कौन हैं हेमंत खंडेलवाल, जो बनेंगे MP के नए BJP प्रदेश अध्यक्ष? पिता से सीखी है राजनीति, जानिएं प्रदेशाध्यक्ष बनने की कहानी

MP BJP New President: हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा होना अभी बाकी है. बुधवार को इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. आज खंडेलवाल ने बीजेपी दफ्तर में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. आपको बता दें कि राज्य के सीएम मोहन यादव खुद खंडेलवाल के प्रस्तावक बने और उनका नामांकन पत्र दाखिल किया.
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को करीब दस महीने के इंतजार के बाद नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बैतूल से पार्टी विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम निर्विरोध सामने आया है। खंडेलवाल मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पसंदीदा बताए जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय नेतृत्व भी उनके नाम पर सहमत है। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल समेत कई नेताओं ने उनके नाम पर समर्थन जताया है।

यूपी में हुआ जन्म
खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी दिलाने में संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी की खास पैरवी अहम बताई जा रही है। हेमंत खंडेलवाल का जन्म 2 सितंबर 1964 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। उनके पिता विजय खंडेलवाल बैतूल से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में हेमंत 2008-09 में इसी सीट से सांसद बने थे।
हेमंत के पिता विजय खंडेलवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनकी गिनती भी संघ के करीबी नेताओं में होती थी। इसके चलते हेमंत खंडेलवाल का संगठन से जुड़ाव और भरोसा काफी पुराना है। हेमंत 2013, 2018 और 2023 में बैतूल से विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वे मप्र भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। खंडेलवाल वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में खंडेलवाल संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी के करीबी माने जाते हैं। डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनवाने में भी सुरेश सोनी की राय ने अहम भूमिका निभाई थी। दिल्ली में सोनी और यादव दोनों ने मिलकर हेमंत खंडेलवाल का नाम आगे बढ़ाया है।
सीएम यादव ने भी केंद्रीय भाजपा नेतृत्व को भरोसा दिलाया है कि खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच समन्वय मजबूत रहेगा। क्योंकि अभी वीडी शर्मा और सीएम यादव के बीच समन्वय की कमी की जानकारी सामने आती रहती है।
कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय और तालमेल बेहतर होगा
मध्य प्रदेश भाजपा सूत्रों का कहना है कि खंडेलवाल की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय और तालमेल बेहतर होगा। क्योंकि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पार्टी कार्यकर्ताओं से ज्यादा संवाद नहीं करते हैं। कई बार यह शिकायत भाजपा हाईकमान तक भी पहुंची है।
खंडेलवाल की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जो सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनते हैं और सभी को साथ लेकर चलते हैं। समन्वय उनकी सबसे बड़ी ताकत बताई जाती है। खंडेलवाल के अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश के निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी आएगी। पार्टी और सरकार के बीच समन्वय पहले से बेहतर होगा।
एमपी में ऑपरेशन लोटस में भी खंडेलवाल ने अहम भूमिका निभाई
ऑपरेशन लोटस में भी हेमंत खंडेलवाल की अहम भूमिका बताई जाती है। सूत्रों का कहना है कि साल 2020 में जब कांग्रेस की कमल नाथ सरकार संकट में आई थी, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस दौरान सिंधिया समर्थित 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
इस दौरान सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और भाजपा से हेमंत खंडेलवाल ने अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान बताया गया था कि कई विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में रखने की व्यवस्था की गई थी। हेमंत खंडेलवाल ने उन विधायकों की देखभाल की जिम्मेदारी ली थी। इसके अलावा खंडेलवाल ने केंद्रीय नेतृत्व से समन्वय का काम भी किया।
खंडेलवाल निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए
बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल निर्विरोध मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुने गए। नामांकन प्रक्रिया में उनके अलावा किसी और ने नामांकन दाखिल नहीं किया। सीएम डॉ. मोहन यादव खंडेलवाल के प्रस्तावक बने। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंत्री वीरेंद्र खटीक के बगल में बैठे हेमंत खंडेलवाल को इशारा किया।
इसके बाद सीएम मोहन यादव उन्हें हाथ पकड़कर मंच पर ले गए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे के सामने अपना नामांकन दाखिल किया। भाजपा कार्यालय के सभागार में चुनाव अधिकारी और चुनाव प्रभारी पर्यवेक्षक सरोज पांडे के साथ सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद हैं।
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