौछारें पड़ सकती हैं। 

मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी किया है, जिसके मुताबिक सीधी, रीवा, शहडोल, डिंडौरी, कटनी, सागर, सिवनी, जबलपुर, छतरपुर, पन्ना जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। वहीं रीवा, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरन की आशंका भी है। 7 और 8 अक्टूबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावना है। 

मौसम केंद्र के आंकड़ों की बात करें तो अधिकतम तापमान शहडोल संभाग में गिरा है, शेष प्रदेश में ज्यादा परिवर्तन नहीं रहा। ग्वालियर प्रदेश में सबसे गर्म रहा, यहां 35 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान नर्मदापुरम, भोपाल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में गिरा है। मंडला, नरसिंहपुर, बैतूल, धार, खरगोन में 21 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। 

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक्टिव है। बंगाल की खाड़ी के आंध्रा तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से लेकर उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक 3.1 किमी की ऊंचाई तक एक ट्रफ लाइन है। इन तीन सिस्टम का असर प्रदेश पर पड़ रहा है। इसी के असर से प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। 
 

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मध्य प्रदेश का मौसम फिर एक बार बदला है। अलग-अलग जगह बने तीन सिस्टम यहां के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। इसी वजह से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। तापमान भी कम हुआ है। अनुमान जताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला बना रह सकता है। अगले 24 घंटों में 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। 

मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। बहरी, लवकुश नगर में 11, पवई, गुनौर में 8, अमानगंज में 7, खजुराहो, मोहगांव, दमोह, राजनगर में 6, जवा, उमरिया, देवेंद्र नगर, बेनीबारी, सिमरिया, सिंगरौली, सिंहावल, रीठी, माडा में 5 सेमी बारिश दर्ज की गई। 

अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साछ बौछारें पड़ सकती हैं। 

मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी किया है, जिसके मुताबिक सीधी, रीवा, शहडोल, डिंडौरी, कटनी, सागर, सिवनी, जबलपुर, छतरपुर, पन्ना जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। वहीं रीवा, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरन की आशंका भी है। 7 और 8 अक्टूबर को पश्चिमी मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावना है। 

मौसम केंद्र के आंकड़ों की बात करें तो अधिकतम तापमान शहडोल संभाग में गिरा है, शेष प्रदेश में ज्यादा परिवर्तन नहीं रहा। ग्वालियर प्रदेश में सबसे गर्म रहा, यहां 35 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान नर्मदापुरम, भोपाल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में गिरा है। मंडला, नरसिंहपुर, बैतूल, धार, खरगोन में 21 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। 

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक्टिव है। बंगाल की खाड़ी के आंध्रा तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से लेकर उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक 3.1 किमी की ऊंचाई तक एक ट्रफ लाइन है। इन तीन सिस्टम का असर प्रदेश पर पड़ रहा है। इसी के असर से प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। 

 

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