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Korba: घर के कमरे में बेहोश पड़े थे चारों बच्चे, काम से वापस लौटे पिता ने कराया अस्पताल में भर्ती

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सर्दी के मौसम में सब्जियों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए। जरा सी लापरवाही पर लेने के देने पड़ सकते हैं। ऐसा ही एक मामला कोरबा से सामने आया है जहां रिसदी के चार बच्चे फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए। उन्हें कोरबा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर के काम से जुड़े राजकुमार एक्का की पत्नी का निधन कुछ वर्ष पहले हो गया है। उनके चार बच्चे रिसदी में रहकर पढ़ाई करते हैं। बच्चों ने पहले सिगड़ी पर खाना बनाया फिर   खाना खाने के बाद ट्यूशन गये। इसी के साथ उनकी स्थिति बिगड़ गई। बड़ी बेटी 15 वर्षीय दुर्गेश्वरी और 12 वर्षीय दुर्गेश को उल्टी शुरू हो गई जबकि 10 वर्षीय दुर्गा और 9 वर्षीय किरण को चक्कर आने लगे। बताया गया कि चारों घर के कमरे में बेहोशी की हालात में पड़े हुए थे। जब पिता काम से वापस लौटा तो देखा की सभी की हालत गम्भीर है। तत्काल सभी को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भिजवाया गया।

 
फूड प्वॉइजनिंग के शिकार इन चारों बच्चों को सरकारी अस्पताल में उचित उपचार दिया गया अब इनकी हाालत खतरे से बाहर है। चिकित्सकों का मानना है कि अलग-अलग कारणों से कई मौकों पर सब्जी और अन्य चीजों का उपयोग करने के बाद लोग फूड प्वॉइजनिंग जैसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। खासतौर पर ठंडी के सीजन में सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें बेहतर तरीके से छाटने के साथ बॉयल कर लिया जाए। ऐसा करने से दुष्परिणाम की आशंका नहीं रहेगी।

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सर्दी के मौसम में सब्जियों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए। जरा सी लापरवाही पर लेने के देने पड़ सकते हैं। ऐसा ही एक मामला कोरबा से सामने आया है जहां रिसदी के चार बच्चे फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए। उन्हें कोरबा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में ट्रक ड्राइवर के काम से जुड़े राजकुमार एक्का की पत्नी का निधन कुछ वर्ष पहले हो गया है। उनके चार बच्चे रिसदी में रहकर पढ़ाई करते हैं। बच्चों ने पहले सिगड़ी पर खाना बनाया फिर   खाना खाने के बाद ट्यूशन गये। इसी के साथ उनकी स्थिति बिगड़ गई। बड़ी बेटी 15 वर्षीय दुर्गेश्वरी और 12 वर्षीय दुर्गेश को उल्टी शुरू हो गई जबकि 10 वर्षीय दुर्गा और 9 वर्षीय किरण को चक्कर आने लगे। बताया गया कि चारों घर के कमरे में बेहोशी की हालात में पड़े हुए थे। जब पिता काम से वापस लौटा तो देखा की सभी की हालत गम्भीर है। तत्काल सभी को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भिजवाया गया।

 

फूड प्वॉइजनिंग के शिकार इन चारों बच्चों को सरकारी अस्पताल में उचित उपचार दिया गया अब इनकी हाालत खतरे से बाहर है। चिकित्सकों का मानना है कि अलग-अलग कारणों से कई मौकों पर सब्जी और अन्य चीजों का उपयोग करने के बाद लोग फूड प्वॉइजनिंग जैसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। खासतौर पर ठंडी के सीजन में सब्जियों का उपयोग करने से पहले उन्हें बेहतर तरीके से छाटने के साथ बॉयल कर लिया जाए। ऐसा करने से दुष्परिणाम की आशंका नहीं रहेगी।

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