विमानों में बम की धमकी, आरोपी की हुई पहचान: आतंकवाद पर किताब लिख चुका, मोदी से मिलना चाहता है, जानिए कहां है क्रिमिनल
Maharashtra person who threatened to bomb plane has been identified: विमानों में बम की धमकी के मामले में मंगलवार को एक और आरोपी की पहचान हो गई है। नागपुर पुलिस के मुताबिक यह महाराष्ट्र के गोंदिया का रहने वाला जगदीश उइके (35) है। उसने आतंकवाद पर एक किताब भी लिखी है। डीसीपी श्वेता खेड़कर ने बताया कि पुलिस टीम ने फर्जी ईमेल खंगालकर आरोपी का पता लगा लिया है।
आरोपी अभी फरार है, उसे पकड़ने के लिए पुलिस की विशेष टीमें बनाई गई हैं। उसे 2021 में एक मामले में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। दो हफ्ते में 400 से ज्यादा फ्लाइट्स में धमकी दी जा चुकी है। फ्लाइट्स में फर्जी धमकी देने के मामले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
दिल्ली पुलिस ने 25 साल के शुभम उपाध्याय को 26 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उसने 25 अक्टूबर को आईजीआई एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट में बम की दो फर्जी धमकियां पोस्ट की थीं। उसने मशहूर होने के लिए ऐसा किया था।
इससे पहले मुंबई पुलिस ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से 17 साल के नाबालिग को हिरासत में लिया था। पैसे के लेन-देन के विवाद में अपने दोस्त को फंसाने के लिए उसने उसके नाम से एक्स अकाउंट बनाया और 14 अक्टूबर को 4 फ्लाइट्स में बम होने की झूठी खबर पोस्ट कर दी।
फ्लाइट्स समेत कई मंत्रालयों को भेजे थे ईमेल नागपुर पुलिस ने बताया कि जगदीश उइके ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), रेल मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) समेत कई सरकारी दफ्तरों को ईमेल भेजे थे।
इसके बाद सोमवार 28 अक्टूबर को नागपुर पुलिस ने शहर में उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।
ईमेल में मोदी से मिलने की बात लिखी थी जगदीश उइके ने ईमेल में धमकी देते हुए लिखा था कि अगर मुझे गुप्त आतंकी कोड के बारे में अपनी जानकारी पेश करने का मौका नहीं दिया गया तो मैं इसका विरोध करूंगा। इसके साथ ही उसने आतंकी धमकियों की जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की बात भी कही थी। जगदीश ने 21 अक्टूबर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक ईमेल भी भेजा था।
केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जारी की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने इन धमकियों पर कड़ा रुख अपनाया है। 26 अक्टूबर को आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि अगर वे ऐसी झूठी जानकारियों को तुरंत नहीं हटाते हैं तो आईटी एक्ट के तहत उनकी छूट खत्म कर दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि ऐसी जानकारियों को तुरंत हटाना होगा और इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को भी देनी होगी।
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