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हीरा सिंह श्याम का सियासी स्टेट यार्कर: जयस के प्रदेश महासचिव समेत 40 कार्यकर्ताओं ने VD शर्मा और CM मोहन की मौजूदगी में थामा भाजपा का दामन, BJP जिला अध्यक्ष बोले-ये ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन के प्रदेश महासचिव राजेश सराटठिया ने अपने करीब 40 साथियों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह आयोजन भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में सम्पन्न हुआ, जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की उपस्थिति में इन सभी कार्यकर्ताओं को भाजपा का अंग वस्त्र पहनाकर विधिवत रूप से पार्टी में शामिल किया गया।

इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से अनूपपुर जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में जयस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की। इस दौरान मोहन यादव ने सभी को बीजेपी में शामिल होने की शुभकामनाएं दी। जयस के बीजेपी में शामिल कार्यकर्ताओं ने पुष्पराजगढ़ की समस्याएं, जैसे की सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल, रोजगार, व्यवस्थाओं पर बात की। सीएम मोहन ने सभी को उनकी मांगों पर जल्द विचार करने का भरोसा दिलाया। साथ ही हीरा सिंह श्याम की सियासी चाल की सराहना की।

इस सामूहिक राजनीतिक शिफ्टिंग का सीधा असर अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट पर पड़ेगा, जहां जयस के मजबूत जनाधार को अब भाजपा अपनी रणनीति में शामिल करने जा रही है। इसमें हाल में भाजपा से बने अनूपपुर जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

भाजपा की रणनीतिक जीत: आदिवासी वोट बैंक पर पैनी नजर

भाजपा के लिए यह घटनाक्रम सिर्फ पार्टी विस्तार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक विजय के रूप में देखा जा रहा है। पुष्पराजगढ़ जैसी आदिवासी बहुल सीटों पर जयस और कांग्रेस की जुगलबंदी ने पिछले चुनावों में भाजपा को मुश्किल में डाला था। लेकिन अब, जब जयस संगठन के प्रदेश स्तर के नेता ही भाजपा में शामिल हो रहे हैं, तो यह साफ संकेत है कि भाजपा आदिवासी वोट बैंक में गहरी पैठ बनाने में जुट गई है।

भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम की इस राजनीतिक रणनीति को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी सराहा है। पार्टी कार्यालय में सदस्यता समारोह के दौरान श्री श्याम ने कहा,”यह सिर्फ शुरुआत है, भाजपा के आदिवासी विस्तार का ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी बाकी है। बहुत से कांग्रेस नेता भी संपर्क में हैं, जो जल्द भाजपा का दामन थाम सकते हैं।”

कांग्रेस और जयस को लगा तगड़ा झटका

राजेश सराटठिया के साथ कार्यकर्ताओं के इस सामूहिक पलायन ने जयस संगठन की जमीनी पकड़ पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पुष्पराजगढ़, जहां जयस का आदिवासी युवा वर्ग में खासा प्रभाव रहा है, वहां इस टूट ने संगठन की एकता और नेतृत्व को कमजोर किया है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जयस के अंदर विचारधारा और नेतृत्व को लेकर काफी समय से अंतर्विरोध चल रहा था। युवा कार्यकर्ताओं का मानना था कि संगठन का राजनीतिक उपयोग कुछेक चेहरे कर रहे हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं को निर्णय प्रक्रिया से दूर रखा जा रहा है।

राजेश सराटठिया का भाजपा में जाना इस अंतर्विरोध का ही प्रतिफल है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी यह खतरे की घंटी से कम नहीं। पुष्पराजगढ़ में कांग्रेस की ताकत आदिवासी समीकरणों पर ही टिकी थी, और भाजपा अब उन समीकरणों को तोड़ने में सफल होती दिख रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिया भरोसा

