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एक विवाह ऐसा भी: क्या आपने देखी है बछड़ा-बछिया की शादी, जिसके निमंत्रण बंटे-मंडप सजा, जानें इसके पीछे की कहानी

मध्यप्रदेश को गजब यूं ही नहीं कहा जाता। यहां अब ऐसा विवाह हुआ है, जो अनूठा तो था ही, हर कोई इसकी तारीफ भी कर रहा था। दरअसल गाय के बछड़े और बछिया की शादी बड़ी धूमधाम से की गई। इसके लिए बकायदा आमंत्रण बांटे गए, चार गांव के लोग शरीक हुए। मंडप सजाया गया। मंत्रोच्चार के साथ सारे विधि विधान किए गए। 

 

ये अनूठी शादी मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में हुई। बता दें कि जिले की ग्राम पंचायत प्रेम नगर में दो परिवार ऐसे हैं जो गाय को माता और बैल को नंदी मानकर पूजते हैं। गांव में रहने वाले मुकेश दिवाले  15 साल से निसंतान होने के कारण बछिया को ही बेटी की तरह पाल रहे थे। वहीं लिमये परिवार में बछड़ा भी संतान की तरह ही रहता है। जिनके नाम नारायण और लक्ष्मी रखे गए थे। उन्होंने दोनों की बकायदा रीति-रिवाज से शादी करने की ठानी, पहले थोड़ा विचार किया और दोनों परिवार ने तैयारियां शुरू कर दीं।  बुधवार को होने वाले विवाह के लिए बकायदा न्योते बांटे गए। चार गांव के लोग सज-धज कर इस शादी में पहुंचे। पंडित ने पूरे मंत्रोच्चार से विवाह कराया। 

 

मुकेश दिवाले ने बताया कि उनकी शादी को 15 साल बीत गए है, उनकी कोई संतान नहीं होने से लक्ष्मी को ही बेटी की तरह मानते हैं। उसकी शादी में न केवल परिवार बल्कि रिश्तेदारों, समाजजनों ने शामिल होकर उनकी खुशी को दोगुना कर दिया है। मुकेश मजदूरी करते हैं और बछड़े बने दूल्हा की पालक महिला पेंशनर है।

लोगों ने बताया कि बुधवार को लिमये परिवार के यहां से दूल्हे नारायण की बरात मुकेश दिवाले के घर पहुंची। यहां मुकेश की बेटी लक्ष्मी (बछिया) से मंडप में पंडित राधेश्याम शर्मा द्वारा बकायदा वैदिक मंत्रोच्चार का उच्चारण कर विवाह संपन्न कराया गया। सुबह धूमधाम से बारात निकाली। डीजे, ढोल. तांशे पर झूमते-गाते महिला-पुरुष, बच्चे लक्ष्मी (बछिया) के घर पहुंचे थे। बछड़े- बिछया को नए कपड़े भी पहनाए गए। यहां निभाई जा रही परंपराओं को देख हर कोई आश्चर्य से भरा हुआ था। 

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