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बेटी बोझ नहीं, घर की लक्ष्मी होती है: बच्ची के जन्म पर एसडीएम ने मां-बेटी को जश्न के साथ कराया गृह प्रवेश, कहा- बेटी है तो कल है

अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में बेटी के जन्म पर एसडीएम ने ढोल-नगाड़े के साथ गृह प्रवेश करवाया. बेटी के जन्म को यादगार बनाने के लिए एसडीएम ने घर को पहले से ही फूलों से सजवा दिया था. जब अस्पताल से 6 दिन बाद मां-बेटी पहुंची, तो ढोल और आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया. खुशी के माहौल में आसपास के सभी लोगों को मिठाइयां बांटी गईं.

एसडीएम रवि मालवीय बेटी और पत्नी को अस्पताल से लेने के लिए खुद अपनी गाड़ी से पहुंचे. पत्नी और बेटी के साथ वाहन से अपने घर पहुंचे. घर पहुंचते ही ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर आतिशबाजी हुई. बेटी के घर में प्रवेश करते ही परिजनों ने बेटी की आरती उतारी. बेटी के पैरों के निशान भी लिए. एसडीएम ने उन्हें यादों के रूप में सहेजने का काम किया.

एसडीएम रवि मालवीय का मानना है कि ‘बेटी है तो कल है’ इस संदेश को सभी को स्वीकार करना चाहिए. इसलिए मैं अपनी बेटी के जन्म पर बहुत खुश हूं. मैं चाहता हूं कि आज के दौर में बेटियां खूब तरक्की करें और अपने मां-बाप का नाम रोशन करें. इसलिए हर व्यक्ति भाग्यशाली होता है, जिसके स्थान पर पुत्री का जन्म होता है.

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