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Political: कमलनाथ को सोनिया ने दिल्ली बुलाया, गहलोत-पायलट गुट में कराएंगे सुलह, यह भी हो सकता है?

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। राजस्थान में सीएम की कुर्सी के लिए मचे सियासी घमासान को कंट्रोल करने के लिए सोनिया गांधी ने अब कमलनाथ को जिम्मेदारी दी है। सूत्रों की माने तो सोनिया ने कमलनाथ को फोन कर दिल्ली आने के लिए कहा।

कुर्सी को लेकर राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलेट के बीच चल रहे घमासान की वजह से कमलनाथ को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में बताया जा रहा है, राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सोनिया और कमलनाथ की मीटिंग के बाद आज कुछ तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

कमलनाथ के नाम पर सहमत
कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे अशोक गहलोत सियासी संकट में घिर गए हैं। ऐसे में पूरे देश में ये मैसेज जा रहा है कि राजस्थान के सीएम रहते हुए अपने राज्य में अपनी ही पार्टी के संकट को संभालने में नाकाम रहे नेता को यदि कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो आगे आने वाले वक्त में स्थितियां बिगड़ सकती हैं।

कांग्रेस नेताओं की माने तो अब अशोक गहलोत की जगह दूसरे नामों पर विचार हो रहा है। अचानक पैदा हुए हालातों के बीच कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो कमलनाथ के नाम पर जी-23 के नेता भी सहमत हो गए हैं।

दिग्विजय के प्रेशर से बदली परिस्थितियां
कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष के मुख्य दावेदार अशोक गहलोत को सीएम पद छोड़ने को लेकर कई बार सार्वजनिक बयान भी दिए हैं। लगातार प्रेशर के बाद अशोक गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर यह कह दिया कि वे सीएम का पद छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन अगली बार राजस्थान में सरकार की वापसी कराने में सक्षम नेता को सीएम बनाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष के दावेदारों में दिग्विजय सिंह का भी नाम प्रमुखता से चला।

एक इंटरव्यू के दरम्यान दिग्विजय सिंह ने खुद को इस दौड़ में शामिल बताया था। हालांकि, उन्होंने आखिरी फैसला कांग्रेस नेतृत्व और सोनिया-राहुल पर छोड़ने की बात भी कही थी। एक व्यक्ति-एक पद के फॉर्मूले को पालन कराने के बयानों पर गहलोत सहमत तो हो गए, लेकिन राजस्थान में सियासी संकट पैदा हो गया। इस संकट को संभालने में खुद हो असहाय बताने के बाद गहलोत के अलावा दूसरे नामों की चर्चा भी तेज हो चली है।

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। राजस्थान में सीएम की कुर्सी के लिए मचे सियासी घमासान को कंट्रोल करने के लिए सोनिया गांधी ने अब कमलनाथ को जिम्मेदारी दी है। सूत्रों की माने तो सोनिया ने कमलनाथ को फोन कर दिल्ली आने के लिए कहा।

कुर्सी को लेकर राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलेट के बीच चल रहे घमासान की वजह से कमलनाथ को विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में बताया जा रहा है, राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सोनिया और कमलनाथ की मीटिंग के बाद आज कुछ तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

कमलनाथ के नाम पर सहमत

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे अशोक गहलोत सियासी संकट में घिर गए हैं। ऐसे में पूरे देश में ये मैसेज जा रहा है कि राजस्थान के सीएम रहते हुए अपने राज्य में अपनी ही पार्टी के संकट को संभालने में नाकाम रहे नेता को यदि कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो आगे आने वाले वक्त में स्थितियां बिगड़ सकती हैं।

कांग्रेस नेताओं की माने तो अब अशोक गहलोत की जगह दूसरे नामों पर विचार हो रहा है। अचानक पैदा हुए हालातों के बीच कमलनाथ का नाम आगे किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो कमलनाथ के नाम पर जी-23 के नेता भी सहमत हो गए हैं।

दिग्विजय के प्रेशर से बदली परिस्थितियां

कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष के मुख्य दावेदार अशोक गहलोत को सीएम पद छोड़ने को लेकर कई बार सार्वजनिक बयान भी दिए हैं। लगातार प्रेशर के बाद अशोक गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर यह कह दिया कि वे सीएम का पद छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन अगली बार राजस्थान में सरकार की वापसी कराने में सक्षम नेता को सीएम बनाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष के दावेदारों में दिग्विजय सिंह का भी नाम प्रमुखता से चला।

एक इंटरव्यू के दरम्यान दिग्विजय सिंह ने खुद को इस दौड़ में शामिल बताया था। हालांकि, उन्होंने आखिरी फैसला कांग्रेस नेतृत्व और सोनिया-राहुल पर छोड़ने की बात भी कही थी। एक व्यक्ति-एक पद के फॉर्मूले को पालन कराने के बयानों पर गहलोत सहमत तो हो गए, लेकिन राजस्थान में सियासी संकट पैदा हो गया। इस संकट को संभालने में खुद हो असहाय बताने के बाद गहलोत के अलावा दूसरे नामों की चर्चा भी तेज हो चली है।

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