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कोरबा :बीएमएस एवं इंटक के भाग्य का फैसला इवीएम से करेंगे 304 मतदाता

कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एनटीपीसी में किस श्रमिक संघ को मान्यता मिलेगी। इसका फैसला देर रात तक हो जाएगा। ईवीएम के माध्यम से 304 मतदाता (कर्मचारी) अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इंटक व भारतीय मजदूर संघ में सीधी टक्कर हो रही है। मान्यता के लिए 60 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करना होगा।

दोनों संगठन ने जीत हासिल करने कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ने पूरी ताकत झोंक दिए। अब कर्मचारी किस संगठन को पक्ष में वोट देंगे, यह तो परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। मान्यता प्राप्त यूनियन से कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर प्रबंधन वार्ता करता है। नियमत: कर्मचारियों का सर्वाधिक समर्थन वाली यूनियन ही अधिकृत होती है। एनटीपीसी में मान्यता के लिए यूनियन के मध्य प्रत्येक तीन वर्ष में चुनाव कराया जाता है। वर्तमान में बीएमएस को मान्यता मिली हुई है और संगठन का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है।

इससे एनटीपीसी में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव अधिकारी प्रभाष राम (मानव संसाधन प्रमुख) को चुनाव प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से श्रमिक संघ प्रतिनिधियों द्वारा लगातार चुनाव प्रचार व सभा कर मतदाताओं (कर्मियों) को अपने पक्ष में करने की कवायद की जा रही है। अब कर्मचारियों की बारी है कि वे अपने मताधिकार का उपयोग करें, ताकि एनटीपीसी में एक नंबर यूनियन की स्थिति सामने आ सके। एनटीपीसी स्थित प्रगति क्लब में इवीएम के माध्यम से मतदान कराया जाएगा।

शाम 6.30 बजे तक मतदान होगा। इसके आधा घंटा बाद मतगणना शुरू होगी और परिणाम आने तक जारी रहेगी। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि 60 प्रतिशत मत हासिल करने वाली यूनियन को मान्यता मिलेगी। इसके बाद 30 फीसदी मत प्राप्त करने वाली यूनियन के सदस्य को कमेटी में शामिल किया जाएगा। प्रबंधन के साथ वार्ता करने के लिए बनने वाली कमेटी में सर्वाधिक मत हासिल करने वाली यूनियन के सदस्य ज्यादा होंगे, उसके बाद कम प्राप्त करने वाली यूनियन के एक सदस्य को रखा जाएगा।

एनटीपीसी में नियमित कर्मियों की संख्या लगातार कम होते जा रहा है और ठेका मजदूर अधिक हो गए हैं। इसका असर श्रमिक संघ पर भी पड़ रहा है। वर्तमान में एनटीपीसी कोरबा संयंत्र में कार्यरत 304 कर्मी ही मतदान के लिए पात्र हैं। एनटीपीसी में एटक व सीटू यूनियन के भी पदाधिकारी तथा सदस्य हैं, पर दोनों यूनियन चुनाव में खड़ी नहीं हुई हैं। संगठन के पदाधिकारी किसे समर्थन देंगे, यह मतदान के बाद परिणाम आने पर ही स्पष्ट हो पाएगा।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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