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75 लाख के गांजे की Inside Story: छत्तीसगढ़ से UP जा रहा था गांजा, कौन है तस्कर, कैसे पकड़ाया, जानिए A2Z डिटेल्स

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: कोमाखान की सुबह थी कुछ अलग। मंगलवार की सुबह जैसे ही कोमाखान थाना क्षेत्र के टेमरी नाका पर पुलिस चेकिंग शुरू हुई, टीम को नहीं पता था कि कुछ ही देर में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े गांजा तस्करी मामलों में से एक खुलने वाला है।

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: सूचना मिली थी—एक ट्रक, ओडिशा से गांजा लेकर आ रहा है और महासमुंद जिले की सीमा में दाखिल होगा। पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई, जाल बिछाया और नाके पर संदिग्ध ट्रक को रोका। नंबर प्लेट—CG 12 BR 9833

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: जैसे ही ट्रक की तलाशी ली गई, एक के बाद एक 20 प्लास्टिक की बोरियां सामने आईं। बोरियों में भरा था 500 किलो गांजा। बाजार में इसकी कीमत लगभग 75 लाख रुपये आंकी गई।


ट्रक चला रहा था यूपी का विजय कुमार राजपूत

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: ट्रक के ड्राइवर की पहचान विजय कुमार राजपूत (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के संबलपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ में विजय ने जो जानकारी दी, उसने इस मामूली दिखने वाली गिरफ्तारी को अंतरराज्यीय गांजा तस्करी रैकेट में बदल दिया।


गांजा आया था ओडिशा के रायगढ़ा के जंगलों से

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: विजय ने बताया कि यह गांजा ओडिशा के रायगढ़ा जिले के भीष्मकटक रेलवे स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर अंदर एक घने जंगल से लोड किया गया था। सप्लायर का नाम बताया गया – अंकित राय, जो उत्तर प्रदेश के झांसी जिले का रहने वाला है।


गिरफ्तारी, कोर्ट पेशी और रिमांड

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: पुलिस ने विजय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अब पुलिस का फोकस है — अंकित राय और उस पूरे नेटवर्क पर जो यूपी, ओडिशा और छत्तीसगढ़ को जोड़ता है।

कोमाखान थाना प्रभारी नितेश सिंह ठाकुर के अनुसार,

“यह मामला सिर्फ एक ट्रक में गांजा लाने का नहीं, बल्कि पूरे एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जिसमें कई राज्यों के कनेक्शन हैं। आगे जल्द ही और गिरफ्तारी संभव है।”


ड्रग्स नेटवर्क की परतें खुल रही हैं

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: यह महज संयोग नहीं कि ओडिशा के जंगलों से अक्सर गांजा बरामद होता है। पिछले साल भी ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा से 300 किलो गांजा जब्त हुआ था। इस बार जो बात अलग है, वह है गांजा की मात्रा, कीमत और यूपी कनेक्शन

अंतरराज्यीय लिंक

  • सप्लायर: अंकित राय, झांसी, उत्तर प्रदेश
  • कलेक्शन प्वाइंट: रायगढ़ा जंगल, ओडिशा
  • डिलीवरी प्वाइंट: संभावित रूप से नागपुर/यूपी
  • कैरीअर: ट्रक ड्राइवर विजय कुमार राजपूत
  • जब्ती स्थल: टेमरी नाका, महासमुंद, छत्तीसगढ़

जांच जारी है | CDR, GPS, ट्रक रूट और बैंक डिटेल खंगाले जा रहे

Chhattisgarh Mahasamund Inside Story of Ganja worth 75 lakhs: पुलिस अब ट्रक के GPS ट्रैकिंग, ड्राइवर के मोबाइल CDR, बैंक ट्रांजैक्शन और गांजा कहां-कहां पहुंचाया गया — इन तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है। सूत्रों का मानना है कि यह ट्रक एक बार में नहीं, पहले भी कई बार गांजा ट्रांसपोर्ट कर चुका है

Q1. महासमुंद में कितना गांजा जब्त किया गया है?
A. पुलिस ने 500 किलो गांजा जब्त किया है जिसकी कीमत 75 लाख रुपए है।

Q2. गांजा कहां से लाया गया था?
A. ओडिशा के रायगढ़ा जिले के जंगलों से गांजा लाया गया था।

Q3. ट्रक ड्राइवर कौन है?
A. आरोपी का नाम विजय कुमार राजपूत है, जो उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले का निवासी है।

Q4. इस मामले का मास्टरमाइंड कौन है?
A. आरोपी ने बताया कि झांसी निवासी अंकित राय ने यह गांजा लोड करवाया और उसे सप्लाई करने के लिए भेजा।

Q5. क्या ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है?
A. हां, ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Q6. क्या अन्य आरोपी भी हैं?
A. हां, अंकित राय और अन्य तस्करों की तलाश की जा रही है।

Q7. पुलिस अब आगे क्या कर रही है?
A. ड्रग्स नेटवर्क की परतें उजागर करने के लिए पुलिस तकनीकी और ग्राउंड लेवल जांच कर रही है।

Q8. क्या यह मामला पहले से जुड़ा हुआ है किसी नेटवर्क से?
A. सूत्रों के अनुसार, यह ट्रक पहले भी गांजा तस्करी में उपयोग हुआ हो सकता है।

Q9. गांजे की पैकिंग किस तरह की थी?
A. गांजा 20 प्लास्टिक की बोरियों में भरकर ट्रक में छिपाया गया था।

Q10. क्या गांजा खरीदने वालों का नाम सामने आया है?
A. अभी तक उपभोक्ताओं या खरीदारों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन जांच जारी है।

गांजा तस्करी नेटवर्क का फुल मॉडल


1. प्रोडक्शन बेस: ओडिशा के जंगल (Source Point)

  • मुख्य क्षेत्र: रायगढ़ा, कोरापुट, मल्कानगिरी जैसे दक्षिण ओडिशा के जिले
  • ये इलाके दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरे हैं, जहां गांजे की अवैध खेती बड़े पैमाने पर होती है।
  • लोकल माफिया और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में यह काला धंधा बिना सरकारी डर के फलता-फूलता है।

कैसे काम करता है?

  • जंगलों में गांजा की खेती होती है
  • कटाई के बाद बोरियों में भरकर छिपाए गए कलेक्शन पॉइंट तक पहुंचाया जाता है (जैसे – भीष्मकटक, रायगढ़ा)
  • यहां से हथियारबंद एजेंट या दलाल ट्रांसपोर्टिंग की अगली स्टेज पर काम करते हैं

2. ट्रांजिट जोन: छत्तीसगढ़ (Transit Point)

  • मुख्य मार्ग: ओडिशा सीमा से सटे महासमुंद, कोमाखान, धमतरी जैसे इलाके
  • लॉजिस्टिक प्लान: गांजा को भारी वाहनों (ट्रक, ट्रैक्टर, बोलेरो पिकअप) में छिपाकर मुख्य हाईवे या ग्रामीण रास्तों से निकाला जाता है।

कैसे छत्तीसगढ़ का प्रयोग होता है?

  • ओडिशा से निकलकर गांजा महासमुंद या आसपास के जिलों से होते हुए छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकाला जाता है
  • यह एक सेफ ट्रांजिट कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल होता है, जहाँ लोकल पुलिस की मिलीभगत या रूटीन लापरवाही भी कई बार फायदेमंद साबित होती है।

बेस लोकेशन: कोमाखान, टेमरी नाका, गरियाबंद सीमा आदि।


3. डेस्टिनेशन हब: उत्तर प्रदेश (Consumer & Distribution Point)

  • बड़े डिस्ट्रीब्यूटर शहर: झांसी, फिरोजाबाद, आगरा, इटावा, प्रयागराज, कानपुर
  • मार्केट: यहां गांजा की डिमांड शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में होती है।
  • ट्रक गांजा लेकर यूपी पहुंचता है जहां थोक खरीदार या बिचौलिए उसे छोटे पैकेट में बांटकर आगे बेचते हैं।

ड्रग माफिया की भूमिका:

  • यूपी का मास्टरमाइंड जैसे इस केस में अंकित राय — गांजा लोड कराता है
  • खुद ट्रेन से चलकर डेस्टिनेशन पर ट्रक का इंतजार करता है
  • वहीं से डिलीवरी प्लान, फर्जी बिल और पुलिस से बचने के रास्ते तय करता है

डीलिंग और पेमेंट सिस्टम

  • हवाला नेटवर्क का उपयोग: कैश डील को ट्रेस से बचाने के लिए हवाला चैनल से पेमेंट किया जाता है
  • इस केस में रविचंद्र और सतीश को बेंगलुरु में कैश डिलीवरी मिली
  • मास्टरमाइंड सीधे हाथ में पैसा नहीं लेता, बल्कि “प्रॉक्सी अकाउंट” और दलालों के जरिए काम होता है

जुड़े हुए राज्य और उनका रोल:

राज्यभूमिका
ओडिशागांजा की खेती, कलेक्शन पॉइंट
छत्तीसगढ़ट्रांजिट ज़ोन, सुरक्षित रूट
उत्तर प्रदेशवितरण, उपभोक्ता बाजार, मास्टरमाइंड बेस
मध्य प्रदेश/बिहारवैकल्पिक रूट, अतिरिक्त लॉजिस्टिक्स

तस्करी में इस्तेमाल होने वाले तरीके

  • ट्रक में प्लास्टिक बोरियों में छिपाकर
  • सब्जी या फलों के नीचे गांजा छिपा देना
  • फर्जी ट्रांसपोर्ट बिल और ट्रांसिट परमिट
  • लोकेशन बदलने वाले ड्राइवर: ड्राइवर को केवल एक रूट की जानकारी दी जाती है, ताकि वह ज्यादा सवाल न करे

पुलिस और एजेंसियों की चुनौतियां

  • ट्रक GPS और लोकेशन बार-बार बदलना
  • लोकल भाषा का प्रयोग करके बातचीत
  • एक ही गांजा को 2-3 चरणों में ट्रांसपोर्ट करना
  • ड्राइवर को सिर्फ लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट की जानकारी
  • ट्रक नंबर बदलना या फर्जी नंबर प्लेट

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