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छत्तीसगढ़ में अब शासकीय उचित मूल्य (PDS) की मॉडल दुकानें खोलने की तैयारी की जा रही है। इन दुकानों में न सिर्फ राशन मिलेगा, बल्कि बैंकिंग सुविधा भी मिल सकेगी। इन दुकानों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी की जा रही है। खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने इसके लिए खाद्य अधिकारियों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने शनिवार को खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि, उचित मूल्य दुकानों के संचालन को आर्थिक रूप से अधिक लाभदायक बनाया जाएगा। इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, दूरसंचार विभाग, ऑयल कंपनियों और नागरिक आपूर्ति निगम के सुझाव से नई योजनाएं बनाई गई हैं।
खाद्य विभाग के संचालक सत्यनारायण राठौर ने कहा कि नवंबर की राशन सामग्री का भंडारण समय पर करने के साथ ही क्लोजिंग स्टॉक की गणना की कार्यवाही सभी जिलें पूरी कर लें। कहा कि, राशनकार्डों में आधार सीडिंग के लिए शेष सदस्यों की कार्यवाही नवंबर में पूरी कर ली जाए और नए जिलों में प्रोग्रामर व कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था करें।
प्रदेश में अभी 13655 राशन दुकानें
छत्तीसगढ़ में अभी 13 हजार 655 राशन दुकानों का संचालन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत होता है। इनमें अभी चावल, चना और नमक आदि का वितरण किया जाता है। मॉडल दुकान योजना के तहत दूसरी उपभोक्ता सामग्री और घरेलू उपयोग की चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे दुकान संचालकों का फायदा बढ़ जाएगा।
2.62 करोड़ उपभोक्ता हैं पंजीकृत
खाद्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में 72 लाख 58 हजार 241 राशनकार्ड हैं। इन राशनकार्ड से दो करोड़ 62 लाख 14 हजार 915 लोग जुड़े हुए हैं। मतलब यह हुआ कि मॉडल राशन दुकानों को एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग मिल जाएगा। उनके उपयोग की सामग्री अगर उसी दुकान पर मिलने लगे और उपभोक्ता संतुष्ट हुए तो यह उत्पादक कंपनियों के लिए बड़ा सौदा हो सकता है।