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Kuno National Park: कूनो के माहौल में ढले नामीबियाई चीते, बड़े बाड़े में पहुंची मादा तिबलिश ने किया पहला शिकार

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श्योपुर जिले के राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण में नामीबिया से आए आठ चीजे अब धीरे-धीरे यहां के माहौल में ढल रहे हैं। हाल ही में बड़े बाडे में छोड़ी गई मादा चीता तिबलिश ने पहली बार शिकार किया है। मादा चीता ने वन्य चीतल का शिकार कर अपनी भूख मिटाई। इसे लेकर कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने खुशी जाहिर की है। 

बता दें, चीता टास्क फोर्स के अधिकारियों के निर्देश के बाद कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने पिछले 27 नवंबर को मादा चीता तिबलिश और एक अन्य चीते को बड़े बाडे में रिलीज किया था, इसके बाद से ये लगातार वन्य जीवों का शिकार करने की कोशिश करती रहीं लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। बाड़े के अंदर की बड़ी घास की वजह से भी शिकार करने में दिक्कत हो रही थी, इसे देखते हुए कूनो के अधिकारियों ने शनिवार को बड़े बाड़े में 13 और चीतल छोड़े, रविवार शाम को तिबलिश ने एक चीतल का शिकार करके बड़े ही चाव से उसका मांस खाया, अब वह प्राकृतिक रूप से वन्य जीवों का शिकार कर सकेगी, दूसरे चीते भी शिकार करके अपना पेट खुद भर रहे हैं। इसे लेकर चीता ट्रांसपोर्ट के अधिकारी भी खुशी जाहिर कर रहे हैं। राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि, मादा चीता ने प्राकृतिक रूप से शिकार किया है यह वाकई खुशी की बात है, हमें लग रहा था कि बड़ी घास होने की वजह से शिकार नहीं कर पा रही है। इसे लेकर हमने कल 13 और चीतल छुड़वाए और आज उसने पहला शिकार किया है। 

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श्योपुर जिले के राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण में नामीबिया से आए आठ चीजे अब धीरे-धीरे यहां के माहौल में ढल रहे हैं। हाल ही में बड़े बाडे में छोड़ी गई मादा चीता तिबलिश ने पहली बार शिकार किया है। मादा चीता ने वन्य चीतल का शिकार कर अपनी भूख मिटाई। इसे लेकर कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने खुशी जाहिर की है। 

बता दें, चीता टास्क फोर्स के अधिकारियों के निर्देश के बाद कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने पिछले 27 नवंबर को मादा चीता तिबलिश और एक अन्य चीते को बड़े बाडे में रिलीज किया था, इसके बाद से ये लगातार वन्य जीवों का शिकार करने की कोशिश करती रहीं लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। बाड़े के अंदर की बड़ी घास की वजह से भी शिकार करने में दिक्कत हो रही थी, इसे देखते हुए कूनो के अधिकारियों ने शनिवार को बड़े बाड़े में 13 और चीतल छोड़े, रविवार शाम को तिबलिश ने एक चीतल का शिकार करके बड़े ही चाव से उसका मांस खाया, अब वह प्राकृतिक रूप से वन्य जीवों का शिकार कर सकेगी, दूसरे चीते भी शिकार करके अपना पेट खुद भर रहे हैं। इसे लेकर चीता ट्रांसपोर्ट के अधिकारी भी खुशी जाहिर कर रहे हैं। राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि, मादा चीता ने प्राकृतिक रूप से शिकार किया है यह वाकई खुशी की बात है, हमें लग रहा था कि बड़ी घास होने की वजह से शिकार नहीं कर पा रही है। इसे लेकर हमने कल 13 और चीतल छुड़वाए और आज उसने पहला शिकार किया है। 

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