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बीजापुर: 2800 वर्ग किमी क्षेत्र में 25 हजार KM की पेट्रोलिंग कर ITR बना नंबर वन, प्रोत्साहित किए जा रहे कर्मी

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वन्यप्राणियों की सुरक्षा में तैनात इंद्रवती टाइगर रिजर्व में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों ने प्रदेश भर में सबसे ज्यादा जंगलों में पेट्रोलिंग कर पहला स्थान पाया हैं। आईटीआर के अफसर अब इस काम में और ज्यादा कसावट लाने व कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए हीरोस ऑफ द मंथ स्पर्धा शुरू की हैं। इसमें ज्यादा पेट्रोलिंग करने वाले कर्मियों को इनाम देकर प्रोत्साहित किया जा रहा हैं। 

देश के तीसरे सबसे बड़े इंद्रावती टाइगर रिजर्व का क्षेत्र 2800 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित हैं। इसमें 99 वन बीट हैं। यह पूरा इलाका बाघ, भालू, वन भैंसे, गौर, तेंदुआ सहित अन्य वन्यप्राणीयों का रहवास स्थल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए पूरे परिक्षेत्र की बीटों पर वनरक्षकों के द्वारा पैदल व मोटरसाइकिलों से जंगलों में पेट्रोलिंग की जा रही हैं। इंद्रावती टायगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि दिसंबर महीने में वनकर्मियों ने 25000 किलोमीटर से ज्यादा पेट्रोलिंग की है, जो पूरे प्रदेश में पहला स्थान हैं। 

इससे पहले भी नवंबर के महीने में वन कर्मियों ने 21000 किलोमीटर पेट्रोलिंग की थी। उपनिदेशक धम्मशील ने बताया कि इससे पहले यह पेट्रोलिंग क्षेत्र की संवेदनशीलता का हवाला देकर नहीं कि जाती थी। लेकिन वर्तमान में यहां लगातार पेट्रोलिंग हो रही है और इसकी रिपोर्ट बाकायदा हेड ऑफिस भेजी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पेट्रोलिंग की रिपोर्ट से एनटीसीए (नेशनल टायगर कंजर्वेशन अथॉरटी) भी संतुष्ट हैं। एनटीसीए भी लगातार पेट्रोलिंग रिपोर्ट की समीक्षा कर रही हैं। पेट्रोलिंग का असर अब जंगलों में जहां दिखने लगा हैं। वही वन कर्मी भी उत्साहित हैं। 

शुरू किया हीरोस ऑफ द मंथ 

उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया की हमने इंद्रावती हीरोस ऑफ़ द मंथ के नाम से एक प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इस आयोजन का मकसद हमारे कर्मचारियों में उत्साह बढ़ाना है। हर महीने लक्ष्य से ज्यादा पेट्रोलिंग करने वाले बीएफओ (फारेस्ट बीट ऑफिसर) को इनाम दिया जा रहा है। ताकि वो ज्यादा से ज्यादा अपने-अपने वन बिटों पर पेट्रोलिंग करें। ताकि वन्यप्राणियों और वनों की सुरक्षा हो सकें। साथ ही साथ हर वन बीट पर पेट्रोलिंग गार्ड यानी गांव के स्थानीय निवासियों को भी जंगलों की सुरक्षा में लगाया गया है। जिससे की जंगलों में होने वाली हर मूवमेंट की जानकारी विभाग को मिलती रहे।

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