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25 हजार महिलाओं ने पीली साड़ी में निकाली कलश यात्रा, बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड; गोल्डन बुक में हुआ दर्ज

रिपोर्ट. रामकुमार नायक

महासमुंद. 25 हजार से ज्यादा महिलाएं, वो भी एक ही रंग के परिधान में, हर एक के सिर पर रखा पीला कलश. जी हां, सुनकर अचरज जरूर हो रहा होगा, लेकिन महासमुंद जिले के बसना नगर की महिलाओं ने मिलकर एक विश्व कीर्तिमान बना दिया. ये गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ है.

सर्व समाज द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की कलश यात्रा के दौरान यह रिकॉर्ड बना है. राधेकृष्ण की भक्ति में सराबोर बसना नगर के लिए ये गौरव का दिन साबित हुआ, इस दिन नीलांचल सेवा समिति के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य कलश यात्रा ने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है.

कलश यात्रा में शामिल रहीं 51 कीर्तन मंडलियां
इस ऐतिहासिक कलश यात्रा को जिसने भी देखा, बस देखता ही रह गया. बसना क्षेत्र के लोगों ने हाईस्कूल मैदान से कथा स्थल दशहरा मैदान तक बड़े ही भक्ति भाव से यात्रा निकाली, जिसकी प्रथम पंक्ति में भागवत पार्टी एवं 51 कीर्तन मंडलियों के दल भगवान के भजन गाते बजाते, रथ में भगवान बांके बिहारी एवं भगवान श्रीराधा-कृष्ण मनमोहक झांकी. वहीं दूसरे पंक्ति में बसना क्षेत्र की 25 हजार से ज्यादा की संख्या में पीला वस्त्र धारण किए महिलाएं ओडिसी संस्कृति में हर्षोल्लास के साथ हुलहुली के भगवान राधा कृष्ण के जय घोष के नारे के साथ नगर भ्रमण किया. इस दौरान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड एशिया प्रमुख मनीष विश्नोई एवं गिरीश नागवंशी मौजूद रहे, जिन्होंने कलश यात्रा कार्यक्रम पर बारीकी से नजर रखी.

एक ही यात्रा में बने दो रिकॉर्ड्स
सफल कीर्तिमान के बाद कार्यक्रम के संयोजक एवं नीलांचल सेवा समिति के संथापक डॉ. संपत अग्रवाल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम ने दो-दो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स कायम करने के प्रशस्ति पत्र प्रदान किए. इनमें पहला एक समान परिधान में सबसे ज्यादा महिलाएं, और दूसरा सबसे लंबी कलश यात्रा का रिकॉर्ड शामिल रहा.

जनकल्याण के लिए हो रहा आयोजन
श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कोरोना काल के दौरान बसना क्षेत्र में 500 लोगों कीअसामयिक मृत्यु पर उनके आत्मा की शांति के साथ ही क्षेत्र में सुख, समृद्धि और विकास हो इसके अलावा सभी सुखी,निरोगी हों और सबका कल्याण हो. इसी उद्देश्य से किया जा रहा है.

Tags: Chhattisagrh news

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