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दो दर्जन केंद्रों में चबूतरा न शेड धान खरीदी के दौरान होती है परेशानी

जांजगीर – चांपा । समर्थन मूल्य में इस बार जांजगीर और सक्ती जिला के केंद्रों में धान की खरीदी की जाएगी। धान खरीदी के दौरान बरसात होने पर जमीन गिला हो जाता है और वर्षा के पानी से धान की बोरी भीग जाती है। धान की बोरी को भीगने से बचाने के लिए दो दर्जन केंद्रों में न शेड की व्यवस्था है और न ही चबुतरा का निर्माण हुआ है। ये ऐसे केंद्र हैं जहां सरकारी जमीन नहीं होने की वजह से निजी जमीन पर या मंडी की जमीन पर खरीदी होती है।

प्रदेश में इस वर्ष 1 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की जाएगी। जिला प्रशासन के साथ ही जिला सहकारी बैंक ने धान खरीदी की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में पिछले वर्ष 239 खरीदी केंद्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य में धान खरीदी की गई थी। पिछले वर्ष धान बेचने के लिए 1 लाख 99 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। जिसमें से 1 लाख 80 हजार किसानों से 78 लाख क्िवटल धान की खरीदी की गई थी। 239 केंद्रों में दो दर्जन केंद्र ऐसे हैं जहां धान को पानी से बचाने के लिए न शेड की सुविध्ाा है और न ही चबुतरा की व्यवस्था है। ये ऐसे केंद्र हैं जो निजी जमीन पर संचालित है। सरकारी जमीन नहीं होने की वजह से इन केंद्रों में अभी तक चबुतरा और शेड का निर्माण नहीं हो सका है। इसके चलते धान खरीदी के दौरान बरसात होने पर इन केंद्रों में जमीन पर और खुले आसमान के नीचे रखी धान की बोरियां भीग जाती है। जिसके कारण समितियों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसी तरह कई खरीदी केंद्र ऐसे हैं जहां चबुतरा तो बन गया है मगर वहां शेड की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते वर्षा होने पर यहां रखी धान की बोरियां भी भीग जाती हैंं। खरीदी के दौरान बरसात होने पर धान की बोरियांें को भीगने से बचाने के लिए हर साल पालीथीन खरीदी के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं।

इन केंद्रों में नहीं है चबुतरा

जिला मुख्यालय जांजगीर के नैला, बनारी, भैंसदा, मेंहदी, सांकर, किरारी, चांपा, सरहर, अकलसरा, डूमरपारा, जैैजैपुर, सक्ती, देवरघटा, डभरा, कोटमी, बड़े कटेकोनी, छोटे कटेकोनी, कांसा, सपोस, बारापीपर, चंद्रपुर ऐसे ध्ाान खरीदी केंद्र हैं जहां चबुतरा नहीं है। इन केंद्रों में निजी जमीन पर धान की खरीदी की जाती है। विभागीय अध्ािकारियों का कहना है कि सरकारी जमीन नहीं होने की वजह से यहां अभी तक यहां चबुतरा का निर्माण नहीं हो सका है।

जांजगीर में 123 सक्ती में 116 खरीदी केंद्र

धान खरीदी में इस बार कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे। जांजगीर-चांपा धान खरीदी में सबसे टाप पर रहता था मगर अब सक्ती जिला अलग से किसान संख्या और खरीदी की मात्रा दो जिलों में बंट जाएगी। इसलिए स्थिति बदल जाएगी। इसी तरह समितियों और उपार्जन केंद्र भी दोनों जिले में बंट जाएंगे। जांजगीर-चांपा जिले में अब उपार्जन केंद्रों की संख्या 123 तो सक्ती जिले में उपार्जन केंद्रों की संख्या 116 हो गई है। वहीं जांजगीर-चांपा जिला में सहकारी समिति 101 तो सक्ती जिला में 95 सहकारी समिति हो गई है। हालांकि इस बार भी नए उपार्जन केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में उपार्जन केंद्रों की संख्या और बढेगी।

31 अक्टूबर तक चलेगा पंजीयन

इधर धान खरीदी के लिए किसान पंजीयन जारी है। एक सितंबर से इसकी शुरुआत हुई है और 31 अक्टूबर तक किसान पंजीयन होगा। पिछले साल एक लाख 99 हजार 884 किसानों ने पंजीयन कराया था। इस साल किसान संख्या का दो जिलों में बंटवारा हो जाएगा। ऐसे में इस बार कुल कितने किसान पंजीकृत होंगे यह 31 अक्टूबर के बाद पता चलेगा।

” दोनों जिले के लगभग सभी केंद्रों में चबुतरा का निर्माण हो चुका है। कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां सरकारी जमीन पर खरीदी होती है ऐसे केंद्रों में ही चबुतरा का निर्माण नहीं हो सका है। इन स्थानों में सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है।

अश्वनी पांडेय

नोडल अध्ािकारी, जिला सहकारी बैंक

Posted By: Yogeshwar Sharma

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