
कोरबा । कटघोरा को जटगा से जोड़ने वाली सड़क में तूमान से एक किलोमीटर दूर बरबसपुर के पास ट्रक के गड्ढे में फंसने से मार्ग तीन घंटे जाम रहा। सुबह नौ बजे से दोपहर बारह बजे तक आवागमन बंंद रहने मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
बसों में परिवार सहित यात्रा करने वाले यात्री भूख प्यास से हलकान रहे। फंसे ट्रक को दूसरे ट्रक के सहारे खींच कर बाहर निकाला गया तब कहीं जाकर आवागमन बहाल हुआ।
जर्जर हो चुकी सड़क के समय रहते मरम्मत नहीं किए जाने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कसनिया मोड़ से जटगा तूमान को जोड़ने वाली मार्ग में प्रतिदिन 18 बसें चलती है। मार्ग में पिछले चार साल से मरम्मत नही हुआ है।
कोरोना काल के बाद से माना जा रहा था कि जर्जर हो चुके मार्ग का जीर्णोद्धार कराया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। लोक निर्माण विभाग ने सड़क को सुधारने के बजाए ग्रीष्म के समय केवल गड्ढा भराई का काम किया है। दो जिलों को जोड़ने वाले इस मार्ग में ज्यादतर भारी वाहनों का आवागमन होता है।
वर्षा शुरू होने के बाद मरम्मत किए गए मार्ग में फिर से गड्ढे हो गए है। शनिवार को वाहन फंसने की जानकारी प्रशासन को देर से मिली। पुलिस और यातायात के विभाग के अधिकारियों ने मार्ग में वाहनों को व्यवस्थित कराया। गड्डे के आगे-पीछे कतार में लगे वाहनों को पीछे किया गया। दूसरे ट्रक के माध्यम से टोकन कर गड्ढे में फंसे ट्रक को निकाला गया।
बताना होगा कि कसनिया से सिंघिया तक सड़क कमोबेस ठीक है। राज ग्वालिन, डूमरमुड़ा, अलगीडांड़ से तूमान के बीच गड्ढों की भरमार शुरू हो जाती है। तूमान और जटगा के बीच में खोडरी, रावा व नगोई के पास सड़क के गड्ढों का आकार इतना बड़ा है आए दिन यहां वाहन फंसने से आवागमन बाधित रहती है।
स्कूली बच्चे व आवश्यक काम से शहर आने जाने वालों काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर मार्ग की वजह से गांवों तक उचित मूल्य दुकान की चावल समय पर नहीं पहंचती।
गांवों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में व्यवसाईयों की पहुंच कम हो गई है। स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ी वाहनों का पहुंचना मुश्किल हैं। आवागमन की सुविधा व्यवस्थित करने की दिशा में सुड़क का नवीनीकरण आवश्यक हो गया।
इस वजह से फंसती है गाड़ियां
बीते दो दिनों जिले में थम थम कर बारिश हो रही है। जिसका असर जर्जर सड़कों पर पड़ रहा। तूमान जटगा मार्ग में गड्ढों का आकार इतना बढ़ा है कि वर्षा के दौरान गहराई की थाह नहीं मिलती। अधिक भार लेकर चलने वाले ट्रकों के पहिए धंस जाते हैं।
इस तरह जाम की स्थिति बन जाती है। ग्रामीणों की माने तो लोक निर्माण विभाग के औपचारिक मरम्मत का खामियाजा आम राहगीरों को भुगतना पड़ रहा। स्थानीय प्रतिनिधि में मार्ग का मरम्मत कराने की दिशा कारगर पहल नहीं कर रहे।
समय पर जारी नहीं मरम्मत की निविदा
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी कम दूरी की सड़कों को छोड़ जिले की शेष सभी सडकें लोग निर्माण विभाग के दायरे में आते थे। अंबिकापुर से कटघोरा, बिलासपुर से कटघोरा और चांपा से कोरबा मार्ग नेशन हाइवे को हस्तांतरित कर दिया गया।
ऐसे में विभाग के पास केवल बायपास सड़कों की जिम्मेदारी है। इस तरह सड़कों संख्या कम होने के बाद भी विभाग की ओर मरम्मत कार्य में अनदेखी की जा रही है। मरम्मत के राशि स्वीकृति होने के बावजूद समय पर निविदा जारी नहीं किए जाने से सड़कों की यह दशा हुई है।
वर्षा के कारण मरम्मत में असुविधा हो रही है। सड़क सूखते पूरी तरह सुधार किया जाएगा। वर्तमान में व्यवस्थित आवागमन के लिए वैकल्पिक तौर गिट्टी और राखड़ धूल डाली जा रही है।
एके वर्मा, कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग