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कहीं टंकी नहीं, तो कहीं पानी नहीं ? गर्त में जल जीवन मिशन योजना, पानी में बह गए 650 करोड़, 18 ठेकेदारों के टेंडर रद्द और 72 नोटिस

गरियाबंद जिले में जल जीवन मिशन योजना गर्त में है। निकम्मे ठेकेदार और लापरवाह जिम्मेदारों की वजह से लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। 650 करोड़ रुपये 666 गांवों के लिए पानी में बहाने का काम किया जा रहा है। कहीं पानी नहीं है, तो कहीं टंकी नहीं है। कनेक्शन कर दिए गए हैं, लेकिन नल सूखे पड़े हैं। PHE ने 18 ठेकेदारों का टेंडर रद्द कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग ने 72 ठेकेदारों को नोटिस जारी किया गया है।

650 करोड़ के लागत से 666 गांव के 1 लाख 36,931 घरों में 2024 तक पानी पहुंंचाया जाना है, लेकिन काम कछुए की चाल में हो रहा है, जिससे कार्रवाई की गई है।डेढ़ साल में ठेका कंपनियों ने ने 98,600 घरों तक कनेक्शन कर दिया है। इनमें से भी 40 फीसदी कनेक्शन में अब तक पानी नहीं पहुंचा। कहीं टंकी निर्माण में देरी तो कहीं स्थल विवाद तो कहीं ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है। ऐसे में अब काम को आगे तय समय के भीतर पूरा कराना प्रशासन के लिए चुनौती है।

एक्शन मोड में आया प्रशासन

कलेक्टर आकाश छिकारा को अब पीएचई के नए मुखिया के रूप में कार्यपालन अभियंता पंकज जैन मिल गए हैं। दोनों युवा अफसरों की जुगलबंदी से मिशन पूरा करने का प्रयास विभाग ने तेज कर दिया है। मामले में कोताही न बरता जाए, इसके लिए विभाग एक्शन मोड पर आ गया है।

72 एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस

EE पंकज जैन ने बताया कि काम शुरू न करने और लापरवाही बरतने वाले फर्म के 18 निविदा निरस्त किए गए हैं। काम में तेजी और गुणवत्ता लाने 72 कार्य के एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस भी थमाया गया है। विभागीय टीम पर भी नकेल कसना शुरू कर दिया है। अफसर ने दावा किया है कि कमजोर कड़ी को हटाने के बाद बंद पड़े सभी कार्यों को नए सिरे से शुरू कर दिया गया है।

मैनपुर सबसे पीछे, प्रतिशत में समझिए कहां कितना काम ?

छुरा ब्लॉक के 74 पंचायत में 28849 घरों में स्टेंड पोस्ट बनाना था। 18,240 में बनाया जा सका है (62.23%), देवभोग ब्लॉक के 54 पंचायत में 29566 में होना था, जिसमें 20, 590में (69.64%), फिंगेश्वर ब्लॉक के 72 पंचायत में 35, 946 में 25,781 कनेक्शन(71.72%), गरियाबंद के 62 पंचायत में 23,326 में से 16,100 कनेक्शन हुआ (69.02%), मैनपुर ब्लॉक के74 पंचायत में 35871 में होना था, जिसमें 13, 871(37.87%)। मैनपुर सबसे पीछे है। ये आंकड़े विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार है।

इन ठेका कंपनियों का टेंडर निरस्त

फिंगेश्वर ब्लॉक में भेंडरी में कार्यरत फर्म यूनाइटेड ट्रेडर्स, घोघरा और पटोरी में कार्यरत फर्म डेक्सट्रास डिजाइनर, मैनपुर ब्लॉक में बनवापारा कार्यरत फर्म सचिन सिंघल, घुमरापदर में कार्यरत योगेश सॉल्यूशन, शोभा में कार्यरत सुनील कुमार अग्रवाल, कोकड़ी और डेंडूपदर में कार्यरत पैरी इनफ्रोटेक का टेंडर रद्द कर दिया गया है।

इसके साथ ही बरगांव में कार्यरत वीपी को सॉल्यूशन, अमाड में कार्यरत मीरा एसोसिएट,देवगुड़ा में कार्यरत संघर्ष श्रीमाली, बरगांव में कार्यरत एस सी को सॉल्यूशन,मोंगराडीह में कार्यरत साहू ट्रेडर्स, नकबेल में कार्यरत शिव शक्ति कंस्ट्रक्सन, मटाल में कार्यरत पटेल हिमांशु कुमार डी का टेंडर निरस्त कर दिया गया है।

छुरा ब्लॉक के द्वारतरा और कनफाड़ में कार्यरत ग्लोबल एनाइयरो इन्फ्रास्ट्रक्चर और गरियाबंद ब्लॉक के मोहलाइ में कार्यरत साहू कंस्ट्रक्शन का निविदा निरस्त करने की कार्रवाई विभाग ने की है।

6 लाख रुपए राजसात की गई

विभाग के ईई पंकज जैन बताया कि इन फर्मों के द्वारा कार्य के लागत के एवज में जमा की गई अमानत राशि(0.75%) लगभग 6 लाख रुपए राजसात की गई है।

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