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MP Local Body Election: प्रदेश की 46 नगरीय निकायों में से 17 में बीजेपी, कांग्रेस के खाते में सिर्फ चार

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मध्य प्रदेश के 18 जिलों के 46 नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम साफ हो गए हैं। 17 नगर पालिका में से 11 में बीजेपी को जीत मिली है। कांग्रेस के खाते में चार सीटें गई है। एक टाई हुआ है और एक में निर्दलीय का बहुमत है। 29 नगर परिषद में बीजेपी ने 18 पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने छह, तीन जगह निर्दलीय बहुमत में है। दो जगह टाई हुआ है। 46 नगरीय निकाय में 814 वार्ड के लिए हुए चुनाव में 417 वार्ड में बीजेपी के पार्षद जीते हैं। कांग्रेस के 250, निर्दलीयों के 131, आम आदमी पार्टी के सात, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के छह और बहुजन समाज पार्टी के तीन पार्षदों ने जीत दर्ज की है।

2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम चुनाव के कारण इन्हें सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 46 नगरीय निकाय में अधिकतर सीटें आदिवासी क्षेत्र की थी। यहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतिम समय में बहुत जोर लगाया। इन क्षेत्रों में बीजेपी को फायदा मिला है। दरअसल, आदिवासी वोटरों को साधने के लिए दोनों पार्टियां जोर लगा रही है। 2018 के चुनाव में आदिवासी वोटरों के कारण ही बीजेपी की सत्ता चली गई थी और कांग्रेस ने वापसी की थी। कांग्रेस ने नौ ऐसे निकाय जीते है, जो पिछली बार बीजेपी ने जीते थे। बीजेपी ने 14 निकाय में और कांग्रेस ने एक में जीत दोहराई है।

बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में छह में से चार निकाय जीते हैं। रतलाम के सैलाना में कांग्रेस ने अपना गढ़ बचा लिया है। सैलाना नगर परिषद पर फिर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। यहां कांग्रेस के 9 पार्षद जीते हैं, जबकि भाजपा को सिर्फ 4 वार्ड में जीत मिली है। यहां दो निर्दलीय उम्मीदार भी जीते। मंत्री विजय शाह के क्षेत्र हरसूद नगर परिषद में बीजेपी हार गई है। यहां बीजेपी के सिर्फ दो पार्षद जीते। 11 पर कांग्रेस और दो निर्दलीय पार्षद जीते है।

प्रदेश में 18 जिलों के 46 नगरीय निकाय के 27 सितंबर को मतदान हुआ था। इन निकायों का कार्यकाल पूरा नहीं होने से जुलाई में चुनाव नहीं हो पाए थे। 17 नगर पालिका और 29 नगर परिषद में 3397 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में 25 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए है। इनमें नगरीय निकाय खुरई में 21, बम्हनीबंजर, बैहर, महेश्वर और थांदला में एक-एक पार्षद निर्विरोध चुने गए।

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मध्य प्रदेश के 18 जिलों के 46 नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम साफ हो गए हैं। 17 नगर पालिका में से 11 में बीजेपी को जीत मिली है। कांग्रेस के खाते में चार सीटें गई है। एक टाई हुआ है और एक में निर्दलीय का बहुमत है। 29 नगर परिषद में बीजेपी ने 18 पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने छह, तीन जगह निर्दलीय बहुमत में है। दो जगह टाई हुआ है। 46 नगरीय निकाय में 814 वार्ड के लिए हुए चुनाव में 417 वार्ड में बीजेपी के पार्षद जीते हैं। कांग्रेस के 250, निर्दलीयों के 131, आम आदमी पार्टी के सात, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के छह और बहुजन समाज पार्टी के तीन पार्षदों ने जीत दर्ज की है।

2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम चुनाव के कारण इन्हें सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 46 नगरीय निकाय में अधिकतर सीटें आदिवासी क्षेत्र की थी। यहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतिम समय में बहुत जोर लगाया। इन क्षेत्रों में बीजेपी को फायदा मिला है। दरअसल, आदिवासी वोटरों को साधने के लिए दोनों पार्टियां जोर लगा रही है। 2018 के चुनाव में आदिवासी वोटरों के कारण ही बीजेपी की सत्ता चली गई थी और कांग्रेस ने वापसी की थी। कांग्रेस ने नौ ऐसे निकाय जीते है, जो पिछली बार बीजेपी ने जीते थे। बीजेपी ने 14 निकाय में और कांग्रेस ने एक में जीत दोहराई है।

बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में छह में से चार निकाय जीते हैं। रतलाम के सैलाना में कांग्रेस ने अपना गढ़ बचा लिया है। सैलाना नगर परिषद पर फिर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। यहां कांग्रेस के 9 पार्षद जीते हैं, जबकि भाजपा को सिर्फ 4 वार्ड में जीत मिली है। यहां दो निर्दलीय उम्मीदार भी जीते। मंत्री विजय शाह के क्षेत्र हरसूद नगर परिषद में बीजेपी हार गई है। यहां बीजेपी के सिर्फ दो पार्षद जीते। 11 पर कांग्रेस और दो निर्दलीय पार्षद जीते है।

प्रदेश में 18 जिलों के 46 नगरीय निकाय के 27 सितंबर को मतदान हुआ था। इन निकायों का कार्यकाल पूरा नहीं होने से जुलाई में चुनाव नहीं हो पाए थे। 17 नगर पालिका और 29 नगर परिषद में 3397 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में 25 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए है। इनमें नगरीय निकाय खुरई में 21, बम्हनीबंजर, बैहर, महेश्वर और थांदला में एक-एक पार्षद निर्विरोध चुने गए।

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