सदस्यता समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सभी नवशामिल कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा:”आप सबका भाजपा में स्वागत है। भाजपा हमेशा देश, समाज और आदिवासी संस्कृति के उत्थान के लिए काम करती रही है। आपके आने से पार्टी को पुष्पराजगढ़ में नई ऊर्जा मिलेगी। यह संगठन अब आपकी ताकत से और भी मजबूत होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी में आए सभी कार्यकर्ताओं को उनकी योग्यता और निष्ठा के अनुसार जिम्मेदारियाँ दी जाएंगी।

हीरा सिंह श्याम की आक्रामक रणनीति

भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम ने इस सदस्यता अभियान को खुद मॉनिटर किया और एक-एक कार्यकर्ता से व्यक्तिगत संवाद कर पार्टी में शामिल कराया। MPCGTIMES.COM से बातचीत में उन्होंने कहा कि आदिवासी साथी दिशा भटक गए थे। उन्हें भाजपा से जोड़ना मेरी प्राथमिकता थी। कांग्रेस की विचारहीन राजनीति से त्रस्त कार्यकर्ता अब राष्ट्रवादी सोच और विकास के साथ खड़े होना चाहते हैं।

श्याम ने दावा किया कि जल्द ही कांग्रेस के भी कई दिग्गज चेहरे भाजपा में आने वाले हैं, जिनके नाम उन्होंने अभी उजागर नहीं किए। लेकिन उन्होंने यह संकेत साफ दे दिया कि भाजपा का सदस्यता अभियान केवल जयस तक सीमित नहीं रहेगा।

राजेश सराटठिया का बड़ा बयान: जयस सिर्फ नाम का संगठन बन चुका है

सदस्यता समारोह में शामिल होने के बाद जयस के पूर्व महासचिव राजेश सराटठिया ने मीडिया से कहा कि जयस अब जनआंदोलन नहीं रहा, बल्कि कुछ लोगों की निजी महत्वाकांक्षाओं का संगठन बनकर रह गया है। युवाओं की ऊर्जा का दुरुपयोग हो रहा था। अब हम प्रधानमंत्री मोदी के विजन और भाजपा की नीतियों के साथ आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि कई जिलों में जयस के अन्य पदाधिकारी भी जल्द भाजपा की राह पकड़ सकते हैं।

राजनीतिक संकेत: 2028 की तैयारी अभी से शुरू

इस घटनाक्रम को 2028 में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा ने अभी से ही उन इलाकों में जमीनी तैयारी शुरू कर दी है, जहां वह पिछली बार कमजोर रही। पुष्पराजगढ़ सीट पर 2018-2023 में कांग्रेस की जीत हुई थी, लेकिन भाजपा अब हर संभावित मोर्चे पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बना चुकी है। जयस से जुड़े कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होना एक बड़ा मनोवैज्ञानिक बढ़त भी साबित हो सकता है।

भाजपा के लिए यह क्यों है बड़ा मौका?

पुष्पराजगढ़ की जनसंख्या में 60% से अधिक आदिवासी वर्ग है। जयस युवाओं में एक समय लोकप्रिय संगठन रहा है, लेकिन अब नेतृत्वहीनता का शिकार है। भाजपा के पास अब ग्राम स्तर के कार्यकर्ता जुड़ रहे हैं, जिससे बूथ स्तर पर ताकत बढ़ेगी। कांग्रेस की जमीनी संगठनात्मक स्थिति पहले ही डगमग है। यह घटनाक्रम उनके लिए डेमेज कंट्रोल का इम्तिहान है।

राजेश सराटठिया जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी और 40 से अधिक जयस कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होना न सिर्फ एक संगठन का टूटना है, बल्कि आदिवासी राजनीति की दिशा बदलने वाला क्षण भी है। भाजपा इसे आदिवासी सशक्तिकरण का संकेत मान रही है, जबकि विपक्षी दलों के लिए यह एक और राजनीतिक चुनौती बनकर सामने आया है।

अब देखना यह है कि भाजपा इस जनसमर्थन को किस हद तक चुनावी वोटों में तब्दील कर पाती है। लेकिन इतना तय है — पुष्पराजगढ़ की सियासत अब पहले जैसी नहीं रहेगी।

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