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Jammu-Kashmir Assembly Elections: घाटी के कौन हैं वो चेहरे, जिनके भरोसे बीजेपी जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का सपना देख रही

Jammu-Kashmir Assembly Elections BJP dream of forming government: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित होंगे, लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल ने सियासी धड़कनें बढ़ा दी हैं। जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजे आपको चौंका सकते हैं, लेकिन बीजेपी ने अपनी सियासी कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी की उम्मीदें छोटे दलों के साथ-साथ निर्दलीय और बागी उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर टिकी हैं। अगर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो वह छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाएगी, इसके लिए पर्दे के पीछे निर्दलीय और छोटे दलों के साथ साजिश बुनी जा रही है।

जम्मू-कश्मीर चुनाव के एग्जिट पोल अनुमानों का औसत आंकड़ा देखें तो बीजेपी को 30 से 32 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 42 से 45 सीटें मिलने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 46 विधायकों का समर्थन चाहिए, लेकिन उपराज्यपाल के पास पांच विधायकों को नामित करने का अधिकार है। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 48 हो जाता है। ऐसे में कश्मीर में सत्ता पर कब्जा करने के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने की राजनीतिक पार्टियों की कोशिशें अभी से तेज हो गई हैं, ताकि नतीजों के बाद समय बर्बाद न हो। 

भाजपा ने छोटे दलों को साधने की कवायद शुरू की

भाजपा को उम्मीद है कि वह जम्मू संभाग क्षेत्र की कुल 43 विधानसभा सीटों में से 32 से 35 सीटें हासिल कर सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह का मानना ​​है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन की सरकार बनाने में कोई भूमिका नहीं होगी। इसके लिए भाजपा नेता सरकार बनाने का फॉर्मूला भी रख रहे हैं कि कैसे बहुमत का आंकड़ा हासिल किया जाए। इसके लिए जम्मू संभाग क्षेत्र में भाजपा के प्रदर्शन के साथ ही घाटी में निर्दलीय और छोटे दलों के साथ आने का दावा भी किया जा रहा है।

भाजपा, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा सात स्थानीय दलों और कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने जम्मू-कश्मीर में मजबूती से चुनाव लड़ा है। चुनाव के बाद छोटे दल और निर्दलीय विधायक राज्य में सत्ता की दिशा तय करेंगे। कश्मीर संभाग में जिस तरह का वोटिंग पैटर्न है, उससे भाजपा को लगता है कि पीडीपी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन भले ही सबसे ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब हो गया हो, लेकिन वे अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होंगे। जम्मू संभाग में भाजपा को कितनी उम्मीद? भाजपा को उम्मीद है कि अगर वह जम्मू संभाग से 32 से 35 सीटें जीत लेती है तो उसकी सरकार बनना तय है। कश्मीर संभाग की सीटों की बात करें तो एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि पीडीपी काफी पीछे रहेगी और भाजपा इसमें अपने लिए संभावनाएं देख रही है।

कश्मीर संभाग में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की मौजूदगी के बीच अगर छोटे दल, बागी और निर्दलीय उम्मीदवार अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सत्ता की तस्वीर बदल सकती है। भाजपा को चुनाव परिणाम में इसकी उम्मीद है और उसने सरकार बनाने के लिए राजनीतिक बिसात भी बिछानी शुरू कर दी है।

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 62 सीटों पर चुनाव लड़ा है, जबकि बाकी 28 सीटों पर उसने निर्दलीय और छोटे दलों को समर्थन दिया है। भाजपा ने कश्मीर के संभागीय क्षेत्र में निर्दलीयों को समर्थन दिया है। भाजपा नेताओं के अनुसार, अगर पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है तो बिना देरी किए निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों के दम पर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।

निर्दलीय नेताओं से बातचीत शुरू

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा कि निर्दलीय चुनाव जीतने की क्षमता रखने वाले नेताओं से बातचीत शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी स्तर पर नहीं बल्कि उनके अपने स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि भाजपा सरकार बनाए, इसके लिए मैं उन नेताओं से बात कर रहा हूं जिन्हें हम जानते हैं और जो चुनाव लड़ चुके हैं। निर्मल सिंह ने कहा कि हम ही नहीं बल्कि पार्टी के बाकी लोग भी इस मिशन में लगे हुए हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस तरह चुनाव पूर्व गठबंधन होता है, उसी तरह मतगणना से पहले भी चर्चा हो सकती है।

सरकार बनाने की दिशा में कवायद शुरू

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि हम चुनाव नतीजों के इंतजार में नहीं बैठना चाहते बल्कि सरकार बनाने की दिशा में भी कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए उन्होंने कश्मीर घाटी में उन निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क बनाए रखा है, जिनका उन्होंने चुनाव में समर्थन किया है। उनका कहना है कि कश्मीर क्षेत्र में समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों में से 10 से 15 जीतेंगे। इस तरह जम्मू संभाग में भाजपा के 35 विधायक और कश्मीर संभाग के निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

भाजपा की नजर मनोनीत विधायकों पर

जम्मू-कश्मीर में भाजपा की कोशिश जम्मू संभाग से कम से कम 35 सीटें जीतने की है। इसके अलावा भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा राज्य के पांच मनोनीत विधायक हैं। नए कानून के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल की ओर से 5 सदस्यों को मनोनीत किया जाना है। ऐसे में निर्वाचित सदस्यों की तरह उन्हें भी विधानसभा में बहुमत समेत सभी अधिकार प्राप्त होंगे।

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