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kanker : पड़ोसी की दीवार ढहने से गई बच्ची की जान, साल भर में मकान के मलबे में दबने से हो चुकी है आठ की मौत

जिले के जर्जर मकानों के ढहने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। गुरुवार शाम चारामा के चुचरूंगपुर में एक दीवार ढहने से वहां खेल रही पड़ोस में रहने वाली 3 साल की बच्ची की मौत हो गई। साल भर में इसी तरह जिले में मकान व दीवार ढहने से कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना के ठीक एक साल पहले 20 जनवरी 2022 को इसी तरह दीवार ढहने से दुधावा इलाके में एक बच्ची की मौत हो गई थी। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के बावजूद जर्जर दीवार व मकान को गिराने के लिए जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 

चारामा थानांतर्गत ग्राम चुचरूंगपुर में 19 जनवरी गुरूवार शाम 4 बजे घर के बाहर बच्ची साक्षी यादव 3 साल पिता संत यादव खेल रही थी। अचानक वहां जोर की आवाज आई। परिजन उस ओर दौड़े। दीवार का एक हिस्सा गिरा हुआ था तथा उसके मलबे में बच्ची दबी थी। तत्काल मलबे को हटा बच्ची को इलाज के लिए चारामा अस्पताल पहुंचाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

जहां बच्ची खेल रही थी वहां पड़ोसी गौरी बाई का कच्चा मकान है जिसकी एक दीवार काफी जर्जर हो गई थी। इसी जर्जर दीवार का हिस्सा अचानक बच्ची पर गिर गया। मलबे से सिर में गहरी चोट आने के कारण मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पुलिस भी अस्पताल पहुंची और मर्ग कायम किया। रात होने के कारण पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए लाइट की व्यवस्था की। रात में शव के पोस्टमार्टम कराने तैयारी चल रही थी। सूचना मिलते ही तहसीलदार चारामा भी अस्पताल पहुंचे। घटना सामने आने के बाद से गांव में मातम छा गया। 

विदित हो कि इस घटना से ठीक एक साल पहले 20 जनवरी को दुधावा इलाके के गांव बरकई में 10 वर्षीय बालिका सकिता मरकाम पर पड़ोसी की दीवार भरभरा कर ढह गई थी। उसके मलबे में दबने से बालिका की मौत हो गई थी। इसके अलावा कांकेर के नाथियानवागांव में 18 जुलाई को कच्चे मकान की दीवार ढहने से महिला देवकी शांडिल्य की मौत हो गई थी। 

एक ही मकान में दब गए थे 5 लोग 

पिछले साल अगस्त 2022 में बांदे इलाके के गांव मणिपुर में इसी तरह बारिश से कच्चा मकान भीग कर ढह गया था। आधी रात में हुई इस घटना के दौरान परिवार के सभी लोग एक कमरे में सोए हुए थे। हादसे में माता पिता के अलावा उनकी तीन बेटियों की मौत हो गई थी। पांच लोगों की मौत होने के बाद भी जानकारी तत्काल किसी को नहीं लगी। सुबह जब लोग उठे तथा मकान गिरा देखा तब यह घटना सामने आई। मलबे से पांचों के शव निकाले गए। 

मकान ढहने की और भी घटनाएं जिनमें टल गया गंभीर हादसा  

जिले में और भी मकान व दीवार ढहने की घटनाए हो चुकी हैं जिनमें गंभीर हादसा टल गया। 16 अगस्त को पखांजूर के वार्ड क्रमांक 2 में मकान की कच्ची दीवार ढह गई थी। यहां भी पूरा परिवार सोया हुआ था लेकिन दीवार इनसे कुछ दूरी गिरी जिससे गंभीर हादसा टल गया। 7 सितंबर को आलोर में एक कच्चे मकान की दीवार गिर गई थी। यहां रहने वाला बुजूर्ग कुछ दूर होने के कारण बच गया था। 

शहर में ही है कई कच्चे जर्जर मकान 

जिले में अंदरूनी इलाके की बात तो दूर जिला मुख्यालय में ही कई जर्जर मकान हैं जो सड़क से सटे होने के साथ ही कभी भी गिर सकते हैं। जिम्मेदार इसे हटाने की कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। गिल्ली चौक में शीतलापारा मार्ग पर ही एक पुराना मकान काफी जर्जर हो चुका है जिसका कुछ हिस्सा गिर कर सड़क पर आते रहता है। 

घटना की कर रहे जांच 

टीआई नितिन तिवारी ने बताया दीवार ढहने व उसमें दबने से एक बच्ची की मौत हो गई है। इसके अलावा इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। लाइट की व्यवस्था कर तहसीलदार की उपस्थिति में शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मामले की जांच की जाएगी। 

 

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