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छत्तीसगढ़ और एमपी में मानसून की दस्तक जल्द: मौसम विभाग ने बताई यह जून में यह तारीख, कुछ दिन और तेज गर्मी के आसार

Monsoon will arrive in Chhattisgarh and MP in June: केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने 31 मई का अनुमान जताया था, लेकिन यह एक दिन पहले ही आ गया। अब मानसूनी हवाएं तेजी से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रही हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 13 जून को मानसून छत्तीसगढ़ पहुंचेगा। 13 जून को बस्तर से राज्य में मानसून के प्रवेश करने और 16 जून को रायपुर और 17 जून को सरगुजा संभाग में पहुंचने की संभावना है।

मध्यप्रदेश में मानसून निर्धारित तारीख 15 से 20 जून के बीच आ सकता है। अभी प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इसकी वजह से शनिवार को कई जिलों में गर्मी का असर रहा। वहीं, कई जिलों में बारिश भी हुई। रविवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक इस साल पिछले साल के मुकाबले अच्छी बारिश होने की संभावना है। इस बार समय पर आएगा मानसून वर्ष 2023 में राज्य में मानसून देरी से पहुंचा था। 21 जून को मानसून आने के कारण राज्य में सूखे की स्थिति थी, लेकिन मानसून के विदा होने तक बारिश का कोटा लगभग पूरा हो गया था। राज्य में मानसून के दौरान औसतन 1142.1 मिमी बारिश होती है। वहीं पिछले साल 30 सितंबर 2023 तक 1061.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। जो औसत से 7 फीसदी कम थी। लेकिन पानी की स्थिति अच्छी रही।

सामान्य से अधिक बारिश की संभावना

मौसम वैज्ञानिक संजय बैरागी ने बताया कि मानसून के समय पर आने से छत्तीसगढ़ में इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पिछले 5 सालों के बारिश के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो हर साल राज्य में 1000 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।

इस साल ला-नीना के कारण सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। ला-नीना का असर आमतौर पर भारत के लिए अच्छा होता है। हालांकि, कभी-कभी इससे भारी बारिश भी हो जाती है। मानसून के दौरान राज्य में औसतन 1142.1 मिमी बारिश होती है। इस सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

आकाशीय बिजली गिरने से 17 मौतें

वर्ष 2023 के मानसून सीजन में राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से 17 मौतें हुई हैं। वहीं, 23 लोग घायल हुए और 15 जानवरों की मौत हुई है। बीजापुर जिले में 26 से 30 जुलाई 2023 तक बाढ़ के कारण शहर की सड़कों और हाईवे को जोड़ने वाली सड़कें जलमग्न और क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

समय पर बारिश होने से सितंबर तक फसल तैयार हो जाती है

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार छत्तीसगढ़ में आमतौर पर 100 से 110 दिन में पकने वाली फसलें लगाई जाती हैं। समय पर बारिश होने से कृषि कार्य भी समय पर शुरू हो जाता है, इसलिए फसल सितंबर के अंत तक तैयार हो जाती है। इस साल मानसून समय पर आ रहा है। ऐसे में किसान भी अपनी तैयारियां कर रहे हैं।

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