मकर संक्रांति: क्षिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे लोग, रामघाट व त्रिवेणी में लगा श्रद्धालुओं का तांता

पवित्र नदी में स्नान का अधिक महत्व
मकर संक्रांति पर्व पर पवित्र नदी में स्नान का अधिक महत्व होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामघाट व त्रिवेणी पहुंचे। वहीं दान का विशेष महत्व होने से कई स्थानों पर भिक्षुकों को दान दिया गया और गायों को चारा खिलाया। पर्व स्नान का लाभ लेने शहर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा देव स्थलों पर दर्शन पूजन किए। शहर के विभिन्न मंदिरों में आकर्षक सजावट और श्रृंगार किया गया।
परिवारों ने मनाई खुशियां
कोई पतंगबाजी, तो कोई गिल्ली-डंडा तो कोई सितौलिया खेलकर पर्व के उत्साह को दोगुना करता नजर आया। कई परिवारों ने मिलकर इस दिन पिकनिक मनाई और तिल-गुड़ से एक-दूसरे का मुंह मीठा कर पर्व की शुभकामनाएं दीं। बच्चे भी पतंग-डोर के साथ मैदान में दौड़ते रहे।
आसमान में इठलाई पतंगें, लड़े खुशियों के पेंच
मकर संक्रांति पर पतंगबाजों के लिए 14 जनवरी फिक्स रहती है, लेकिन शनिवार के बाद आज रविवार को भी आसमान में रंगबिरंगी पतंगे इठलाती रहीं और खुशियों के पेंच लड़ते रहे। तेज साउंड के साथ बज रहे फिल्मी गीतों से शहर की गलियां गूंजती रहीं। पतंगबाजों का हुजूम सुबह से छतों पर नजर आया।