तीनों आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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जांजगीर चाम्पा जिला के बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की मिली भगत से शिक्षा के अधिकार क़ानून के तहत 72 लाख रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। मामले मे जिला शिक्षा अधिकारी ने कोतवाली थाना मे रिपोर्ट दर्ज किया है।पुलिस ने इस मामले मे क्लर्क शिवंदन राठौर, कंप्यूटर ऑपरेटर विकास साहू उम्र 43 दोनो निवासी जांजगीर और स्कूल संचालक राजेंद्र मौर्य उम्र 55 तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
जांजगीर चाम्पा जिला के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास साहू,क्लर्क शिवानंद राठौर ने बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल के संचालक के सांठ- गांठ कर 72 लाख रुपये का घोटाला किया और शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल संचालक को 7 लाख जारी करने के बजाय 72 लाख से अधिक की राशि जारी कर दी। मामला 2019 -20 का है। मामले में कलेक्टर के निर्देश पर क्लर्क शिवानंद राठौर को निलंबित और कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास साहू को बर्खास्त किया और स्कूल संचालक को राशि वापस करने के निर्देश दिए। इस मामले में स्कूल संचालक ने अपनी गलती स्वीकार की, और क्लर्क ने इसे मानवीय त्रुटि बताते हुए सुधार के लिए उच्च अधिकारियों को पहले ही जानकारी देने का दावा किया।
इस मामले में एडिशनल एसपी अनिल सोनी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को तीनों के खिलाफ कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आरटीआई के तहत 72 लाख से अधिक की राशि शासन से ले लिया था जबकि, मयूरा स्कूल को मात्र 7 लाख रुपये भुगतान करना था। कई बार नोटिस जारी कर बाकि राशि को वापस करने के निर्देश दिए गए लेकिन स्कूल संचालक द्वारा 35लाख जमा करने के बाद बाकि राशि जमा करने में टाल मटोल किया जा रहा था। इस मामले में विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क की मिली भगत सामने आई है। जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है, तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
शिक्षा विभाग में हुए इस घोटाले के बाद दो साल में तीन जिला शिक्षा अधिकारी बदल गए और इस मामले में किसी ने संज्ञान तक नहीं लिया। अब नये जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना शुरु हो गया है और पुलिस जांच में और भी खुलासा होने की संभावना बनी हुई है।