शादी के दिन घर पहुंचा इंजीनियर का शव: घर से 750 किमी दूर डैम में मिली लाश, 12 दिन से था लापता
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MP Katni Engineer body reached home on wedding day: मध्यप्रदेश के कटनी से लापता इंजीनियर का शव उसकी शादी की तारीख पर घर पहुंचा। शव कटनी से 750 किलोमीटर दूर रतलाम के धोलावड़ डैम में मिला। उसका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा।
रतलाम पुलिस ने मृतक शुभम तिवारी के बिना सिम वाले मोबाइल के जरिए उसके परिजनों का पता लगाया। परिजन गुरुवार सुबह रतलाम पहुंचे। शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव को एंबुलेंस से ले जाया गया। परिजनों ने बताया कि शुभम की 15 फरवरी को सतना की एक लड़की से सगाई और 20 फरवरी को शादी होनी थी, उसी दिन शाम को उसका शव घर (कटनी) पहुंचा।
शुभम के पिता मनोज तिवारी ने बताया कि, शुभम ने बीटेक किया था। वह कटनी में बिरला पुट्टी कंपनी में इंजीनियर था। इसके बावजूद वह अपने करियर को लेकर काफी चिंतित था। 8 फरवरी को वह घर पर किसी को बताए बिना कहीं चला गया। कटनी के बड़ावारा थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वह आखिरी बार कटनी के एक पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी में कैद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चलेगा।
रतलाम पुलिस ने धोलावड़ में मछुआरों से पूछताछ की। कुछ मछुआरों ने बताया कि बांध के किनारे एक युवक कंबल ओढ़े बैठा था। उन्हें लगा कि कोई ऐसे ही बैठा होगा। लेकिन बाद में वह दिखाई नहीं दिया।
अपनी होने वाली पत्नी को बताई परेशानी
रिश्तेदार उमेश मिश्रा ने बताया कि शुभम ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो आत्महत्या कर ले। घर में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। उसे सिर्फ अपने करियर की चिंता थी। उसने दो बार एमपीपीएससी की मुख्य परीक्षा दी थी। वह यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा था। उसने होने वाली पत्नी से भी अपने करियर की चिंता जताई थी। समझ में नहीं आ रहा कि शुभम कटनी से 750 किमी दूर कैसे और क्यों पहुंच गया।
उसने अपनी बाइक पेट्रोल पंप पर खड़ी की और पैदल निकल पड़ा
वह घर से कंपनी की बस से काम पर जाता था। लेकिन, 8 फरवरी को वह बाइक से ड्यूटी के लिए घर से निकला था। शाम 6:30 बजे वह कंपनी के कर्मचारियों से यह कहकर निकला कि आज काम कम है और वह घर जा रहा है। लेकिन, वह घर नहीं पहुंचा। शुभम ने रास्ते में एक पेट्रोल पंप पर अपनी बाइक खड़ी की और वहां से पैदल ही निकल गया। पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी में वह कैद हो गया।
परिवार के लोग उसे ढूंढने प्रयागराज भी गए
परिवार के लोगों ने बताया कि सभी ने कटनी और आसपास के जिलों में शुभम की काफी तलाश की, पोस्टर भी लगाए। प्रयागराज में भी तलाश की। लेकिन, कोई जानकारी नहीं मिली। परिवार के लोग रतलाम एसपी अमित कुमार से भी मिले। शुभम के पिता मनोज तिवारी रियल एस्टेट का काम करते हैं। घर में मां के अलावा दादा-दादी और छोटा भाई सत्यम तिवारी हैं।
मोबाइल के आईएमईआई नंबर से कॉल डिटेल निकाली
राओटी थाने के सब इंस्पेक्टर एमआई खान ने बताया कि युवक की पहचान के लिए सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड की गई। उसकी जेब में मिले मोबाइल की जांच की गई तो उसमें सिम नहीं थी। मोबाइल स्विच ऑफ था। फिर साइबर सेल की टीम ने मोबाइल खोलकर क्यूआर कोड स्कैन किया।
स्कैन करने के बाद मोबाइल खरीदने के समय का बिल ऑनलाइन निकाला गया। बिल पर लिखे IMEI नंबर को खंगाला। IMEI नंबर से बी पार्टी (अंतिम कॉल) की कॉल डिटेल निकाली। अंतिम कॉल नंबर मिलने पर उस पर कॉल किया। तब जाकर परिजनों का पता चला।
शरीर पर नहीं मिले चोट के निशान
पुलिस के मुताबिक शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले। सुसाइड नोट भी नहीं मिला। हाथ में अंगूठी थी। जेब में मोबाइल मिला। परिजनों के मुताबिक शुभम का किसी से कोई विवाद नहीं था। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
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