Political Leadersछत्तीसगढ़ट्रेंडिंगस्लाइडर

किरणदेव सिंह फिर से छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष चुने गए: किसी भी दावेदारों ने नहीं दिया अपना नाम, जानिए दोबारा क्यों दोहराए गए ?

Kirandev Singh re-elected as Chhattisgarh state president: छत्तीसगढ़ बीजेपी की कमान एक बार फिर किरणदेव सिंह को सौंपी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने इसकी घोषणा की है। वे देर रात रायपुर पहुंचे। एयरपोर्ट पर खुद किरणदेव ने उनका स्वागत किया। प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन भी मौजूद रहे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के इस चुनाव को ड्रामा बता रही है। गुरुवार रात पार्टी के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई।

चुनाव अधिकारी खूबचंद पारीख ने बताया कि, 3 सेट में नामांकन आए हैं। तीनों में किरणदेव का नाम था। खूबचंद पारीख ने प्रक्रिया के बारे में बताया कि अध्यक्ष बनने के लिए व्यक्ति का 3 बार सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। 30 प्रस्तावक थे, सिर्फ किरणदेव के नाम पर नामांकन जमा हुआ।

दावेदारों ने नहीं दिए नाम

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल दावेदार माने जा रहे थे। ये नेता न तो दावेदारी की खबरों का खंडन कर रहे थे और न ही खुलकर कुछ स्वीकार कर रहे थे। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने पर दोनों नेता मंच पर किरण देव से हाथ मिलाते नजर आए, दोनों में से किसी ने अपना नाम आगे नहीं बढ़ाया।

बीजेपी सांसद के बिगड़े बोल: कहा- मैं तेरा बाप बोल रहा हूं, ​​​​​​​फोन पर ठेकेदार से की गाली-गलौज, VIDEO वायरल

किरण देव को क्यों दोहराया गया

  • किरण देव सिंह ने अपने कार्यकाल का करीब एक साल पूरा कर लिया। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। उन्होंने संगठन का काम पूरा किया।
  • जब लोकसभा चुनाव आए तो राज्य भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा, बस्तर में भाजपा का सांसद चुना गया, किरण देव बस्तर से विधायक हैं।
  • अब नगर निगम चुनाव सामने हैं, दिल्ली के बड़े नेता फिलहाल संगठन के ढांचे में छेड़छाड़ नहीं करना चाहते। किरण देव को दोबारा लाने की एक वजह यह भी है।
  • भाजपा यह बता सकती है कि बस्तर से आने वाली किरण देव के अध्यक्ष बने रहने से कमान आदिवासी क्षेत्र के नेता के हाथ में है। क्योंकि कांग्रेस में भी बस्तर से दीपक बैज अध्यक्ष हैं।
  • किरण देव के खिलाफ कार्यकर्ताओं में कोई खास विरोध या नाराजगी नहीं है, इस वजह से भी किरण देव को बदलने पर विचार नहीं किया गया।

Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button