आज रात आसमान में होगी ‘तारों की बारिश’, देखना चाहते हैं यह नजारा? जानें सभी डिटेल

जानकारी के अनुसार, करीब 30 साल पहले धूमकेतु टेम्पल-टटल (Tempel – Tuttle) ने अपना मलबा रिलीज किया था। इन्हीं से होकर आज पृथ्वी गुजरने वाली है। इतिहास में ऐसा हुआ है, जब ये उल्का बौछारें एक तरह के तूफान में बदल गईं और आसमान रोशन हो गया। साल 1999 और 2001 में हर घंटे करीब 3 हजार उल्काओं की बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
उससे पहले 17 नवंबर 1966 की सुबह करीब 15 मिनट की अवधि के दौरान हजारों उल्का आसमान में देखे गए थे। लियोनिड उल्का तूफान अमूमन 33 से 34 साल के चक्र में आते हैं, जबकि साल में एक बार इनकी ‘बारिश’ आसमान में दिखाई देती है।
रिपोर्टों के अनुसार, इस साल लियोनिड्स उल्का बौछार 6 नवंबर से शुरू हो गई है और यह 30 नवंबर तक एक्टिव रहेगी। आप रात के बाद और सुबह से ठीक पहले आसमान में यह नजारा देख पाएंगे। 17 – 18 नवंबर के आसपास यह नजारा सबसे बेहतरीन होगा। भारत में भी इस नजारे को देखा जा सकेगा। दिल्ली-मुंबई समेत तमाम बड़े शहरों में लोग लियोनिड्स उल्का बौछार को देख पाएंगे।
उल्का बौछारों को देखने का सही समय
उल्का बौछारों को देखना कोई आम टास्क नहीं है। इसके लिए आपको पूरी रात इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि आपकी दिलचस्पी ऐसी घटनाओं में है, तो फिर आपको यह इंतजार अच्छा लगेगा। इसका सबसे बेहतर समय रात करीब 12.30 बजे के बाद सुबह 6 बजे से पहले का है। अन्य उल्काओं की तरह लियोनिड्स उल्का बौछार को देखने के लिए आपको किसी दूरबीन की जरूरत नहीं है, लेकिन शहर की चकाचौंध ऐसे नजारों को फीका कर देती है।
उल्का बौछार देखने के लिए क्या करें
- शहर की रोशनी से दूर ऐसी जगह जाएं जहां आपको गहराती हुई रात दिखे। मसलन, कोई ग्रामीण इलाका।
- मौसम के अनुसार कपड़े पहनें और सुनिश्चित करें कि आप सेफे हैं।
- अपने साथ एक कंबल या आरामदायक कुर्सी ले जाएं, क्योंकि उल्का बौछारों को देखने के लिए आपको घंटों इंतजार करना पड़ा सकता है।
- लोकेशन सेट होने के बाद जमीन पर लेट जाएं और आकाश को देखें।