
Interview of Shweta Diwan, topper of CGPSC Civil Judge exam: सिविल जज परीक्षा के पहले प्रयास में डॉक्टर ने मेन्स के दिन ही डिलीवरी की तारीख दी थी, लेकिन मैंने परीक्षा के लिए प्री-डिलीवरी की। इसके बाद मैं अपने नवजात बच्चे को छोड़कर पेपर देने चली गई। इस दौरान मैं इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंची, लेकिन सेलेक्ट नहीं हो सकी।
यह कहना है छत्तीसगढ़ सिविल जज की टॉपर श्वेता दीवान का… जिन्होंने अपने दूसरे प्रयास में न सिर्फ इस सीजीपीएससी परीक्षा को क्रैक किया, बल्कि टॉप भी किया।
जानिए उनके सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी
सवाल – अभी नन्हा बच्चा आपकी गोद में है। आपने उसके साथ कैसे तैयारी की?
जवाब – मेरी जर्नी बच्चे के जन्म से पहले की है। दरअसल, पहले प्रयास में सिविल जज की प्री-परीक्षा के दौरान मैं प्रेग्नेंट थी और मेन्स के दिन ही डिलीवरी की तारीख दी गई थी। परीक्षा में बैठने के लिए मैंने प्री-डिलीवरी की। मैं इंटरव्यू तक भी पहुंची, लेकिन सेलेक्ट नहीं हो सकी।
सवाल – पहले प्रयास में तमाम कोशिशों के बावजूद मेरा सेलेक्ट नहीं हो सका। ऐसे में क्या आपको लगा था कि आप दूसरे प्रयास में टॉप कर लेंगी?
उत्तर- दूसरे प्रयास में बच्चा 4 महीने का था। मैंने उसकी देखभाल करते हुए पढ़ाई की। पहले प्रयास में चयन न होने पर मैं निराश हो गई थी। मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है, मैंने कठिन परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।
अब छोटे बच्चे के साथ आगे की तैयारी करनी थी, इसलिए पति सुयश धर दीवान के साथ-साथ मेरे माता-पिता और ससुराल वालों ने भी मेरा पूरा साथ दिया। भगवान ने भी मेरा साथ दिया, इसलिए मैंने तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि मैंने टॉप किया।
प्रश्न- क्या आप शुरू से ही जज बनना चाहती थीं?
उत्तर- ऐसा नहीं है, मैंने 11वीं और 12वीं में मैथ्स विषय से पढ़ाई की। फिर मैंने इंजीनियरिंग की और BALCO (भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड) में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर भी काम किया। 2018 में शादी होने के बाद मैंने तय किया कि मुझे सिविल जज बनना है। इसलिए 2019 में मैंने लॉ किया और फिर सिविल जज की तैयारी की।
सवाल- इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए?
जवाब- लॉ से ही जुड़े सवाल थे। सुप्रीम कोर्ट जजमेंट, आरटीआई, भारतीय संशोधन अधिनियम, वसीयत का सबूत जैसे सवाल पूछे गए।
सवाल- आप जज बन गए हैं। आने वाले दिनों में आपको कई फैसले देने होंगे। इस बारे में आप क्या सोचते हैं?
जवाब- मैं न्यायपालिका से इसलिए भी ज्यादा प्रभावित था क्योंकि मैं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ऑनलाइन देखता था। तब मुझे लगा कि यह न्याय का सशक्त माध्यम है। मुझे इसमें योगदान देना चाहिए। मैं खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करूंगा और भविष्य में कुछ अच्छा करूंगा।
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