मियां भोपाली के झोले-बतोले: तो क्या ‘भोपाली तहजीब’ का नाम भी भोजपाली तहजीब होगा?
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को खां, मधपिरदेश में विधानसभा के चुनावी साल में अपने भोपाल का नाम बदलने की मुहिम फिर जोर पकड़ रई हे। पिरदेश पे काबिज बीजेपी खुद तो भोपाल का नाम भोजपाल नई कर पाई सो अब उसने ये मांग साधु-संतों से करानी शुरू करी हे। भोपाल में कथा करने आए संत जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने बोला के भोपाल का नाम भोजपाल करने के मुद्दे पे वो सीधे पिरधानमंतरी नरेन्द्र मोदी से बात करेंगे। जगद्गुरू ने पिरदेश सरकार को ये भी बोला के आप पेले विधानसभा में पिरस्ताव पास करो। वो तो यहां तक बोल गए के भोपाल का नाम बदलने के बाद ई वो राजा भोज की इस नगरी में कदम रखेंगे।
मियां, भोपाल का नाम बदलने की कोशिशें तो बीते 46 साल से चल रई हें। भोत से लोगों का मानना हे के भोपाल को हजार साल पेले पिरतापी राजा भोज ने बसाया था, सो उसी के नाम पे शेहेर का नाम भोजपाल रखा गया। बाद में करीब सात सौ बरस बाद नवाबों ने इस शेहेर को अपनी राजधानी बनाया और इसका नाम भी भोजपाल से बिगड़कर भोपाल हो गया। बीजेपी वाले मानते हें के भोपाल को उसकी पुरानी हैसियत दिलाने शेहेर का नाम बदलना जरूरी हे। एसी पेली कोशिश 1977 में जनता पार्टी के राज में हिंदू नेता भाई उद्धवदास मेहता ने करी थी। उसके 34 बरस बाद मुखमंतरी शिवराजसिंह चोहान ने तो बाकायदा लाल परेड मेदान पे एलान कर दिया था कि भोपाल का नाम अब भोजपाल होगा। इसके पेले भोपाल के एक मंतरी ने शिवराज को चिट्ठी भी लिखी थी। मधपिरदेश सरकार ने उस वकत की दिल्ली में बेठी यूपीए सरकार को लेटर भी भेजा था, मगर वो रिजेक्ट हो गया। इधर एमपी में बीजेपी सरकार ने बाद में लेटर फिर भेजा के नई, ये कोई को पता नई हे। 2018 के विधानसभा चुनाव ये मांग उठे बगेर ई हो गए।
खा, अब फिर चुनावी साल आ गया हे। जो बीजेपी वालों को केना हे, वो अब साधु संतों की मार्फत किलवाया जा रिया हे। सो, इस दफे संत रामभद्राचार्यजी बोले हें के जब होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम् हो गया, फेजाबाद का अयोध्या ओर इलाहाबाद का नाम पिरयाग राज हो गया तब भोपाल को भोजपाल करने में क्या दिक्कत हेगी? जब पूरे मुलक में नाम बदलने की होड़ हो तो भोपाल भी भोजपाल होई सकता हे। संत जी ये तक बोले के वो इस मामले में सीधे मोदीजी से बात कर लेंगे। उन्होंने सीएम शिवराज चोहान को अपना अनुज बताया। संत ने यह दलील भी दी के भोपाल को भोजपाल करने से दुनिया में इस शेहेर का नाम होगा। उस भोपाल का जिसे अभी बड़े तालाब, एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद ओर गेस तरासदी की वजह से जाना जाता हेगा।
मियां, मजे की बात हे ये हे के कोई भोपालियों से नई पूछ रिया के वो अपने शेहेर का नाम बदलना भी चाह रिए हें के नईं? अगर शेहेर का नाम भोजपाल हो गया तो उस ‘भोपाली तहजीब’ का क्या होगा, जिसे सूरमा भोपाली ने दुनिया जहान में मकबूल कर दिया था। क्या उसका नाम भी अब भोजपाली तहजीब होगा? यूं जानकारों का केना हे के इस दफे बीजेपी को नाम बदलने की उम्मीद इस वास्ते जियादा हे के एक तो दिल्ली में खुद बीजेपी की सरकार हे, दूसरे भोपाल नगर निगम परिषद में बीजेपी का साफ बहुमत हे। सो मुनिसिपल कारपोरेशन से पिरस्ताव आसानी से पास कर केन्द्र सरकार को भेजा जा सकता हे ओर मुमकिन हे के पिरदेश में पांचवीं बार सरकार बनाने में इस नामांतरण से कोई मदद मिले।
– बतोलेबाज
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