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ज्‍वालामुखी विस्‍फोटों ने कर दिया पृथ्‍वी की ‘बहन’ को बर्बाद, Nasa की स्‍टडी में इस ग्रह को लेकर हुआ खुलासा

पृथ्‍वी से बाहर जीवन की संभावनाओं की बात होती है, तो वैज्ञानिक हमेशा से ही मंगल ग्रह (Mars) पर नजर गढ़ाते आए हैं। हालांकि कुछ वैज्ञानिक शुक्र ग्रह को भी टटोलने की सलाह देते हैं। अब नासा (Nasa) की एक स्‍टडी में कहा गया है कि शुक्र ग्रह कभी पृथ्वी की तरह ही पानी का संसार था, लेकिन वहां होने वाली बहुत अधिक ज्वालामुखीय गतिविधि ने इसे एक अम्लीय (Acidic) गर्म ग्रह में बदल दिया। इस साल अप्रैल में प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ एक अध्‍ययन बताता है कि शुक्र पर सैकड़ों-हजारों शताब्दियों तक चली ज्वालामुखी गतिविधियों ने इसे रहने लायक नहीं छोड़ा। 

शुक्र ग्रह हमारे सौरमंडल का दूसरा ग्रह है। उससे पहले बुध का नंबर आता है, जबकि पृथ्‍वी तीसरे नंबर पर है। शुक्र को पृथ्वी का सिस्‍टर प्‍लैनेट माना जाता है, हालांकि मौजूदा वातावरण में यहां जीवन का संभव होना मुमकिन नहीं है। शुक्र ग्रह के वातावरण का औसत तापमान 462 डिग्री सेल्सियस है। पृथ्‍वी के मुकाबले यह अत्‍यधिक गुना ज्‍यादा है। शुक्र ग्रह पर जो  बादल बनते हैं, वह सल्फ्यूरिक एसिड की बारिश करते हैं। इस वजह से इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। 
 

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