कांग्रेस बोली–मनमोहन को गन सैल्यूट के दौरान मोदी बैठे रहे: परिवार को जगह नहीं मिली; भाजपा ने कांग्रेस के 9 आरोपों के जवाब दिए
Manmohan Singh Funeral Controversy; Congress BJP | Rahul Gandhi PM Modi: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद के बाद अब कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं पर निशाना साधा है।
Manmohan Singh Funeral Controversy; Congress BJP | Rahul Gandhi PM Modi: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार द्वारा दिखाई गई अव्यवस्था और अनादर को देखकर आश्चर्य हुआ।
खेड़ा ने अंतिम संस्कार से संबंधित 9 बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह के परिवार के लिए सिर्फ 3 कुर्सियां रखी गई थीं। बाकी परिवार को कुर्सियां मांगनी पड़ीं।
Manmohan Singh Funeral Controversy; Congress BJP | Rahul Gandhi PM Modi: इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर भी आरोप लगाया कि जब डॉ. सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और तोपों की सलामी दी गई तो पीएम मोदी और मंत्री खड़े नहीं हुए।
खेड़ा ने कहा कि डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे। यह अव्यवस्था साफ तौर पर दिखाती है कि एक महान नेता के प्रति केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है।
Manmohan Singh Funeral Controversy; Congress BJP | Rahul Gandhi PM Modi: इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था कि केंद्र सरकार ने सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करके उनका अपमान किया है।
Manmohan Singh Funeral Controversy; Congress BJP | Rahul Gandhi PM Modi: भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को आरोप लगाया कि डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों के विसर्जन में कोई भी कांग्रेस नेता शामिल नहीं हुआ। उन्होंने पवन खेड़ा के सभी सवालों का जवाब दिया।
पवन खेड़ा के 9 सवाल और भाजपा का जवाब
1. दूरदर्शन ने मोदी को ज्यादा दिखाया: दूरदर्शन को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई। डीडी ने मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया, डॉ. सिंह के परिवार को बहुत कम दिखाया।
अमित मालवीय: कवरेज में रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। पहले भी केवल DD ने ही कवरेज किया है। राष्ट्रीय समारोह भी केवल DD द्वारा कवर किए जाते हैं। अन्य एजेंसियों के प्रवेश पर प्रतिबंध सुरक्षा एजेंसियों ने लगाया।
2. डॉ. सिंह के परिवार के लिए कुर्सी नहीं: डॉ. सिंह के परिवार के लिए केवल 3 कुर्सियां सामने की लाइन में रखी गईं। वहां मौजूद दूसरे कांग्रेसी नेताओं ने डॉ. सिंह की बेटियों और उनके परिवार के अन्य लोगों के लिए सीटों की व्यवस्था की।
अमित मालवीय: अंत्येष्टि स्थल पर बैठने की व्यवस्था CPWD ने दिल्ली पुलिस के परामर्श से की है। उपलब्ध स्थान के अनुसार, आगे की पंक्ति में सीटों की संख्या अधिकतम रखी गई थी। पहली पंक्ति इनमें भारत के राष्ट्रपति, भूटान के राजा, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और सेवा प्रमुख शामिल थे।
किसी अन्य व्यक्ति को आगे की पंक्ति की सीट आवंटित नहीं की गई थी। दूसरी पंक्ति में परिवार के सदस्यों के लिए 8 सीटें निर्धारित की गई थीं। अगली दो पंक्तियों में, (पंक्ति 3 और 4) परिवार के सदस्यों के लिए रिजर्व था।
3. गार्ड ऑफ ऑनर में मोदी खड़े नहीं हुए: जब डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया और जब डॉ. सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तब प्रधानमंत्री मोदी और बाकी मंत्रियों ने खड़े होना भी ठीक नहीं समझा। वे सभी बैठे रहे।
अमित मालवीय: राजकीय अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
4. परिवार को जगह नहीं दी: डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की चिता के आसपास परिवार के लिए पर्याप्त जगह नहीं दी गई, क्योंकि एक ओर तो सिर्फ सैनिकों ने जगह घेर रखी थी।
अमित मालवीय: चिता के आसपास जिनकी जरूरत थी, वही लोग मौजूद थे। परिवार के लोगों और पुजारियों के लिए पूरी जगह उपलब्ध थी। किसी ने वहां कब्जा नहीं किया।
