बेटे को मारने वाली मां के चेहरे पर शिकन नहीं: शादी के 7 साल बाद टेस्ट ट्यूब बेबी से हुआ था जन्म, बेटा कपड़ों के लिए टोकता था

MP Guna mother killed daughter Abhudaya: मध्यप्रदेश के गुना में अपने 15 वर्षीय बेटे की हत्या के बाद आरोपी मां के चेहरे पर चिंता के कोई भाव नहीं हैं। 14 फरवरी को हत्या के बाद वह सिर्फ एक बार रोई थी, जब 7 मार्च को पुलिस उसे गिरफ्तार कर रही थी। उसे समझ आ गया था कि अब उसे जेल जाना पड़ेगा।
पुलिस को पता चला है कि 15 वर्षीय अभ्युदय का जन्म आईवीएफ तकनीक से हुआ था। दंपति को शादी के सात साल बाद संतान सुख मिला था।
बता दें, 14 फरवरी को शाम 7 बजे कक्षा 8 में पढ़ने वाले अभ्युदय जैन (15) का शव घर के बाथरूम में पड़ा मिला था। मां अलका जैन ने तब बताया था कि परीक्षाएं चल रही थीं, इसलिए अभ्युदय घर पर पढ़ाई कर रहा था। जब वह वापस लौटी तो घर का दरवाजा बंद था। उसने कई बार डोरबेल बजाई, लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
इसके बाद उसने मकान मालिक से दूसरी चाबी ली और दरवाजा खोला। जब वह कमरे में गई तो देखा कि बेटा बेहोश पड़ा था। अभ्युदय के पैर भी बंधे हुए थे। गले में दुपट्टा भी बंधा हुआ था। मकान मालिक और पड़ोसियों की मदद से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के गले पर निशान थे। शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में कराया गया।
शादी के सात साल बाद हुआ जन्म
जानकारी के अनुसार अनुपम जैन उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के रहने वाले हैं। 2003 में उनकी शादी झांसी की अलका जैन से हुई थी। अनुपम एक निजी बैंक में काम करते हैं। उनकी पोस्टिंग गुना ब्रांच में थी, इसलिए वे यहां किराए के मकान में रह रहे थे। शादी के 7 साल बाद बेटे अभ्युदय का जन्म हुआ।
अभ्युदय टेस्ट ट्यूब बेबी था। उसका जन्म आईवीएफ (इन वेरिटो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया से हुआ था। अलका जैन ने 1 फरवरी 2010 को बेटे को जन्म दिया। उनके घर में नया सूरज उग आया था। इसलिए बेटे का नाम अभ्युदय रखा गया। बेटा दोनों को बहुत लाडला था। 1 फरवरी 2025 को उसके माता-पिता ने उसका जन्मदिन मनाया।
घटना वाले दिन बदल गई दिनचर्या
14 फरवरी को घटना के बाद आरोपी अलका का शेड्यूल आम दिनों से अलग था। वह दोपहर 2:30 बजे से रात तक मोबाइल पर अपने दोस्तों, पति और अन्य लोगों से बार-बार बात करती रही। इस दिन की कॉल डिटेल आम दिनों से अलग थी। उस दिन अलका दोपहर 3:48 बजे पैदल घर से निकली। फिर वह अपनी सहेली के साथ चली गई।
5:10 बजे बैडमिंटन खेलने के बाद वह सीधे घर नहीं आई। वह अपनी सहेली के साथ स्कूटर पर दूसरी सहेली के घर गई। वहां उसने एक दुकान से चॉकलेट खरीदी और खा ली। फिर उसने अपनी सहेली से क्लब चलने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। फिर उसने अपनी दूसरी सहेली को फोन किया। वह 6:19 बजे घर वापस आई और अभ्युदय के ट्यूशन टीचर से भी बात की।
फिर 6:35 बजे उसने अपनी सहेली से इधर-उधर की बातें कीं, लेकिन अभ्युदय के गेट न खोलने का जिक्र नहीं किया। 7:37 बजे जब उसने अपनी सहेली को फोन किया तो उसने कहा कि देखो, आवाज लगाते-लगाते मेरा गला खराब हो गया है। बेटा गेट नहीं खोल रहा है। रात करीब 8 बजे गेट खुलने तक किसी ने अलका की आवाज या गेट पर दस्तक नहीं सुनी।
पोस्टमार्टम हाउस में बेटे की चेन निकाली गई
इस पूरे मामले में एक और सवाल यह है कि अभ्युदय गले में चेन पहनता था। घटना वाले दिन भी उसके गले में चांदी की चेन थी। रात को जब उसे अस्पताल लाया गया और पोस्टमार्ट रूम में रखा गया तो उसके गले में वह चेन थी। लेकिन कुछ देर बाद परिजन उस चेन को लेकर चले गए। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चेन छीनने की इतनी जल्दी क्या थी। हालांकि पुलिस ने परिजनों से चेन वापस मंगवाकर उसे जब्त कर लिया है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS