सरकारी राशन लेने पहुंचे ग्रामीणों ने जताई नाराजगी।
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छत्तीसगढ़ के कोरबा में सरपंच पति की सिस्टम को चुनौती पर प्रशासन एक्शन में आ गया है। सरकारी राशन के बदले ग्रामीणों से वसूली की खबर सामने आने के बाद कलेक्टर ने मामले की जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सरपंच पति ने कहा था कि जो गांव वाले नवरात्रि का चंदा नहीं देंगे, उन्हें सरकारी राशन नहीं मिलेगा। चंदे के लिए बकायदा रेट भी तय किया गया था। अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही की बात कही है।
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कलेक्टर संजीव झा ने विकासखंड करतला के अंतर्गत ग्राम गिधौरी में सरपंच और पीडीएस संचालक की ग्रामीणों से अवैध वसूली मामले में सख्त रुख अपनाया है। समय सीमा की समीक्षा बैठक में कलेक्टर झा ने विस्तृत जानकारी अधिकारियों से ली है। इसके बाद बरपाली तहसीलदार आराधना प्रधान, करतला फूड इस्पेक्टर उर्मिला गुप्ता की टीम के साथ गांव पहुंच कर पंचनामा तैयार कर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
ग्राम पंचायत गिधौरी की सरपंच विज्ञानी कंवर हैं। हालांकि पंचायत में उनके पति गोविंदा कंवर की चलती है। उन्होंने फरमान जारी कर इस नवरात्रि पर ग्रामीणों से चंदा मांगा है। पहले चंदा घर-घर जाकर लिया जाता था और ग्रामीण स्वेच्छा से देते हैं। इस बार सरपंच पति गोविंदा ने कहा है कि पहले चंदा दो, उसके बाद ही सरकारी कोटे का राशन मिलेगा। जो नहीं देगा, उसे नहीं मिलेगा। चंदे में 101 रुपये और एक किलो चावल देने को कहा गया है।