5. आम लोगों को रोका गया: डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार को आम लोग पास से नहीं देख पाए। उन्हें निगमबोध घाट में अंदर जाने से रोका गया। वे बाहर से ही कार्यक्रम को देखने पर मजबूर रहे।
अमित मालवीय: निगमबोध घाट पर काफी लोग मौजूद थे। भीड़ ज्यादा थी। सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाया गया।
6. शाह के काफिले से शव यात्रा बाधित: अमित शाह के काफिले ने डॉ. मनमोहन सिंह की शव यात्रा को बाधित किया। इस कारण उनके परिवार की गाड़ियां घाट के बाहर ही रह गईं और गेट बंद कर दिया गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाना पड़ा।
अमित मालवीय: डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थव देह घाट तक लाने के दौरान सड़क का पूरा इंतजाम ट्रैफिक पुलिस के जिम्मे था। पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार की कारों की जानकारी पहले से ही मांगी गई थी। उन्हें पार्किंग के लिए पास जारी किए गए थे। अंतिम संस्कार जुलूस में कोई बाधा नहीं आई।
7. डॉ. सिंह के पोतों को दिक्कतें हुईं: अंतिम संस्कार की रस्में निभाने वाले डॉ. सिंह के पोतों को चिता तक पहुंचने के लिए जगह के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्हें चिता के नजदीक पहुंचने में जद्दोजहद करनी पड़ी।
अमित मालवीय: चिता के पास केवल परिवार के सदस्य, पुजारी और सेरेमोनियल गार्ड्स ही मौजूद थे।
8. भूटान के राजा खड़े हुए, मोदी बैठे रहे: विदेशी राजनयिकों को कहीं और बैठाया गया और वे नजर भी नहीं आए। हैरानी की बात यह रही कि जब भूटान के राजा खड़े हुए, तो प्रधानमंत्री खड़े नहीं हुए।
अमित मालवीय: विदेशी राजनयिकों को पहले से तय स्थान पर बैठाया गया। प्रोटोकॉल के तहत भूटान के राजा और मॉरीशस के विदेश मंत्री अगली लाइन में बैठे थें।
9. निगमबोध घाट पर व्यवस्थाएं नहीं थीं: पूरे अंतिम संस्कार स्थल को इतनी खराब तरीके से व्यवस्थित किया गया था कि डॉ. सिंह की शव यात्रा में भाग लेने वाले कई लोगों के लिए कोई जगह नहीं बची।
अमित मालवीय: शुभचिंतकों, समर्थकों और आगंतुकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं था। रक्षा मंत्रालय को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का काम सौंपा गया है। वही किया गया। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु पर राजनीति बंद करेगी और उन्हें वह सम्मान देगी जिसके वे हकदार हैं।
प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- मनमोहन सिंह को भारत रत्न मिलना चाहिए
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा- मुझे लगता है कि मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग बिल्कुल जायज है। वे भारत में आर्थिक सुधारों के निर्माता हैं।
वे भारत की विकास गाथा के जनक हैं। वे दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं, इसलिए उनके सम्मान में स्मारक बनाने की मांग बिल्कुल जायज है। मैं उनके लिए भारत रत्न की मांग करती हूं, वे इसके पूरी तरह हकदार हैं।
मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर भी विवाद…
27 दिसंबर: खड़गे ने स्मारक के लिए जमीन मांगी थी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 दिसंबर की शाम को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। कहा था कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो वहीं स्मारक बनाया जाए। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भी यही चाहती थीं। हालांकि गृह मंत्रालय ने अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाया।
28 दिसंबर: बीजेपी बोली- जमीन अलॉट कर दी गई
कांग्रेस की तरफ से मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन नहीं देने के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 28 दिसंबर को कहा- डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई। इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दे दी गई है। हालांकि नड्डा ने यह नहीं बताया कि जमीन कहां दी गई है।
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