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Kuno National Park: सभी चीते बड़े बाड़े में शिफ्ट, खूंखार तेंदुए का खतरा भी टला

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नामीबिया से लाए गए चीतों का क्वारंटाइन समय खत्म चुका है। धीरे-धीरे चीतों को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां वे शिकार कर रहे हैं। दो मादा चीतों को रविवार को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। बचे हुए तीन चीतों को सोमवार को बड़े बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं यहां खतरा बने तेंदुए को भी बाहर कर दिया गया है। 

कूनो के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश कुमार वर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि मादा चीता सवाना, शाशा और सियाया को सोमवार सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच बड़े बोमा (बाड़े) संख्या 5 में पिंजरों का उपयोग करके छोड़ा गया। रविवार को छोड़ी गईं मादा चीता आशा और त्बिलिसी बड़े बाड़े में नर ओबैन, एल्टन और फ्रेडी के साथ शामिल हो गईं। ओबैन को 18 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया था जबकि एल्टन और फ्रेडी को 5 नवंबर को शिफ्ट किया गया था। 

 

बता दें कि प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। उन्हें अलग-अलग क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया था। अब उनका ये समय खत्म हो गया है और वे यहां के माहौल के अनुकूल ढल गए हैं। धीरे-धीरे सभी आठों चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। यहां कुछ समय वे शिकार करने के आदी हो जाएंगे फिर उन्हें खुले इलाके में छोड़ा जाएगा। 

24 घंटे में चार बार मिलेगी लोकेशन

वन विभाग के अधिकारी बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतों की, उनके गले में पहनाए गए कॉलर आईडी से मॉनीटरिंग करेंगे। कॉलर आईडी से चीतों की लोकेशन सेटेलाइट के माध्यम से दिन में चार बार वन विभाग के अधिकारियों को सिस्टम पर ऑटोमैटिक मैसेज के माध्यम से मिलेगी। इसकी मदद से टीम जरूरत पड़ने पर चीतों के पास पहुंच सकेगी।

 

छह वर्ग किमी का है बड़ा बाड़ा

छह वर्ग किमी के घेरे में चीते शिकार को मारकर खाएंगे और स्वाभाविक रूप से खुद को ढाल लेंगे। बाड़े में पहले से ही हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय और अन्य वन्य जीवों को चीतों के शिकार करने के लिए रखा गया है। यहां तीन से चार महीने बिताने के बाद चीतों को जंगल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

खतरा भी टला

कूनो नेशनल पार्क में चीतों को रहने के लिए बनाए गए बड़े बाड़े में तेंदुओं ने कब्जा कर लिया था। चार तेंदुए तो समय रहते निकाल लिए गए थे, लेकिन एक तेंदुआ काफी प्रयास के बाद भी पकड़ नहीं आ रहा था। वो चीतों के लिए खतरा बना हुआ था। रविवार रात को तेंदुए ने भी बड़ा बाड़ा छोड़ दिया है। अब चीतों पर ये खतरा भी टल गया है। 

 

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